गिरिडीह : पुलिस बल को उड़ाने के लिए बम लगाने के मामले से पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में एक महिला नक्सली को बरी कर दिया गया. निमियाघाट थाना क्षेत्र के पारगो तिलैया में स्कूल के पास सड़क पर पुल के नीचे से पुलिस द्वारा बरामद किये गये 15 किलो के केन बम मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा की अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया है. हालांकि, महिला नक्सली अभी जेल में ही है, क्योंकि उसके खिलाफ अभी एक और मामला लंबित है.
मामले में खुखरा थाना क्षेत्र के गम्हरा गांव निवासी सुनीता महतो उर्फ सुनीता दी उर्फ प्रतिमा उर्फ रामा उर्फ कौशल्या पति संतोष महतो को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है. कोर्ट में सुनीता के खिलाफ 17 सीएलए और 3/4 विस्फोटक अधिनियम के तहत आरोप तय किये गये थे. मामले के अन्य अभियुक्तों से अलग कर अदालत में सुनिता का ट्रायल चल रहा था. फैसला सुनाये जाने के दौरान केंद्रीय कारा गिरिडीह में बंद सुनिता की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेशी हुई.
क्या है मामला?
यह मामला निमियाघाट थाना कांड संख्या 04/2018 से संबंधित है. मामले की प्राथमिकी पुअनि सह थाना प्रभारी बिनोद उरांव की शिकायत पर दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी के अनुसार, प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नक्सलियों द्वारा पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने के लिए पारगो तिलैया में स्कूल के पास सड़क पर पुल के नीचे बम लगाया गया था.
इसकी सूचना तत्कालीन एसपी को मिली थी और एसपी के निर्देश पर पुलिस ने अभियान चलाकर पुल के नीचे से 15 किलो का केन बम बरामद किया था. इस मामले में पुलिस ने सुनीता समेत कुल नौ नक्सलियों को नामजद करते हुए अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 07 जनवरी 2018 को केन बम बरामद किया गया था.
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