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यूट्रस रिमूव से भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा टलता नहीं है, सिर्फ टीका ही बचाव: डॉ अपूर्वा टाक

महिलाओं में गर्भाशय कैंसर को लेकर गायनी कैंसर सर्जन डॉ अपूर्वा टाक का कहना है कि इसका इलाज केवल टीका है.

Gynecological Cancer Surgeon Dr Apoorva Tak
गायनी कैंसर सर्जन डॉ अपूर्वा टाक
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 4, 2024, 5:45 PM IST

Updated : Feb 4, 2024, 7:15 PM IST

सर्वाइकल कैंसर के इलाज को लेकर क्या बोली डॉ अपूर्वा टाक

जोधपुर. महिलाओं में गर्भाशय कैंसर का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं बच्चेदानी यानी गर्भाशय हटाना भी इसका उपचार नहीं है. सिर्फ टीकाकरण और समय अपर स्क्रीनिंग से बचाव हो सकता है. यह कहना है प्रदेश की पहली गायनी कैंसर सर्जन डॉ अपूर्वा टाक का. मूलत जोधपुर की रहने वाली डॉ अपूर्वा मानती हैं कि कैंसर केयर गैप कम होना जरूरी है. यानी की समय पर स्क्रीनिंग, बचाव के लिया एचपीवी टीका और उपचार के लिए समय रहते सर्जरी जरूरी है. कैंसर डे पर एक वीडियो संदेश में टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल गुवाहाटी में कार्यरत डॉ अपूर्वा ने बताया कि यह एक मात्र कैंसर है, जिससे बचा जा सकता है.

केंद्र सरकार ने सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए टीकाकरण की घोषणा की है, जो काफी लाभदायक होगा. लेकिन इसकी शुरुआत शादी से पहले 9 से 14 की उम्र की लड़कियों से होनी चाहिए. इसमें दो डोज लगती हैं. इसके उपर 3 डोज लगती हैं. शादी से पहले अगर टीकाकरण होता है, तो ज्यादा असरदार होता है. यह बीमारी ह्यूमन पेपिनोमा वायरस से होती है. उल्लेखनीय है कि डॉ अपूर्वा उम्मेद अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ भारती टाक और एनेस्थिसिया के डॉ एमएल टाक की पुत्री हैं. अपूर्वा ने जोधपुर डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. आरएनटी मेडिकल कॉलेज से गायनी में पीजी की और टीएमएच गुवाहाटी से गायनी ओंकों सर्जरी में एमसीएच किया. इस सुपर स्पेशलिटी में 2020 में राजस्थान से चयन होनी वाली वह पहली डॉक्टर हैं.

पढ़ें: Cervical Cancer: सेक्स से फैलने वाला खतरनाक वायरस, जिससे हो सकता है महिलाओं को कैंसर

उम्मेद अस्पताल में भी उपचार की सुविधा: उम्मेद अस्पताल की उप अधीक्षक और गायनी विशेषज्ञ डॉ भारतीय टाक ने बताया कि हमारे अस्पताल में भी गर्भाशय कैंसर की जांच और उपचार की पूरी व्यवस्था है. सभी तरह की आधुनिक तकनीक उपलब्ध हैं, जिससे जांच की जाती है. महिलाओं में सफेद पानी गिरने की समस्या से यह परेशानी पनपती है. ऐसी स्थिति में समय रहते उपचार और जांच करवाना चाहिए.

पढ़ें: सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र से गर्भाशय कैंसर रोधी स्वदेशी टीका 'क्यूएचपीवी' बनाने की मंजूरी मांगी

ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे घातक: अलग-अलग रिसर्च के अनुसार हर साल भारत में 1 लाल 23,907 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है. जबकि 77348 महिलाओं की इससे मौत होती है. यह ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाओं के कैंसर से पीड़ित होने का सबसे बड़ा कारण है. वर्तमान में इसका वायरस 15 वर्ष की लड़कियों को भी चपेट में लेने लगा है. इसका एक मात्र बचाव समय पर इसकी स्क्रीनिंग और टीकाकरण है.

सर्वाइकल कैंसर के इलाज को लेकर क्या बोली डॉ अपूर्वा टाक

जोधपुर. महिलाओं में गर्भाशय कैंसर का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं बच्चेदानी यानी गर्भाशय हटाना भी इसका उपचार नहीं है. सिर्फ टीकाकरण और समय अपर स्क्रीनिंग से बचाव हो सकता है. यह कहना है प्रदेश की पहली गायनी कैंसर सर्जन डॉ अपूर्वा टाक का. मूलत जोधपुर की रहने वाली डॉ अपूर्वा मानती हैं कि कैंसर केयर गैप कम होना जरूरी है. यानी की समय पर स्क्रीनिंग, बचाव के लिया एचपीवी टीका और उपचार के लिए समय रहते सर्जरी जरूरी है. कैंसर डे पर एक वीडियो संदेश में टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल गुवाहाटी में कार्यरत डॉ अपूर्वा ने बताया कि यह एक मात्र कैंसर है, जिससे बचा जा सकता है.

केंद्र सरकार ने सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए टीकाकरण की घोषणा की है, जो काफी लाभदायक होगा. लेकिन इसकी शुरुआत शादी से पहले 9 से 14 की उम्र की लड़कियों से होनी चाहिए. इसमें दो डोज लगती हैं. इसके उपर 3 डोज लगती हैं. शादी से पहले अगर टीकाकरण होता है, तो ज्यादा असरदार होता है. यह बीमारी ह्यूमन पेपिनोमा वायरस से होती है. उल्लेखनीय है कि डॉ अपूर्वा उम्मेद अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ भारती टाक और एनेस्थिसिया के डॉ एमएल टाक की पुत्री हैं. अपूर्वा ने जोधपुर डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. आरएनटी मेडिकल कॉलेज से गायनी में पीजी की और टीएमएच गुवाहाटी से गायनी ओंकों सर्जरी में एमसीएच किया. इस सुपर स्पेशलिटी में 2020 में राजस्थान से चयन होनी वाली वह पहली डॉक्टर हैं.

पढ़ें: Cervical Cancer: सेक्स से फैलने वाला खतरनाक वायरस, जिससे हो सकता है महिलाओं को कैंसर

उम्मेद अस्पताल में भी उपचार की सुविधा: उम्मेद अस्पताल की उप अधीक्षक और गायनी विशेषज्ञ डॉ भारतीय टाक ने बताया कि हमारे अस्पताल में भी गर्भाशय कैंसर की जांच और उपचार की पूरी व्यवस्था है. सभी तरह की आधुनिक तकनीक उपलब्ध हैं, जिससे जांच की जाती है. महिलाओं में सफेद पानी गिरने की समस्या से यह परेशानी पनपती है. ऐसी स्थिति में समय रहते उपचार और जांच करवाना चाहिए.

पढ़ें: सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र से गर्भाशय कैंसर रोधी स्वदेशी टीका 'क्यूएचपीवी' बनाने की मंजूरी मांगी

ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे घातक: अलग-अलग रिसर्च के अनुसार हर साल भारत में 1 लाल 23,907 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है. जबकि 77348 महिलाओं की इससे मौत होती है. यह ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाओं के कैंसर से पीड़ित होने का सबसे बड़ा कारण है. वर्तमान में इसका वायरस 15 वर्ष की लड़कियों को भी चपेट में लेने लगा है. इसका एक मात्र बचाव समय पर इसकी स्क्रीनिंग और टीकाकरण है.

Last Updated : Feb 4, 2024, 7:15 PM IST
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