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शिमला में बनेगा विश्व का दूसरा सबसे लंबा रोपवे, 13.79 किमी की लंबाई में कवर होंगे 15 स्टेशन - World 2nd Longest ropeway - WORLD 2ND LONGEST ROPEWAY

Ropeway Project Shimla: शिमला में जाम की समस्या को कम करने के लिए राज्य सरकार विश्व के दूसरे लंबे रोपवे का निर्माण करवाने जा रही है. इसको लेकर शिमला में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ.

Ropeway Project Shimla
शिमला रोपवे प्रोजेक्ट (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 9:31 PM IST

Updated : Jul 31, 2024, 10:10 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे बनेगा. इस रोपवे की कुल लंबाई 13.79 किलोमीटर होगी. ये प्रोजेक्ट 1734.40 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा.

राज्य सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस बारे में शिमला में एक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. उसके बाद मीडिया से चर्चा में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस परियोजना से जुड़ी जानकारी साझा की. उन्होंने कहा रोपवे के क्षेत्र में शिमला पूरी दुनिया में एक पहचान बनाएगा.

डिप्टी सीएम ने कहा हिमाचल प्रदेश में रोपवे एंड रैपिड सिस्टम डेवलपमेंट कारपोरेशन सक्रिय रूप से काम कर रही है और ये अन्य राज्यों में नहीं हैं. शिमला ने अपने सड़क परिवहन के सारे संसाधन उपयोग में ला दिए हैं.

Ropeway Project Shimla
शिमला में रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर बैठक (ETV Bharat)

अब रोपवे ही एक सहारा बचता है. शिमला को राज्य सरकार रोपवे के क्षेत्र में स्विट्जरलैंड व आस्ट्रिया की तरह विकसित करेगी. डिप्टी सीएम ने कहा यूरोपीय देशों में 25 हजार के करीब रोपवे हैं.

वहीं, भारत में 20 के करीब ही रोपवे चल रहे हैं. इस अवसर पर उन्होंने परवाणु के टिंबर ट्रेल रोपवे का जिक्र किया और उसके संस्थापक को भी याद किया. डिप्टी सीएम ने बताया कि हिमाचल में बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध में रोपवे बनाने को लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इसके अलावा बगलामुखी मंदिर में रोपवे बन कर तैयार हो चुका है.

शिमला की बनेगी पहचान

डिप्टी सीएम ने कहा नए बनने वाले रोपवे से शिमला की पहचान में एक और लैंडमार्क जुड़ेगा. उन्होंने कहा शिमला में 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला देश और एशिया का पहला 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे बनेगा. शिमला रोपवे मार्ग का काम अगले साल पहली मार्च से शुरू करने का लक्ष्य है.

ये रोपवे तारादेवी से शिमला तक बनेगा. इसके बीच के स्टेशन में शुरुआत में 220 ट्राली होंगी जो परियोजना के पूरा होने पर 660 तक की संख्या में होंगी. इसके तहत सड़कों पर जाम की स्थिति भी नियंत्रित होगी. अभी तक एफसीए मंजूरी के लिए सारे दस्तावेज संबंधित पोर्टल पर अपलोड हो चुके हैं साथ ही रूट की लाइन्स के नाम मोनाल लाइन, देवदार लाइन और एप्पल लाइन रखे गए हैं.

Ropeway Project Shimla
शिमला में रोपवे प्रोजेक्ट का मॉडल (ETV Bharat)

इस परियोजना में न्यू डेवलपमेंट बैंक की ओर से फैक्ट फाइंडिंग मिशन के तहत 2 जून से 10 जून तक निरीक्षण किया जा चुका है. एनडीबी ने कॉन्सेप्ट नोट को अभी 12 जुलाई को मंजूरी दी है.

एनडीबी की दिसंबर में प्रस्तावित निदेशक मंडल की बैठक में प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद त्रिपक्षीय समझौते के बाद टेंडर अवार्ड होगा और 1 मार्च 2025 से कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

एक घंटे में 2 हजार लोग कर सकेंगे सफर

रोपवे मार्ग में एक तरफ से एक हजार लोगों की आवाजाही शुरुआती तौर पर रहेगी. वहीं, दोनों तरफ से दो हजार लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे. वैसे दुनिया में सबसे लंबा रोपवे मार्ग बोलीविया में है जिसकी लंबाई 32 किलोमीटर है. शिमला का 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे तारा देवी से शिमला तक 60 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगा.

इस रोपवे में विभिन्न स्थानों पर स्टेशन बनेंगे. इनके लिए तारादेवी, चक्कर, कोर्ट परिसर, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास बोर्डिंग स्टेशन चिन्हित किए गए हैं.

परियोजना के लिए राज्य सरकार और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) वित्तीय सहायता करेगी. इसमें 80 फीसदी लोन एनडीबी और 20 फीसदी प्रदेश सरकार अनुदान करेगा. 1734.40 करोड़ रुपये के प्रस्तावित रोपवे मार्ग से शिमला शहर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाएगी. संगोष्ठी में सीपीएस सुंदर ठाकुर, स्थानीय एमएलए हरीश जनारथा, रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर संजय गुप्ता के साथ ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 1 अगस्त से टीचरों की ट्रांसफर पर रहेगा प्रतिबंध, जानें वजह

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे बनेगा. इस रोपवे की कुल लंबाई 13.79 किलोमीटर होगी. ये प्रोजेक्ट 1734.40 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा.

राज्य सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस बारे में शिमला में एक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. उसके बाद मीडिया से चर्चा में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस परियोजना से जुड़ी जानकारी साझा की. उन्होंने कहा रोपवे के क्षेत्र में शिमला पूरी दुनिया में एक पहचान बनाएगा.

डिप्टी सीएम ने कहा हिमाचल प्रदेश में रोपवे एंड रैपिड सिस्टम डेवलपमेंट कारपोरेशन सक्रिय रूप से काम कर रही है और ये अन्य राज्यों में नहीं हैं. शिमला ने अपने सड़क परिवहन के सारे संसाधन उपयोग में ला दिए हैं.

Ropeway Project Shimla
शिमला में रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर बैठक (ETV Bharat)

अब रोपवे ही एक सहारा बचता है. शिमला को राज्य सरकार रोपवे के क्षेत्र में स्विट्जरलैंड व आस्ट्रिया की तरह विकसित करेगी. डिप्टी सीएम ने कहा यूरोपीय देशों में 25 हजार के करीब रोपवे हैं.

वहीं, भारत में 20 के करीब ही रोपवे चल रहे हैं. इस अवसर पर उन्होंने परवाणु के टिंबर ट्रेल रोपवे का जिक्र किया और उसके संस्थापक को भी याद किया. डिप्टी सीएम ने बताया कि हिमाचल में बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध में रोपवे बनाने को लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इसके अलावा बगलामुखी मंदिर में रोपवे बन कर तैयार हो चुका है.

शिमला की बनेगी पहचान

डिप्टी सीएम ने कहा नए बनने वाले रोपवे से शिमला की पहचान में एक और लैंडमार्क जुड़ेगा. उन्होंने कहा शिमला में 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला देश और एशिया का पहला 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे बनेगा. शिमला रोपवे मार्ग का काम अगले साल पहली मार्च से शुरू करने का लक्ष्य है.

ये रोपवे तारादेवी से शिमला तक बनेगा. इसके बीच के स्टेशन में शुरुआत में 220 ट्राली होंगी जो परियोजना के पूरा होने पर 660 तक की संख्या में होंगी. इसके तहत सड़कों पर जाम की स्थिति भी नियंत्रित होगी. अभी तक एफसीए मंजूरी के लिए सारे दस्तावेज संबंधित पोर्टल पर अपलोड हो चुके हैं साथ ही रूट की लाइन्स के नाम मोनाल लाइन, देवदार लाइन और एप्पल लाइन रखे गए हैं.

Ropeway Project Shimla
शिमला में रोपवे प्रोजेक्ट का मॉडल (ETV Bharat)

इस परियोजना में न्यू डेवलपमेंट बैंक की ओर से फैक्ट फाइंडिंग मिशन के तहत 2 जून से 10 जून तक निरीक्षण किया जा चुका है. एनडीबी ने कॉन्सेप्ट नोट को अभी 12 जुलाई को मंजूरी दी है.

एनडीबी की दिसंबर में प्रस्तावित निदेशक मंडल की बैठक में प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद त्रिपक्षीय समझौते के बाद टेंडर अवार्ड होगा और 1 मार्च 2025 से कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

एक घंटे में 2 हजार लोग कर सकेंगे सफर

रोपवे मार्ग में एक तरफ से एक हजार लोगों की आवाजाही शुरुआती तौर पर रहेगी. वहीं, दोनों तरफ से दो हजार लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे. वैसे दुनिया में सबसे लंबा रोपवे मार्ग बोलीविया में है जिसकी लंबाई 32 किलोमीटर है. शिमला का 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे तारा देवी से शिमला तक 60 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगा.

इस रोपवे में विभिन्न स्थानों पर स्टेशन बनेंगे. इनके लिए तारादेवी, चक्कर, कोर्ट परिसर, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास बोर्डिंग स्टेशन चिन्हित किए गए हैं.

परियोजना के लिए राज्य सरकार और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) वित्तीय सहायता करेगी. इसमें 80 फीसदी लोन एनडीबी और 20 फीसदी प्रदेश सरकार अनुदान करेगा. 1734.40 करोड़ रुपये के प्रस्तावित रोपवे मार्ग से शिमला शहर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाएगी. संगोष्ठी में सीपीएस सुंदर ठाकुर, स्थानीय एमएलए हरीश जनारथा, रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर संजय गुप्ता के साथ ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 1 अगस्त से टीचरों की ट्रांसफर पर रहेगा प्रतिबंध, जानें वजह

Last Updated : Jul 31, 2024, 10:10 PM IST
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