नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीट पर बीजपी ने फिर से कब्जा कर लिया है. इस चुनाव में दक्षिणी दिल्ली सीट से बदरपुर विधानसभा से बीजेपी के विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी भी लोकसभा चुनाव जीत गए हैं. उनकी जीत के बाद अब इस सीट पर आने वाले समय में उप-चुनाव होना तय है लेकिन इससे पहले दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करना जरूरी होगा. रामवीर सिंह बिधूड़ी सिर्फ दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के विधायक ही नहीं हैं बल्कि सदन में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद उनके विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद इस पद पर बीजेपी को विधायक दल के नेता के रूप में नाम की घोषणा भी करनी होगी.
2025 में समाप्त होगा बिधूड़ी का कार्यकाल
गौर करने वाली बात है कि बिधूड़ी के दिल्ली विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद बदरपुर विधानसभा के रिक्त होने पर छह माह के भीतर यहां पर चुनाव कराने होंगे. रामवीर सिंह बिधूड़ी का मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अभी छह माह से ज्यादा का बचा हुआ है. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 2025 में समाप्त होगा लेकिन विधानसभा के लिए नेता प्रतिपक्ष के नाम का चयन पहले किया जाना जरूरी है. संभावना जताई जा रही कि नए नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान कल तक किया जा सकता है.
नेता प्रतिपक्ष को मंत्रियों वाली सुविधा मिलती है
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद एक कैबिनेट मंत्री का ही पद होता है. दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सरकार में आठवें मंत्री के रूप में माने जाते हैं. उनको वो सभी सुविधाएं मिलती हैं जोकि दिल्ली सरकार में एक मंत्री को उपलब्ध करवायी जाती हैं. हालांकि, नेता प्रतिपक्ष को चयन करने का जिम्मा भारतीय जनता पार्टी को करना है. बीजेपी को जल्द से जल्द अपने नेता प्रतिपक्ष के नाम का चयन करना होगा.
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इन नेताओं के नाम भी दावेदारी में हैं
इस नाम के चयन के बाद ही तय हो पाएगा कि दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक दल का नेता कौन होगा. बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने वाले को ही नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जा सकेगा. पार्टी सूत्रों की माने तो इस पद पर कई दावेदार हैं जिसमें सबसे मजबूत दावेदारी घोंडा से विधायक अजय महावर की मानी जा रही है. हालांकि, इस पद को लेकर रोहिणी से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता भी सशक्त दावेदारों में हैं. इसके अलावा करावल नगर से विधायक मोहन सिंह बिष्ट और लक्ष्मी नगर से विधायक अभय सिन्हा का नाम भी दावेदारी में हैं. इसको लेकर अभी से कवायद शुरू हो गई है.
बिधूड़ी से पहले पिछले कार्यकाल में विजेंद्र गुप्ता नेता प्रतिपक्ष के पद पर रह चुके हैं. इस सीट पर किसको बिठाया जाएगा, यह पार्टी नेतृत्व के अधिकार क्षेत्र का मसला होता है. सूत्र बताते हैं कि भाजपा नेतृत्व को इस संबंध में फैसला जल्द से जल्द करना होगा क्योंकि अगर दिल्ली विधानसभा का किसी मामले पर कोई विशेष सत्र बुलाया जाता है तो नेता प्रतिपक्ष का होना भी जरूरी माना जाता है. इसलिए दिल्ली विधानसभा के लिए बदरपुर सीट पर उप-चुनाव 6 महीने के भीतर कभी भी कराया जाए लेकिन इससे पहले पार्टी को नए नेता प्रतिपक्ष का नाम जल्द से जल्द फाइनल करना होगा.