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क्यों किंग कोबरा हैं पर्यावरण के लिए जरुरी, कोरबा में वन विभाग ने बनाई संरक्षण की योजना - Cobras important for environment

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 14, 2024, 4:51 PM IST

ऊर्जाधानी के जंगल में किंग कोबरा बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. किंग कोबरा के होने निशान महज कुछ गांव तक नहीं बल्कि सूरजपुर जिले के बार्डर तक मिले हैं. आपको जानकर हैरत होगी कि किंग कोबरा पर्यावरण के लिए बेहद जरुरी जीव हैं.

KING COBRAS IMPORTANT FOR ENVIRONMENT
वन विभाग ने बनाई है संरक्षण की योजना (ETV Bharat)

कोरबा: दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में किंग कोबरा की गिनती होती है. कोरबा के घने जंगल में मिलने वाले किंग कोबरा खतरनाक होने के बावजूद पर्यावरण के लिहाज से बेहद अहम हैं. किंग कोबरा दुर्लभ सांपों की गिनती में आते हैं. ऐसे में इनके संरक्षण और संवर्धन की जरुरत बढ़ जाती है. मध्य भारत का कोरबा ऐसा इकलौता जिला है जहां किंग कोबरा मिलते हैं. रेस्क्यू टीम को कई बार यहां किंग कोबरा मिले हैं. आस पास के गांवों से इनको कई बार स्नैक कैचर बचाकर लाए हैं.

किंग कोबरा का होगा संरक्षण: किंग कोबरा के रहवास को विकसित करने के लिए सर्वे का काम एक एनजीओ को दिया गया है. फिलहाल सर्वे का काम किया जा रहा है. सर्वे के दौरान टीम को किंग कोबरा से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी मिली हैं. किंग कोबरा के संरक्षण के लिए सर्वे का काम कोरबा वन मंडल रेंज में चल रहा है. ऐसा माना जा रहा था कि ''बताती और आसपास के गांव तक ही किंग कोबरा का रहवास सीमित है. पर जब सर्वे का काम आगे बढ़ा तब पता चला कि किंग कोबरा के रहवास का दायरा काफी बड़ा है. यह सूरजपुर जिले के बॉर्डर तक फैला हुआ है''.

दुनिया के सबसे जहरीले सांप के लिए प्लान: किंग कोबरा के रहवास के विकास और उसे संरक्षण देने के लिए वन विभाग ने सर्वे का काम शुरू किया. तत्कालीन डीएफओ प्रियंका पांडे के कार्यकाल में यह सर्वे शुरू हुआ. सर्वे दल में शामिल सदस्य पैदल चलते हुए एक एक कंपार्टमेंट को कवर करते हैं. किंग कोबरा के निशानों को तलाशते हैं. टीम की ये कोशिश होती है कि किन किन क्षेत्रों में किंग कोबरा का निवास है ये पता लगाया जाए, रहवास का दायरा कितना बड़ा है इसकी भी जानकारी जुटाई जाए.

सर्वे का काम पूरा होने के बाद बनेगा एक्शन प्लान: सर्वे का काम पूरा होने के बाद जो रिपोर्ट सामने आएगी उसके आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार होगी. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही किंग कोबरा के रहवास के विकास पर योजना बनेगी. फिर उसे अमल में लाने की तैयारी की जाएगी.

बताती में मिला है 18 फीट का किंग कोबरा: कोरबा वनमंडल के अंतर्गत आने वाले गांव बताती में 18 फीट का किंग कोबरा मिल चुका है. गांव वालों ने जब इतना बड़ा किंग कोबरा देखा तो उनके होश उड़ गए. स्नैक कैचर की मदद से 18 फीट के किंग कोबरा को रेस्क्यू किया गया. इससे पहले भी कोरबा वन मंडल में 12 फीट से लेकर 18 फीट के कोबरा मिल चुके हैं. गांव वाले स्थानीय भाषा में किंग कोबरा को ''पहाड़ चित्ती'' कहते हैं. बताती और उसके आस पास के क्षेत्र को किंग कोबरा का नेचुरल रहवास माना जा रहा है.

''कोरबा वनमंडल मध्य भारत क्षेत्र में एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां किंग कोबरा की मौजूदगी है. इनके रहवास को विकसित करने और किंग कोबरा जैसे दुर्लभ और दुनिया के सबसे खतरनाक सांप को संरक्षण देने के लिए हम एक विशेष कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं. शासन से स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे का काम जारी है. जिसमें हमें कई तरह के फाइंडिंग्स मिले हैं''. - पी अरविंद, डीएफओ, कोरबा


सूरजपुर बार्डर तक मिले किंग कोबरा के निशान: सर्प मित्र और सर्वे दल के सदस्य जितेंद्र सारथी ने बताया ''किंग कोबरा जैसे दुर्लभ सांप पूरे देश में गिने-चुने स्थानों पर ही पाए जाते हैं. कोरबा के लिए बड़ी उपलब्धि है कि यहां इनका स्थाई निवास है. सर्वे शुरू होने के पहले हम सोच रहे थे कि कोरबा वनमंडल के कुछ गांव तक ही इसका आवास सीमित है. जब सर्वे का काम आगे बढ़ा तब पता चला कि पूरे कोरबा वनमंडल में कोबरा का निवास है. इतना ही नहीं कोरबा वन मंडल से लेकर सूरजपुर के बॉर्डर तक किंग कोबरा के रहवास के निशान मिले.

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किंग कोबरा का होगा संरक्षण: किंग कोबरा के रहवास को विकसित करने के लिए सर्वे का काम एक एनजीओ को दिया गया है. फिलहाल सर्वे का काम किया जा रहा है. सर्वे के दौरान टीम को किंग कोबरा से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी मिली हैं. किंग कोबरा के संरक्षण के लिए सर्वे का काम कोरबा वन मंडल रेंज में चल रहा है. ऐसा माना जा रहा था कि ''बताती और आसपास के गांव तक ही किंग कोबरा का रहवास सीमित है. पर जब सर्वे का काम आगे बढ़ा तब पता चला कि किंग कोबरा के रहवास का दायरा काफी बड़ा है. यह सूरजपुर जिले के बॉर्डर तक फैला हुआ है''.

दुनिया के सबसे जहरीले सांप के लिए प्लान: किंग कोबरा के रहवास के विकास और उसे संरक्षण देने के लिए वन विभाग ने सर्वे का काम शुरू किया. तत्कालीन डीएफओ प्रियंका पांडे के कार्यकाल में यह सर्वे शुरू हुआ. सर्वे दल में शामिल सदस्य पैदल चलते हुए एक एक कंपार्टमेंट को कवर करते हैं. किंग कोबरा के निशानों को तलाशते हैं. टीम की ये कोशिश होती है कि किन किन क्षेत्रों में किंग कोबरा का निवास है ये पता लगाया जाए, रहवास का दायरा कितना बड़ा है इसकी भी जानकारी जुटाई जाए.

सर्वे का काम पूरा होने के बाद बनेगा एक्शन प्लान: सर्वे का काम पूरा होने के बाद जो रिपोर्ट सामने आएगी उसके आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार होगी. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही किंग कोबरा के रहवास के विकास पर योजना बनेगी. फिर उसे अमल में लाने की तैयारी की जाएगी.

बताती में मिला है 18 फीट का किंग कोबरा: कोरबा वनमंडल के अंतर्गत आने वाले गांव बताती में 18 फीट का किंग कोबरा मिल चुका है. गांव वालों ने जब इतना बड़ा किंग कोबरा देखा तो उनके होश उड़ गए. स्नैक कैचर की मदद से 18 फीट के किंग कोबरा को रेस्क्यू किया गया. इससे पहले भी कोरबा वन मंडल में 12 फीट से लेकर 18 फीट के कोबरा मिल चुके हैं. गांव वाले स्थानीय भाषा में किंग कोबरा को ''पहाड़ चित्ती'' कहते हैं. बताती और उसके आस पास के क्षेत्र को किंग कोबरा का नेचुरल रहवास माना जा रहा है.

''कोरबा वनमंडल मध्य भारत क्षेत्र में एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां किंग कोबरा की मौजूदगी है. इनके रहवास को विकसित करने और किंग कोबरा जैसे दुर्लभ और दुनिया के सबसे खतरनाक सांप को संरक्षण देने के लिए हम एक विशेष कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं. शासन से स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे का काम जारी है. जिसमें हमें कई तरह के फाइंडिंग्स मिले हैं''. - पी अरविंद, डीएफओ, कोरबा


सूरजपुर बार्डर तक मिले किंग कोबरा के निशान: सर्प मित्र और सर्वे दल के सदस्य जितेंद्र सारथी ने बताया ''किंग कोबरा जैसे दुर्लभ सांप पूरे देश में गिने-चुने स्थानों पर ही पाए जाते हैं. कोरबा के लिए बड़ी उपलब्धि है कि यहां इनका स्थाई निवास है. सर्वे शुरू होने के पहले हम सोच रहे थे कि कोरबा वनमंडल के कुछ गांव तक ही इसका आवास सीमित है. जब सर्वे का काम आगे बढ़ा तब पता चला कि पूरे कोरबा वनमंडल में कोबरा का निवास है. इतना ही नहीं कोरबा वन मंडल से लेकर सूरजपुर के बॉर्डर तक किंग कोबरा के रहवास के निशान मिले.

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