नई दिल्ली : देश भर में एक मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर अभी से ही कई मजदूर अपने हक के अधिकार के लिए रामलीला मैदान में बड़े आंदोलन की तैयारी में लगे हुए हैं. मायापुरी इंडस्ट्रियल इलाके में इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स (आईएफटीयू) ने भी आंदोलन की करीब-करीब पूरी तैयारी कर ली है. वहीं, मजदूरों को अपने हक में खड़ा होने के लिए लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं मीटिंग, सभा और रैली भी कर रहे हैं.
उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार मजदूर दिवस के मौके पर दिल्ली में स्थित रामलीला मैदान में काफी भीड़ देखने को मिल सकती है. मजदूरों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 26000 रुपए घोषित किया जाए, हर मजदूर को ESIC कार्ड जारी किया जाए, हेल्पर 17,494 रुपये, अर्धकुशल 19,279 रुपये, और कुशल 21,215 रुपये लागू किया जाए, चारों लेबर कोड रद्द किया जाए समेत आठ मांग पूरी की जाए.
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उधर, आईएफटीयू के अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि मजदूर समुदाय पिछले कई सालों से अपनी मांग रख रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. कई मजदूरों की जान जा चुकी है, लेकिन सरकार ने किसी को मुआवजा नहीं दिया. उनका कहना है कि जब मजदूरों के साथ किसी तरह की घटना होती है तो मीडिया में उसे दिखा तो दिया जाता है, लेकिन पीड़ित मजदूर या उसके परिवरा वालों को किसी तरह की मदद नहीं मिल पाती है. इसलिए हम मायापुरी, नारायणा, नरेला बवाना समेत विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में यूनियन कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें, नुक्कड़ सभाएं और रैलियां कर रहे हैं, ताकि सभी श्रमिक एकजुट होकर अपने अधिकारों की मांग रख सकें.
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