बेतिया: बिहार के बेतिया में नारी बाघ पर भारी पड़ती नजर आ रही है. यह स्लोगन उस गांव की महिलाओं का है, जहां दो दिन पहले बाघ के हमले में एक शख्स की मौत हो गई थी. बाघ के हमले के बाद इससे सुरक्षा के लिए महिलाओं ने सुरक्षा जत्था का गठन किया है. गांव की महिलाओं ने गांव की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है.
बाघ ने ग्रामीण को बनाया शिकार: बता दें कि सहोदरा थाना अंतर्गत वन बैरिया गांव में दो दिन पहले बाघ के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई थी. घटना के बाद ग्रामीणों में भय और दहशत का महौल है. इन सबके बीच गांव की महिलाओं ने गांव की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली है. ग्रामीण महिलाएं लाठी-डंडे से लैश होकर गन्ने के खेत से गांव तक सुरक्षा में लग गई है. वो खेतों में खूब शोर मचा रहीं है ताकि बाघ वापस जंगल में चला जाए.
गांव की सुरक्षा में जुटी 25 महिलाएं: बता दें कि शोर मचाने से बाघ तत्काल उस जगह को छोड़ देते है. वहीं ग्रामीण महिलाएं जानती है कि शोर मचाने से बाघ झुंड पर हमला नहीं करेगा, इसलिए वो समूह में बाघ को भगाती नजर आ रही हैं. समूह की महिला ने बताया कि गांव की सुरक्षा को लेकर 25 महिलाओं का जत्था तैयार हुआ है. जो मवेशियों सहित ग्रामीणों की सुरक्षा करेंगी लेकिन अभी तक कोई वन पदाधिकारी गांव में इनकी मदद के लिए नहीं आया है.
"दो दिन पहले बाघ के हमले से एक ग्रामीण की मौत हो गई है. उसके बाद भी वन विभाग की टीम यहां आकर बाघ को भगाने में कोई मदद नहीं कर रही है. इसलिए हमने अपनी सुरक्षा के लिए एक टीम बनाया है ताकि बाघ के आने पर उसे भगाया जा सके."- ग्रामीण महिला
डीएफओ ने की ग्रामीणों से अपील: वहीं डीएफओ प्रधुमन गौरव ने बताया कि इंद्रदेव जमीन पर बकरियों के साथ बैठे थे, जिन्हे बाघ ने बकरी समझ शिकार बना लिया. डीएफओ ने लोगों से अपील की है कि शाम के समय और सुबह के समय जंगल के आसपास अपने खेतों के पास नहीं जाए. वहीं अगर जाना है तो तीन-चार की संख्या में जाए.
"खेतों की ओर जाने के समय शोर मचाते रहें. अगर आस पास बाघ भी होगा तो वह भाग जायेगा. बाघ इस समय जंगल में है. वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरे से बाघ को ट्रैक कर रही है. बाघ अपने वन क्षेत्र में ही है."-प्रधुमन गौरव, डीएफओ
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