नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई. हालांकि, विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ कि उपराज्यपाल जब अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे, तब एक-दो बार नहीं बल्कि 9 बार बीजेपी के विधायक उन उपलब्धियों का विरोध जताने के लिए सीट से खड़े हो गए. बारी-बारी से भाजपा विधायकों ने पर्यावरण, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य मुद्दों पर दिल्ली सरकार द्वारा किए गए दावे को गलत बताने की कोशिश की. अंत में भाजपा विधायकों को मार्शल द्वारा बाहर निकाल दिया गया.
आखिर भाजपा विधायकों ने ऐसा क्यों किया? इस पर विधानसभा के पूर्व नेता विपक्ष व बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के जिस दस्तावेज को उपराज्यपाल पढ़ रहे थे वह झूठ का पुलिंदा था. उसमें एक भी बात सही नहीं थी. सरकार ने गलत आंकड़ें, तथ्य प्रस्तुत किए. चाहे वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो, परिवहन के क्षेत्र में हो या शिक्षा के क्षेत्र में. इसलिए विरोध जताने के लिए हम लोग अपनी बात कह रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष ने हमें बोलने नहीं दिया. विधानसभा में सफेद झूठ परोसा गया.
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उपराज्यपाल का अभिभाषण का विरोध कितना सही, इस पर भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सब सच्चाई तो सामने है. पिछले एक साल से डीटीसी में बसें नहीं आई, अभी स्वास्थ्य क्षेत्र में दिल्ली सरकार के खराब इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर हाईकोर्ट में फटकार लगाई है और रिपोर्ट मांगी है. शिक्षा का स्तर और सुविधाएं खराब हुई है. यह सब बात हम उपराज्यपाल को बताना चाहते थे.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायकों को जिस तरह विधानसभा से बाहर किया गया, उसको लेकर अब सभी विधायक इसकी शिकायत उपराज्यपाल से करेंगे. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उपराज्यपाल को सच्चाई बताएंगे कि सरकार ने किस तरह उनको भी गुमराह करने की कोशिश की है. बता दें कि दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 15 से 20 फरवरी तक चलेगा.