चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा का चुनाव का वक्त जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे मौजूदा सीएम नायब सैनी एक्शन मोड में आकर कई अहम फैसले ले रहे हैं. इनमें न सिर्फ वे नए फैसले ले रहे हैं बल्कि पूर्व सीएम मनोहर लाल के फैसलों को भी पलटने में हिचकिचा नही रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि पार्टी पूर्व सीएम के जिन फैसलों की वजह से लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर पाई, उनको वर्तमान सीएम ठीक करने में जुटे हैं, ताकि विधानसभा चुनाव में पार्टी विपक्ष को कड़ी चुनौती दे सके.
सरपंचों को दी ज्यादा पावर : पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के सरपंचों की ताकत को जहां कई नियम और कायदे लाकर सीमित कर दिया था, वहीं वर्तमान सीएम ने फैसले को बदलते हुए उन्हीं सरपंचों को और अधिक ताकत दी है. वहीं लोकसभा चुनाव में सरपंचों ने खुलकर बीजेपी का विरोध किया था, जिसका असर ये रहा कि बीजेपी ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर दिखाई दी. सरपंचों को ताकत देकर अब वर्तमान सीएम उस गलती को विधानसभा चुनाव से पहले ठीक करते नजर आ रहे हैं.
स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण पर बड़ा फैसला : इतना ही नहीं सरपंचों को ताकत देने के साथ ही पूर्व सीएम के वक्त स्टिल्ट प्लस चार मंजिला निर्माण पर लगी रोक को भी कुछ नियमों और शर्तों के हिसाब से सरकार ने फिर हटा दिया है. हालांकि एक कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने ये फैसला लिया है जिसके तहत अब कुछ नियम और शर्तों के आधार पर इसके निर्माण की इजाजत दे दी गई है.
अहम राजनीतिक फैसले भी ले रहे सीएम : हरियाणा के सीएम नायब सैनी सिर्फ प्रशासनिक ही नहीं बल्कि पूर्व सीएम के राजनीतिक फैसले भी बदल रहे हैं. इसी फैसले के तहत सिरसा के कालांवाली सीट से 2014 में प्रत्याशी रहे राजेंद्र देसूजोधा को भी पार्टी में वापिस लिया गया है. उनका 2019 में पूर्व सीएम की वजह से टिकट काट दिया गया था. इसके साथ ही यमुनानगर के रादौर से पूर्व बीजेपी नेता श्याम सिंह राणा के भी जल्द बीजेपी में शामिल होने की खबर है. हालांकि इनेलो ने उनको विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार भी बना लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि वे पांच जून को बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
सैनी के बदले अंदाज पर क्या कहते हैं जानकार ? : पूर्व सीएम के फैसलों को बदलने को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि 29 जून की बैठक में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नायब सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो उसी वक्त साफ हो गया था कि उन्हें पूर्व सीएम की परछाई से बाहर निकलने के लिए पार्टी ने कह दिया है. वे कहते हैं कि पार्टी हर हाल में विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव के दौरान हुई गलतियों को नहीं दोहराना चाहती है. इसलिए सीएम नायब सैनी को एक तरह की पार्टी ने छूट दे दी है कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए जो भी फैसले उन्हें सही लगते हैं वे करें, चाहे फिर पूर्व सीएम मनोहर लाल के फैसले ही क्यों न बदलने पड़े. वे कहते हैं कि नायब सिंह सैनी को जब पार्टी ने विधानसभा चुनाव की कमान दे दी है तो ऐसे में पार्टी के मंथन में जिन फैसलों का लोकसभा चुनाव में नकरात्मक असर पार्टी की परफार्मेंस पर पड़ा, उन्हें वे बदलने में पीछे नहीं रहना चाहते. वे कहते हैं कि बीजेपी विधानसभा चुनाव को हार हाल में जीतना चाहेगी. इसलिए आने वाले दिनों में सीएम नायब सैनी अगर पूर्व सीएम मनोहर लाल के कुछ और फैसलों को बदलें तो उसमें कोई हैरानी नहीं होगी.
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