प्रतापगढ़. जिला मुख्यालय स्थित मिनी सचिवालय परिसर में शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने नवीन न्यायालय भवन व अधिवक्ताओं के लिटिगेंट शेड का लोकार्पण किया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीवास्तव ने इस दौरान कहा कि जैसे ही उन्हें जानकारी हुई कि प्रतापगढ़ में नवीन न्यायालय भवन बने दो वर्ष से अधिक समय हो गया है, लेकिन उसका लोकार्पण नहीं हुआ, तो उन्होंने तत्काल इस संबंध में प्रतापगढ़ के संरक्षक न्यायाधिपति एवं बिल्डिंग कमेटी के अध्यक्ष विनीत माथुर से सूचना प्राप्त की. जिनके द्वारा उन्हें बताया गया कि अधिवक्ताओं के बैठने के लिए अभी तक चैम्बर का निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है. चैम्बर निर्माण के लिए स्वीकृति जारी नहीं की गई है. इसके बाद उन्हें लिटिगेंट शेड के निर्माण के लिए प्रस्ताव पेश किया और दूसरे ही दिन लिटिगेंट शेड के निर्माण के लिये वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति का आदेश जारी कर दिया गया.
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उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ जिले में करीब 13000 प्रकरण लंबित हैं, जिनके त्वरित निस्तारण के लिए पर्याप्त संख्या में न्यायाधीश नियुक्त करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में विवादों को आपसी समझाइश से निपटाने के लिए परामर्श देते हुए प्रतापगढ़ न्याय क्षेत्र को नवीन, सुविधायुक्त तथा गुणवत्तापूर्ण न्यायालय भवन के लोकार्पण की शुभ कामनाएं दी. इस दौरान राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति मुन्नुरी लक्ष्मण, फरजंद अली, विनीत माथुर तथा प्रतापगढ़ के जिला एवं सेशन न्यायाधीश ओमी पुरोहित मौजूद रहे.
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इससे पहले प्रतापगढ़ के जिला एवं सेशन न्यायाधीश ओमी पुरोहित ने बताया कि वर्तमान में प्रतापगढ़ की एमएसीटी कोर्ट में 100 केस पेंडिंग हैं. जिसमें से करीब 35 से 40 प्रकरणों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में कर दिया जाएगा. उन्होंने अधिवक्ताओं के लिटिगेंट शेड के लिए 46 लाख रुपए की तत्काल स्वीकृति दिए जाने के लिए संरक्षक न्यायाधीश एवं बिल्डिंग कमेटी के अध्यक्ष विनीत माथुर को व प्रतापगढ़ अभिभाषक संघ को इस कार्य में उनके साथ मजबूती से खड़े रहने के लिए धन्यवाद दिया. पुरोहित ने बताया कि संरक्षक न्यायाधिपति ने उनके चैम्बर्स के लिए दो माह में स्वीकृति देने और तीन माह में चैम्बर्स का काम शुरू होने की बात कही है.