प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है कि विभागीय गलती से अधिक वेतन भुगतान की कानून के विपरीत वसूली के आदेश लगातार क्यों जारी किए जा रहे हैं.
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने प्राथमिक विद्यालय नेवादा के रिटायर हेडमास्टर राम प्रकाश की याचिका पर अधिवक्ता असीम कुमार राय को सुनकर दिया है. कोर्ट ने वित्त एवं ऑडिट अधिकारी औरैया को भी यह बताने का आदेश दिया है कि किन परिस्थितियों के कारण उन्होंने रिटायर प्रधानाध्यापक से कानून के विपरीत अधिक वेतन भुगतान की वसूली का आदेश जारी किया. साथ ही क्यों न उनके खिलाफ रफीक मसीह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आदेश करने के लिए अवमानना कार्यवाही की जाए.
कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से दो सप्ताह में हलफनामा मांगा है और कहा है कि आदेश का पालन न करने की स्थिति में दोनों अधिकारी 18 सितंबर को हाजिर हों. कोर्ट ने याची को रिटायरमेंट परिलाभों के साथ पेंशन का तत्काल भुगतान करने का निर्देश दिया है और याची से 269745 रुपये की वसूली के ब्लाक शिक्षा अधिकारी सहर के आदेश पर रोक लगा दी है. याची का कहना है कि वित्त एवं ऑडिट अधिकारी ने गलत वेतन निर्धारण के कारण याची को अधिक वेतन भुगतान की रिपोर्ट दी और वसूली के बाद पेंशन तय करने की संस्तुति की. इस पर वसूली आदेश जारी किया गया, जो रफीक मसीह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खुला उल्लंघन है. याचिका में वसूली कार्यवाही को चुनौती दी गई है.