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राज्यपाल को सरकार से क्यों थी नाराजगी, सीएम सुक्खू को राजभवन में भरनी पड़ी 'हाजिरी' - why cm sukhu met with governor

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने राजभवन पहुंचे. दरअसल एक दिन पहले ही राज्यपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जताई थी. इस दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम सुक्खू ने कहा कि ये एक शिष्टाचार के नाते राज्यपाल से भेंट थी. जिन विषयों पर राज्यपाल को नाराजगी थी उसे दूर कर दिया गया है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 8:29 PM IST

राज्यपाल से मिलते सीएम सुक्खू
राज्यपाल से मिलते सीएम सुक्खू (ईटीवी भारत)

शिमला: आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने राजभवन पहुंचे. राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि ये एक शिष्टाचार भेंट थी. सरकार और राजभवन के बीच में कम्युनिकेशन गैप हो गया था. ऐसे में राज्यपाल से मिलकर सभी तरह की नाराजगी को दूर किया गया है. सीएम सुक्खू ने माना कि राज्यपाल की नाराजगी भी सही थी.

हिमाचल में चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और शिमला विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति न होने को लेकर कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने राजभवन पर टिप्पणी की थी, जिसको लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था "इसमें राजभवन का कोई दोष नहीं है. जो सरकार चाहे वैसा ही हो, ऐसा किसी प्रदेश में नहीं होता है. नियमों के विरुद्ध मैं कोई काम नहीं करूंगा. मैं जब तक हूं राज्यपाल पद की गरिमा को बनाए रखूंगा. इसमें राजभवन की तरफ से कोई देरी नहीं की जा रही है. कृषि विवि में कुलपति नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसके लिए राजभवन ने स्टे हटाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. "

पुराने नियमों के तहत कुलपति चुनने के लिए कमेटी गठित

राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ल ने कहा था कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा हैं, सरकार चाहती है कि कृषि विश्वविद्यालय में सरकार की सहमति के आधार पर ही राज्यपाल की ओर से कुलपति की नियुक्ति की जाए. सरकार ने जो नाम भेजे हैं, राज्यपाल इसका अनुमोदन करे. ऐसा नहीं हो सकता है. पुराने नियमों के तहत ही कुलपति को चुनने के लिए कमेटी गठित की गई है. इस बीच अगर कोर्ट का स्टे हटता है तो, जल्द ही कुलपति की नियुक्ति की जाएगी.

योग दिवस पर राज्यपाल ने सरकार से जताई थी नाराजगी

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शिमला के रिज मैदान में आयोजित समारोह में हिमाचल सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि शामिल न होने पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कड़ी नाराजगी जताई है. राज्यपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस राज्य सरकार की उदासीनता असहनीय है.

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रिज मैदान पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. आयोजन आयुष विभाग की ओर से किया गया था. इसके बावजूद आयुष मंत्री इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे. आयुष मंत्री यादविंदर गोमा जिला कांगड़ा के पपरोला में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित थे. शिमला के मेयर और स्थानीय विधायक भी कार्यक्रम में नहीं आए. इसी वजह से राज्यपाल ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.

इसे लेकर शिव प्रताप शुक्ल ने रिज मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक मेले के शुभारंभ के मौके पर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि योग दिवस के आयोजन के अवसर पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था, न तो शिमला के मेयर, न स्थानीय विधायक और न ही आयुष मंत्री आये थे. राज्यपाल ने जवाब में कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश सरकार की उदासीनता असहनीय है. विश्व के करीब 138 देश योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. वहीं, हिमाचल सरकार उदासीन रही. हर आयोजन को राजनीति से नहीं तोलना चाहिए. दुखद है कि प्रदेश सरकार ने यही किया. वो इस मामले में कुछ कहना नहीं चाहते थे, लेकिन ये रवैया सहन करने योग्य नहीं है.

मुलाकात के बाद क्या बोले सुक्खू

शिमला: हिमाचल में राज्यपाल की ओर से गुरुवार को आयोजित की गई प्रेसवार्ता के एक दिन बाद ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने राजभवन पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम सुक्खू ने कहा कि ये एक शिष्टाचार के नाते राज्यपाल से भेंट थी. हिमाचल में लोकसभा सहित विधानसभा की छह सीटों पर हुए उपचुनाव के चलते 16 मार्च को आचार संहिता लग गई थी. इस कारण पिछले करीब चार महीने से चुनाव की व्यस्तता की वजह से राज्यपाल से भेंट नहीं हो पाई थी, इसके कारण सरकार और राजभवन के बीच में कम्युनिकेशन गैप हो गया था. ऐसे में राज्यपाल से मिलकर सभी तरह की नाराजगी को दूर किया गया है.

राज्यपाल ने कुछ मुददों पर नाराजगी जताई है. इसमें योगा डे पर सरकारी कार्यक्रम पर जताई गई उनकी नाराजगी भी जायज है. योगा-डे के दिन शहर के मेयर भी उपस्थित नहीं थे. वो संवैधानिक पद पर बैठे हैं. इस चीज का ध्यान रखा जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त कुछ विषयों पर कम्युनिकेशन गैप था, उन्हें भी राज्यपाल से मिलकर दूर कर दिया गया है. हिमाचल में विश्विद्यालय कुलपतियों की नियुक्ति न होने पर सीएम सुक्खू ने कहा कि संबंधित फाइल तीन-चार महीने पहले राज्यपाल ने वापस सरकार को भेज दी थी. ये फाइल विधि सचिव के पास ही पड़ी हैं. राज्यपाल चाहते हैं कि विश्वविद्यालय में शिक्षा का माहौल बना रहे, इसके लिए कुलपति की नियुक्ति होना जरूरी हैं. इस विषय को लेकर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. निश्चित तौर पर राज्यपाल ने जो विषय उठाए हैं, उस पर सरकार पूरा गौर करेगी। भविष्य में इन सब बातों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू ने की राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट, कहा: राजभवन की सभी नाराजगियों को किया दूर

ये भी पढ़:'मुझे मुंबई और कनाडा नहीं जाना...देहरा अब मेरा, पूर्व विधायक हैं दगाबाज'

शिमला: आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने राजभवन पहुंचे. राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि ये एक शिष्टाचार भेंट थी. सरकार और राजभवन के बीच में कम्युनिकेशन गैप हो गया था. ऐसे में राज्यपाल से मिलकर सभी तरह की नाराजगी को दूर किया गया है. सीएम सुक्खू ने माना कि राज्यपाल की नाराजगी भी सही थी.

हिमाचल में चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और शिमला विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति न होने को लेकर कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने राजभवन पर टिप्पणी की थी, जिसको लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था "इसमें राजभवन का कोई दोष नहीं है. जो सरकार चाहे वैसा ही हो, ऐसा किसी प्रदेश में नहीं होता है. नियमों के विरुद्ध मैं कोई काम नहीं करूंगा. मैं जब तक हूं राज्यपाल पद की गरिमा को बनाए रखूंगा. इसमें राजभवन की तरफ से कोई देरी नहीं की जा रही है. कृषि विवि में कुलपति नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसके लिए राजभवन ने स्टे हटाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. "

पुराने नियमों के तहत कुलपति चुनने के लिए कमेटी गठित

राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ल ने कहा था कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा हैं, सरकार चाहती है कि कृषि विश्वविद्यालय में सरकार की सहमति के आधार पर ही राज्यपाल की ओर से कुलपति की नियुक्ति की जाए. सरकार ने जो नाम भेजे हैं, राज्यपाल इसका अनुमोदन करे. ऐसा नहीं हो सकता है. पुराने नियमों के तहत ही कुलपति को चुनने के लिए कमेटी गठित की गई है. इस बीच अगर कोर्ट का स्टे हटता है तो, जल्द ही कुलपति की नियुक्ति की जाएगी.

योग दिवस पर राज्यपाल ने सरकार से जताई थी नाराजगी

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शिमला के रिज मैदान में आयोजित समारोह में हिमाचल सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि शामिल न होने पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कड़ी नाराजगी जताई है. राज्यपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस राज्य सरकार की उदासीनता असहनीय है.

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रिज मैदान पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. आयोजन आयुष विभाग की ओर से किया गया था. इसके बावजूद आयुष मंत्री इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे. आयुष मंत्री यादविंदर गोमा जिला कांगड़ा के पपरोला में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित थे. शिमला के मेयर और स्थानीय विधायक भी कार्यक्रम में नहीं आए. इसी वजह से राज्यपाल ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.

इसे लेकर शिव प्रताप शुक्ल ने रिज मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक मेले के शुभारंभ के मौके पर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि योग दिवस के आयोजन के अवसर पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था, न तो शिमला के मेयर, न स्थानीय विधायक और न ही आयुष मंत्री आये थे. राज्यपाल ने जवाब में कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश सरकार की उदासीनता असहनीय है. विश्व के करीब 138 देश योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. वहीं, हिमाचल सरकार उदासीन रही. हर आयोजन को राजनीति से नहीं तोलना चाहिए. दुखद है कि प्रदेश सरकार ने यही किया. वो इस मामले में कुछ कहना नहीं चाहते थे, लेकिन ये रवैया सहन करने योग्य नहीं है.

मुलाकात के बाद क्या बोले सुक्खू

शिमला: हिमाचल में राज्यपाल की ओर से गुरुवार को आयोजित की गई प्रेसवार्ता के एक दिन बाद ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने राजभवन पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम सुक्खू ने कहा कि ये एक शिष्टाचार के नाते राज्यपाल से भेंट थी. हिमाचल में लोकसभा सहित विधानसभा की छह सीटों पर हुए उपचुनाव के चलते 16 मार्च को आचार संहिता लग गई थी. इस कारण पिछले करीब चार महीने से चुनाव की व्यस्तता की वजह से राज्यपाल से भेंट नहीं हो पाई थी, इसके कारण सरकार और राजभवन के बीच में कम्युनिकेशन गैप हो गया था. ऐसे में राज्यपाल से मिलकर सभी तरह की नाराजगी को दूर किया गया है.

राज्यपाल ने कुछ मुददों पर नाराजगी जताई है. इसमें योगा डे पर सरकारी कार्यक्रम पर जताई गई उनकी नाराजगी भी जायज है. योगा-डे के दिन शहर के मेयर भी उपस्थित नहीं थे. वो संवैधानिक पद पर बैठे हैं. इस चीज का ध्यान रखा जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त कुछ विषयों पर कम्युनिकेशन गैप था, उन्हें भी राज्यपाल से मिलकर दूर कर दिया गया है. हिमाचल में विश्विद्यालय कुलपतियों की नियुक्ति न होने पर सीएम सुक्खू ने कहा कि संबंधित फाइल तीन-चार महीने पहले राज्यपाल ने वापस सरकार को भेज दी थी. ये फाइल विधि सचिव के पास ही पड़ी हैं. राज्यपाल चाहते हैं कि विश्वविद्यालय में शिक्षा का माहौल बना रहे, इसके लिए कुलपति की नियुक्ति होना जरूरी हैं. इस विषय को लेकर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. निश्चित तौर पर राज्यपाल ने जो विषय उठाए हैं, उस पर सरकार पूरा गौर करेगी। भविष्य में इन सब बातों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

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