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धान खरीदी में अनियमितता पर विपक्ष ने साय सरकार को घेरा, सदन का पारा चढ़ा - WINTER SESSION OF CG ASSEMBLY

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के पहले दिन धान खरीदी पर घमासान दिखा. विपक्ष और सत्ता के बीच तीखी बहस हुई.

WINTER SESSION OF CG ASSEMBLY
छत्तीसगढ़ विधानसभा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 3 hours ago

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र की शुरुआत सोमवार 16 दिसंबर से हुई. सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर धान खरीदी को लेकर हमला बोला. सदन में कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में धान खरीदी में अनियमितता का मुद्दा उठाया गया. कांग्रेस ने साय सरकार पर आरोप लगाया कि धान खरीदी मे अनियमितता से धान किसान परेशान हो रहे हैं. सत्ता पक्ष ने इन दावों का खंडन किया.

शून्यकाल में उठा धान खरीदी का मुद्दा: सदन में शून्यकाल के दौरान धान खरीदी में बदइंतजामी को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार पर सवाल दागे. उन्होंने धान खरीद पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव नोटिस पेश किया. विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार किया और चर्चा की इजाजत दी. इस चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर धान खरीदी को लेकर सवाल पूछना शुरू किया. नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और बघेल ने दावा बघेल सरकार को लेकर बड़ा दावा किया. दोनों नेताओं ने कहा कि विष्णुदेव साय सरकार खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की उचित खरीद करने में फेल साबित हुई है.

धान खरीदी पर विपक्ष के तेवर सख्त: कांग्रेस ने धान खरीदी को लेकर साय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस साल 27.78 लाख पंजीकृत किसान हैं. प्रदेश में 15 दिसंबर तक सिर्फ 10.66 लाख किसानों से सिर्फ 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. खरीदे गए धान का उठाव नहीं हो पा रहा है. कई केंद्रों पर धान की खरीदी बंद कर दी गई है.

राइस मिलर्स नहीं उठा रहे धान: कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राइस मिलर्स धान नहीं उठा रहे हैं और न ही भंडारण केंद्रों पर भेजा जा रहा है. प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करने का वादा था. इसके एवज में प्रति क्विंटल 3100 रुपये भुगतान करने की बात कही गई थी. इसके बावजूद भुगतान केवल 2300 रुपये प्रति क्विंटल किया जा रहा है. धान की पैकिंग के लिए उपलब्ध कराए गए अधिकांश नए जूट के बोरे घटिया हैं.

सहकारिता मंत्री ने दिया जवाब: विपक्ष के आरोपों का जवाब सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने दिया. उन्होंने कहा कि 14 नवंबर से 2,739 धान केंद्रों के माध्यम से धान की खरीद की जा रही है. 15 दिसंबर तक 10.66 लाख किसानों से 50.02 लाख टन धान की खरीदी की गई है. इसके बाद केदार कश्यप ने धान खरीदी को लेकर हुए भुगतान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि धान खरीद के एवज में किसानों को 10,485 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

केदार कश्यप ने कई आंकड़े पेश किए: धान खरीदी को लेकर सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कई आंकड़े पेश किए. उन्होंने कहा कि अब तक 3.69 लाख टन और चावल मिलर्स की तरफ से 1.04 लाख टन धान का उठाव हो चुका है. प्रदेश में कुल 4.73 लाख टन धान का उठाव किया गया है. प्रदेश में कुल 45.29 लाख टन धान खरीद केंद्रों में रखा गया है और इसका उठाव किया जा रहा है. केदार कश्यप के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया. जिसके बाद विपक्षी विधायक नाराज हो गए और सदन से वॉकआउट कर दिया.

सोर्स: पीटीआई

छत्तीसगढ़ में बंद हो सकती है धान खरीदी, कम्प्यूटर ऑपरेटर्स के बाद राइस मिलर्स की हड़ताल

सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने दी हड़ताल की चेतावनी,धान उठाव धीमा होने से प्रशासन को अल्टीमेटम

धान खरीदी केंद्रों में कम्प्यूटर ऑपरेटर्स हड़ताल पर, किसान हो रहे परेशान, 4 से 5 हजार का नुकसान

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र की शुरुआत सोमवार 16 दिसंबर से हुई. सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर धान खरीदी को लेकर हमला बोला. सदन में कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में धान खरीदी में अनियमितता का मुद्दा उठाया गया. कांग्रेस ने साय सरकार पर आरोप लगाया कि धान खरीदी मे अनियमितता से धान किसान परेशान हो रहे हैं. सत्ता पक्ष ने इन दावों का खंडन किया.

शून्यकाल में उठा धान खरीदी का मुद्दा: सदन में शून्यकाल के दौरान धान खरीदी में बदइंतजामी को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार पर सवाल दागे. उन्होंने धान खरीद पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव नोटिस पेश किया. विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार किया और चर्चा की इजाजत दी. इस चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर धान खरीदी को लेकर सवाल पूछना शुरू किया. नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और बघेल ने दावा बघेल सरकार को लेकर बड़ा दावा किया. दोनों नेताओं ने कहा कि विष्णुदेव साय सरकार खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की उचित खरीद करने में फेल साबित हुई है.

धान खरीदी पर विपक्ष के तेवर सख्त: कांग्रेस ने धान खरीदी को लेकर साय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस साल 27.78 लाख पंजीकृत किसान हैं. प्रदेश में 15 दिसंबर तक सिर्फ 10.66 लाख किसानों से सिर्फ 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. खरीदे गए धान का उठाव नहीं हो पा रहा है. कई केंद्रों पर धान की खरीदी बंद कर दी गई है.

राइस मिलर्स नहीं उठा रहे धान: कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राइस मिलर्स धान नहीं उठा रहे हैं और न ही भंडारण केंद्रों पर भेजा जा रहा है. प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करने का वादा था. इसके एवज में प्रति क्विंटल 3100 रुपये भुगतान करने की बात कही गई थी. इसके बावजूद भुगतान केवल 2300 रुपये प्रति क्विंटल किया जा रहा है. धान की पैकिंग के लिए उपलब्ध कराए गए अधिकांश नए जूट के बोरे घटिया हैं.

सहकारिता मंत्री ने दिया जवाब: विपक्ष के आरोपों का जवाब सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने दिया. उन्होंने कहा कि 14 नवंबर से 2,739 धान केंद्रों के माध्यम से धान की खरीद की जा रही है. 15 दिसंबर तक 10.66 लाख किसानों से 50.02 लाख टन धान की खरीदी की गई है. इसके बाद केदार कश्यप ने धान खरीदी को लेकर हुए भुगतान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि धान खरीद के एवज में किसानों को 10,485 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

केदार कश्यप ने कई आंकड़े पेश किए: धान खरीदी को लेकर सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कई आंकड़े पेश किए. उन्होंने कहा कि अब तक 3.69 लाख टन और चावल मिलर्स की तरफ से 1.04 लाख टन धान का उठाव हो चुका है. प्रदेश में कुल 4.73 लाख टन धान का उठाव किया गया है. प्रदेश में कुल 45.29 लाख टन धान खरीद केंद्रों में रखा गया है और इसका उठाव किया जा रहा है. केदार कश्यप के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया. जिसके बाद विपक्षी विधायक नाराज हो गए और सदन से वॉकआउट कर दिया.

सोर्स: पीटीआई

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