जयपुर. महर्षि दधीचि के आदर्शो पर वैदिक संस्कृति को जीवंत रखने के लिए दाधीच समाज की ओर से प्रयास किया जा रहा है. जयपुर में श्री दाधीच समाज सेवा समिति ट्रस्ट की ओर से महर्षि दधीचि भवन बनवाया जाएगा. पुरातन वैदिक शिक्षा को सुरक्षित रखने के लिए विशिष्ठ अध्ययन केंद्र भी बनाया जाएगा. महर्षि दधीचि भवन का शिलान्यास 22 फरवरी को मानसरोवर जयपुर में आध्यात्मिक और सामाजिक विभूतियों के सानिध्य में होगा.
श्री दाधीच समाज सेवा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष विष्णु दत्त दाधीच ने बताया कि महर्षि दधीचि के आदर्शों पर काम कर रहे हैं. वैदिक संस्कृति को जीवंत रखने के लिए व्यवस्थाएं की जाएगी. परोपकार और त्याग की मूर्ति महर्षि दधीचि की दानशीलता को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए जयपुर में 'महर्षि दधीचि भवन' का शिलान्यास 22 फरवरी को होगा. श्री दाधीच समाज सेवा समिति ट्रस्ट और श्री दाधीच समाज सेवा समिति जयपुर महानगर के तत्त्वावधान में हो रहे समारोह में श्रीसगुरु धाम, बरुमाल धर्मपुर बलसाड़, गुजरात के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री विद्यानंद सरस्वती महाराज, कैलाश मठ भक्तिधाम पंचवटी नासिक के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री संविदानंद सरस्वती महाराज और महामंडलेश्वर स्वामी शंकरानन्द सरस्वती, श्री ज्ञानेश्वर मठ मुम्बई सहित अनेक आध्यात्मिक विभूतियां शामिल होंगी.
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अध्यक्ष विष्णुदत्त दाधीच (चकवाड़ा) ने बताया कि त्रिनेत्र गणपति, रणथंभौर के महंत संजय दाधीच और सालासर बालाजी से महावीर प्रसाद पुजारी दाधीच सहित अनेक संत और महंत शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे. सांसद रामचरण बोहरा विशिष्ट आमंत्रित अतिथि होंगे. शिलान्यास यज्ञाचार्य पंडित उमाशंकर शास्त्री और पंडित सत्यनारायण शास्त्री के सान्निध्य में वैदिक विद्वानों की ओर से संपन्न करवाया जाएगा. वेदों का अध्ययन कर रहे 21 वटुकों की ओर से शुक्ल-यजुर्वेद के मंत्रों का पारायण होगा.
देह दान के प्रति जागरूक करने के उद्दयेश्य से आयोजित होगा कार्यक्रम : पुरातन वैदिक शिक्षा को सुरक्षित रखने के लिए विशिष्ट अध्ययन केंद्र बनाया जाएगा, साथ ही छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी. भवन में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए सभागार का भी निर्माण होगा. त्यागमूर्ति महर्षि दधीचि की स्मृति को चिरस्थाई रखने और आमजन को देह दान के प्रति जागरूक करने के उद्दयेश्य से आयोजित किये जा रहे इस कार्यक्रम में समाज की विशिष्ट विभूतियों को भी सम्मनित किया जाएगा. यह दधीचि भवन भूतल सहित चार मंजिला होगा, जिसमें अतिथि निवास की सुविधा के साथ ही 500 लोगों की क्षमता का अत्याधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण भी किया जाएगा.