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कोरबा की कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे दे रही बच्चों को ट्रेनिंग, जानिए क्या है उनका लक्ष्य

Korba karate champion Sneha Banjare: कोरबा की कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे अपने क्षेत्र के बच्चों को ट्रेनिंग दे रही है. ताकि ये भी आगे बढ़ सकें.

Korba karate champion Sneha Banjare
कोरबा कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 8, 2024, 9:15 PM IST

Updated : Mar 14, 2024, 2:56 PM IST

कोरबा की कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे दे रही बच्चों को ट्रेनिंग

कोरबा: ऊर्जाधानी कोरबा की कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे उन लड़कियों के लिए जीती जागती मिसाल हैं, खुद को कमजोर समझती हैं. स्नेहा ने यूएई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता है. वह पांच राष्ट्रीय स्तर के मेडल भी जीत चुकी हैं. अब तक 500 बच्चों को ट्रेनिंग देने के साथ ही उनका नाम राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ी के लिए नॉमिनेट हो चुका है. स्नेहा का अगला टारगेट कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में मेडल जीतना है. इस महिला दिवस के मौके पर हम आपको कराटे चैंपियन स्नेहा की कहानी से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं.

मेडल जीतना रहा खास अनुभव: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान स्नेहा ने कहा कि, "हाल ही में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतना खास अनुभव रहा. हमेशा से चाहत थी कि अंतर्राष्ट्रीय पोडियम पर भारत का तिरंगा लहराना है. सपना सच होने में काफी समय लगा, लेकिन अनुभव बेहद खास था. मैं 4 साल की उम्र से ही खेल रही हूं."

अब तक 500 से अधिक बच्चों को दी ट्रेनिंग:स्नेहा ने बताया कि, "शहर में हमारे द्वारा अकादमी का संचालन भी किया जाता है. यहां 50-50 के बैच में बच्चे आते हैं. अब तक हम 500 से अधिक बच्चों को ट्रेनिंग दे चुके हैं. खास तौर पर लड़कियों पर मेरा फोकस रहता है कि उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएं."

स्पोर्ट्स क्षेत्र में भविष्य लड़कियों के लिए चुनौती : स्नेहा ने बताया कि, "मेरे परिवार में सभी स्पोर्ट्स बैकग्राउंड वाले हैं, इसलिए मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. लेकिन मेरी काफी सहेलियां हैं, जिन्हें खेल खेलने और प्रैक्टिस से रोका जाता है. बेतुके सवाल पूछे जाते हैं. एक महिला होना ही अपने आप में चुनौती है. इसके बाद स्पोर्ट्स में करियर बनाना मुश्किल तो है, लेकिन लड़कियां चाहे तो हर मुकाम हासिल कर सकती हैं. मेरा नाम राज्य की उत्कृष्ट खिलाड़ी के तौर पर नॉमिनेट हुआ है. जल्द ही इसका रिजल्ट आ जाएगा. स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी भी लग सकती है. देश के कई राज्य हैं, जहां स्पोर्ट्स कोटा से खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिलती है."

एमपीएड की पढ़ाई और कॉमनवेल्थ अगला लक्ष्य:स्नेहा ने यह भी बताया कि, "मैं अभी गुरु घसीदास विश्वविद्यालय से एमपीएड की पढ़ाई पर कर रही हूं, जिसे पूरा करने के बाद आने वाले सितंबर में कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप होने वाली है. मैंने इसकी प्रैक्टिस शुरू कर दी है. जीवन का अगला लक्ष्य कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतकर छत्तीसगढ़ और देश का नाम रोशन करना हैं."

इस महिला दिवस पर ईटीवी भारत कोरबा की कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे के हौसले को सलाम करती हैं. साथ ही कामना करती है कि स्नेहा ऐसे ही अपने आस-पास के क्षेत्र की लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद करती रहे. स्नेहा ने अब तक 500 बच्चों को ट्रेनिंग दिया है, जो कि राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ी के लिए नॉमिनेट हो चुके हैं.

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कोरबा की कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे दे रही बच्चों को ट्रेनिंग

कोरबा: ऊर्जाधानी कोरबा की कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे उन लड़कियों के लिए जीती जागती मिसाल हैं, खुद को कमजोर समझती हैं. स्नेहा ने यूएई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता है. वह पांच राष्ट्रीय स्तर के मेडल भी जीत चुकी हैं. अब तक 500 बच्चों को ट्रेनिंग देने के साथ ही उनका नाम राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ी के लिए नॉमिनेट हो चुका है. स्नेहा का अगला टारगेट कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में मेडल जीतना है. इस महिला दिवस के मौके पर हम आपको कराटे चैंपियन स्नेहा की कहानी से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं.

मेडल जीतना रहा खास अनुभव: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान स्नेहा ने कहा कि, "हाल ही में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतना खास अनुभव रहा. हमेशा से चाहत थी कि अंतर्राष्ट्रीय पोडियम पर भारत का तिरंगा लहराना है. सपना सच होने में काफी समय लगा, लेकिन अनुभव बेहद खास था. मैं 4 साल की उम्र से ही खेल रही हूं."

अब तक 500 से अधिक बच्चों को दी ट्रेनिंग:स्नेहा ने बताया कि, "शहर में हमारे द्वारा अकादमी का संचालन भी किया जाता है. यहां 50-50 के बैच में बच्चे आते हैं. अब तक हम 500 से अधिक बच्चों को ट्रेनिंग दे चुके हैं. खास तौर पर लड़कियों पर मेरा फोकस रहता है कि उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएं."

स्पोर्ट्स क्षेत्र में भविष्य लड़कियों के लिए चुनौती : स्नेहा ने बताया कि, "मेरे परिवार में सभी स्पोर्ट्स बैकग्राउंड वाले हैं, इसलिए मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. लेकिन मेरी काफी सहेलियां हैं, जिन्हें खेल खेलने और प्रैक्टिस से रोका जाता है. बेतुके सवाल पूछे जाते हैं. एक महिला होना ही अपने आप में चुनौती है. इसके बाद स्पोर्ट्स में करियर बनाना मुश्किल तो है, लेकिन लड़कियां चाहे तो हर मुकाम हासिल कर सकती हैं. मेरा नाम राज्य की उत्कृष्ट खिलाड़ी के तौर पर नॉमिनेट हुआ है. जल्द ही इसका रिजल्ट आ जाएगा. स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी भी लग सकती है. देश के कई राज्य हैं, जहां स्पोर्ट्स कोटा से खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिलती है."

एमपीएड की पढ़ाई और कॉमनवेल्थ अगला लक्ष्य:स्नेहा ने यह भी बताया कि, "मैं अभी गुरु घसीदास विश्वविद्यालय से एमपीएड की पढ़ाई पर कर रही हूं, जिसे पूरा करने के बाद आने वाले सितंबर में कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप होने वाली है. मैंने इसकी प्रैक्टिस शुरू कर दी है. जीवन का अगला लक्ष्य कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतकर छत्तीसगढ़ और देश का नाम रोशन करना हैं."

इस महिला दिवस पर ईटीवी भारत कोरबा की कराटे चैंपियन स्नेहा बंजारे के हौसले को सलाम करती हैं. साथ ही कामना करती है कि स्नेहा ऐसे ही अपने आस-पास के क्षेत्र की लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद करती रहे. स्नेहा ने अब तक 500 बच्चों को ट्रेनिंग दिया है, जो कि राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ी के लिए नॉमिनेट हो चुके हैं.

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Last Updated : Mar 14, 2024, 2:56 PM IST
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