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Rajasthan: सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीव चिकित्सालय जल्द शुरू होने की उम्मीद, मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव

सरिस्का टाइगर रिजर्व में जल्द ही वन्यजीव अस्पताल खुल सकता है. इसके लिए जयपुर मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है.

Wildlife hospital in Sariska
सरिस्का में खुलेगा वन्यजीव चिकित्सालय (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

अलवर: प्रदेश के प्रमुख टाइगर रिजर्व में शुमार सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के इलाज के लिए जल्द वन्यजीव चिकित्सालय शुरू होने की उम्मीद है. सरिस्का प्रशासन ने वन्यजीव पशु चिकित्सालय की जरुरत को देखते हुए एक प्रस्ताव विभागीय मुख्यालय जयपुर भेजा गया है. अब सरकार की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर बाघ, बघेरों समेत अन्य वन्यजीवों को इलाज के लिए जयपुर नहीं भेजना पड़ेगा. वर्तमान में सरिस्का टाइगर रिजर्व में 20 हजार से ज्यादा मांसाहारी व शाकाहारी वन्यजीव हैं.

सरिस्का में वन्यजीव अस्पताल खुलने से मिलेगी ये राहत (ETV Bharat Alwar)

सरिस्का टाइगर रिजर्व में अभी 43 बाघ व शावक, 200 से ज्यादा पैंथर, हाइना समेत कई हजार सांभर, चीतल, जंगली सुअर, नील गाय व अन्य वन्यजीव विचरण कर रहे हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व की भौगोलिक स्थिति प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व से अलग होने के कारण यहां वन्यजीवों के गंभीर घायल होने का सिलसिला भी जारी रहता है. बाघ, पैंथरों के इलाज के लिए उन्हें पहले टंक्यूलाइज करना होता है. इसके लिए सरिस्का प्रशासन को बार-बार जयपुर से वन्यजीवों के एक्सपर्ट डॉक्टर को बुलाना पड़ता है. वैसे सरिस्का में भी एक वन्यजीव चिकित्सक एवं दो नर्सिंग स्टाफ है. लेकिन यहां वन्यजीव चिकित्सक नहीं होने के कारण ज्यादातर मामलों में वन्यजीवों को इलाज के लिए जयपुर मुख्यालय ही भेजना पड़ता है.

पढ़ें: 32 दिन बाद भी नहीं लौटा टाइगर ST-2303 , ट्रेंकुलाइज करने में विफल वन विभाग की टीमें - SARISKA TIGER RESERVE

सरिस्का के क्षेत्र निदेशक संग्राम सिंह ने बताया कि सरिस्का में छोटे-बड़े 20 हजार से ज्यादा वन्यजीव हैं. इन वन्यजीवों को समय-समय पर इलाज की जरुरत होती है. सरिस्का में वन्यजीव चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ मौजूद है, लेकिन वन्यजीव चिकित्सालय नहीं होने के कारण यहां पूरी तरह इलाज संभव नहीं हो पाता है. सरिस्का में वन्यजीव चिकित्सालय शुरू करने की जरूरत है. सरिस्का प्रशासन ने इसके लिए विभागीय मुख्यालय को प्रस्ताव भेज रखा है. सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही यहां वन्यजीव चिकित्सालय शुरू कर दिया जाएगा.

अलवर: प्रदेश के प्रमुख टाइगर रिजर्व में शुमार सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के इलाज के लिए जल्द वन्यजीव चिकित्सालय शुरू होने की उम्मीद है. सरिस्का प्रशासन ने वन्यजीव पशु चिकित्सालय की जरुरत को देखते हुए एक प्रस्ताव विभागीय मुख्यालय जयपुर भेजा गया है. अब सरकार की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर बाघ, बघेरों समेत अन्य वन्यजीवों को इलाज के लिए जयपुर नहीं भेजना पड़ेगा. वर्तमान में सरिस्का टाइगर रिजर्व में 20 हजार से ज्यादा मांसाहारी व शाकाहारी वन्यजीव हैं.

सरिस्का में वन्यजीव अस्पताल खुलने से मिलेगी ये राहत (ETV Bharat Alwar)

सरिस्का टाइगर रिजर्व में अभी 43 बाघ व शावक, 200 से ज्यादा पैंथर, हाइना समेत कई हजार सांभर, चीतल, जंगली सुअर, नील गाय व अन्य वन्यजीव विचरण कर रहे हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व की भौगोलिक स्थिति प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व से अलग होने के कारण यहां वन्यजीवों के गंभीर घायल होने का सिलसिला भी जारी रहता है. बाघ, पैंथरों के इलाज के लिए उन्हें पहले टंक्यूलाइज करना होता है. इसके लिए सरिस्का प्रशासन को बार-बार जयपुर से वन्यजीवों के एक्सपर्ट डॉक्टर को बुलाना पड़ता है. वैसे सरिस्का में भी एक वन्यजीव चिकित्सक एवं दो नर्सिंग स्टाफ है. लेकिन यहां वन्यजीव चिकित्सक नहीं होने के कारण ज्यादातर मामलों में वन्यजीवों को इलाज के लिए जयपुर मुख्यालय ही भेजना पड़ता है.

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सरिस्का के क्षेत्र निदेशक संग्राम सिंह ने बताया कि सरिस्का में छोटे-बड़े 20 हजार से ज्यादा वन्यजीव हैं. इन वन्यजीवों को समय-समय पर इलाज की जरुरत होती है. सरिस्का में वन्यजीव चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ मौजूद है, लेकिन वन्यजीव चिकित्सालय नहीं होने के कारण यहां पूरी तरह इलाज संभव नहीं हो पाता है. सरिस्का में वन्यजीव चिकित्सालय शुरू करने की जरूरत है. सरिस्का प्रशासन ने इसके लिए विभागीय मुख्यालय को प्रस्ताव भेज रखा है. सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही यहां वन्यजीव चिकित्सालय शुरू कर दिया जाएगा.

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