जयपुर. 'प्रदेश में गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय है. जल संचयन सहित अन्य विधियों से भूजल स्तर में सुधार करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है. इसके लिए अटल भूजल योजना मील का पत्थर साबित होगी, लेकिन इसके लिए योजना के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्यों को हासिल करना होगा.' यह कहना है जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा का. डॉ शर्मा ने यह बात मंगलवार को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में अटल भूजल योजना के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कही. कार्यशाला में 750 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
डॉ. समित शर्मा ने राजस्थान के 17 जिलों के 38 ब्लॉक, 1132 ग्राम पंचायत में क्रियान्वित की जा रही अटल भूजल योजना के माध्यम से जन सहभागिता से गिरते हुए भूजल स्तर की रोकथाम के लिए सकारात्मक परिणाम लाने की आवश्यकता जाहिर की. उन्होंने योजना के माध्यम से जल मांग एवं जल आपूर्ति आधारित कार्यों को समय पर पूर्ण किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने सभी सहभागी विभागों से आग्रह किया कि योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष और आगामी अवधि में प्रोत्साहन राशि का पूर्ण उपयोग और कन्वर्जेन्स राशि के कार्यों को पूर्ण करें. साथ ही अन्य राज्यों की तुलना में राज्य की स्थिति को बेहतर बनाए जाने के लिए अथक प्रयास करें.
अटल भूजल योजना के परियोजना निदेशक सूरजभान सिंह ने योजना में प्रदेश में अब तक किए गए कार्यों, योजना की व्यावहारिक कठिनाइयां एवं योजना के सफल क्रियान्वयन के समाधान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी. कार्यशाला में वक्ताओं ने राजस्थान में गिरते भूजल स्तर के प्रति चिंता जाहिर की. वक्ताओं ने योजना में राज्य में अब तक किए गए कार्यों, योजना की व्यवहारिक कठिनाएयों एवं योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए विस्तृत जानकारी दी.
कार्यशाला में पदमश्री डॉ. श्याम सुन्दर पालीवाल, पिपलांत्री ग्राम पचांयत राजसमन्द, श्याम प्रताप सिंह राठौड़ सरपंच ग्राम पंचायत-जाहोता, गुजरात के धरती फाउण्डेशन के अध्यक्ष मुकेश भाई प्रजापति और राजेन्द्र कीर ने अपने-अपने क्षेत्र में किए गए जल संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन के कार्यों का अपना अनुभव साझा किया. कार्यशाला में एनपीएमयू, नई दिल्ली केे निदेशक डॉ. राघव लांगर, परियोजना निदेशक प्रतुल सक्सेना सहित कृषि, उद्यानिकी, पंचायती राज, जलग्रहण एवं भू संरक्षण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी आदि विभागों के अधिकारियों ने शिरकत की.