रांची: झारखंड के चुनावी रण में सबकी नजर बरहेट सीट पर है. जहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर मैदान में उतरने वाले हैं. दूसरे और अंतिम चरण में यहां 20 नवंबर को मतदान होना है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 24 अक्टूबर को इस सीट से नामांकन करने वाले हैं. इस सीट के लिए मंगलवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू भी हो गई है. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव मैदान में कौन उतरेगा यह बीजेपी अब तक तय नहीं कर पाई है. बीजेपी के अंदर इस सीट से ट्रायबल लीडर कौन चुनाव मैदान में आएगा, यह तय नहीं हो पा रहा है.
दुमका से चुनाव लड़ने की चाहत रख रहीं लुईस मरांडी को बीजेपी ने सर्वप्रथम बरहेट से उतरने का ऑफर दिया था. जिसे इनकार करते हुए नाराज होकर वो जेएमएम का दामन थाम चुकी हैं. इसी तरह बाबूलाल मरांडी और लोबिन हेम्ब्रम चुनाव घोषणा से पहले कई बार हेमंत सोरेन के खिलाफ उतरने की बात कर रहे थे. जब टिकट की बात हुई तो दोनों नेता अपनी पुरानी सीट से चुनाव मैदान में उतरना ही उचित समझा.
अपने विधानसभा क्षेत्र धनवार में 28 अक्टूबर को नामांकन करने की तैयारी में जुटे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से जब इस संबंध में पूछा गया कि बरहेट में मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रत्याशी उतारने में क्यों देरी हो रही है तो उनका साफ कहना था कि दिल थाम के रहिए वक्त आने पर पता चल जाएगा. टिकट को लेकर पार्टी के अंदर मची भगदड़ को बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि चुनाव के समय ऐसा होता है जिन्हें चुनाव लड़ने की चाहत रहती है और उन्हें टिकट नहीं मिल पाता है तो उनकी नाराजगी स्वभाविक हो जाती है. इससे पार्टी को कोई क्षति नहीं पहुंचेगा सबकुछ ठीक हो जाएगा.
हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए कलेजा चाहिए- जेएमएम
भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रत्याशी उतारने में हो रही देरी पर झामुमो तंज कसा है. जेएमएम ने कहा कि इसके लिए कलेजा चाहिए, जो भी लड़ेगा उसकी राजनीतिक शहादत हो जाती है. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने बीजेपी को ललकारते हुए कहा कि आज की तारीख में राज्य के किसी भी विधानसभा क्षेत्र से हेमंत सोरेन चुनाव लड़ते हें तो उनकी जीत पक्की है. भाजपा को हिम्मत है तो किसी उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारे.
झामुमो नेता ने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और लोबिन हेम्ब्रम हेमंत सोरेन के खिलाफ बड़ी-बड़ी बात करते रहे हैं लेकिन क्या हुआ. हेमंत सोरेन के खिलाफ भाजपा ने हेमलाल मुर्मू को लाया वो भी जेएमएम में आ गए इसी तरह लुईस मरांडी भी उतरने से पहले अच्छा निर्णय लिया और जेएमएम में शामिल हो गई हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भाजपा का एक भी नेता ट्रायबल सीट जीतने में सफल नहीं होगा क्योंकि राज्य की जनता हेमंत सोरेन के साथ हुए बर्ताव का बदला लेने की तैयारी कर रखी है.
बता दें कि बरहेट एसटी सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा का अभेद्य किला है. जहां से लगातार जेएमएम के प्रत्याशी ही जीतते रहे हैं. 2005 में इस सीट से थॉमस सोरेन, 2009 में हेमलाल मुर्मू, 2014 और 2019 में लगातार दो बार हेमंत सोरेन जीत चुके हैं.
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