शिमला: राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल प्रदेश में चल रहा सियासी ड्रामा लगातार जारी है. कांग्रेस से लेकर बीजेपी खेमे में हलचल बनी हुई है. इस बीच गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. उनके इस फैसले से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर छाए संकट के बादल फिलहाल छंटते नजर आ रहे हैं. आइये जानते हैं कि आखिर कौन हैं कुलदीप सिंह पठानिया ?
कुलदीप सिंह पठानिया मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की भटियात सीट से विधायक हैं. पेशे से वकील कुलदीप सिंह पठानिया की छवि एक तेज तर्रार नेता की रही है. 1985 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप पठानिया पहली बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने थे. तब उनकी उम्र महज 28 साल थी और उस वक्त वो सदन में सबसे युवा विधायक थे. इसके बाद उन्होंने 1993, 2003 और 2007 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की.
हिमाचल विधानसभा चुनाव 2003 में पठानिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था. 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीता और वो 5वीं बार हिमाचल विधानसभा पहुंचे थे. जिसके बाद उन्हें पहली बार हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी. अपने करीब 40 साल के सियासी करियर में कुलदीप पठानिया कई समितियों के चेयरमैन और सदस्य की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
हिमाचल विधानसभा का स्पीकर होने के नाते कुलदीप पठानिया एंटी डिफेक्शन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन भी हैं. गुरुवार को ट्रिब्यूनल के चेयरमैन होने के नाते उन्होंने क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. पठानिया ने सुधीर शर्मा, राजिंद्र राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र भुट्टो, आईडी लखनपाल और रवि ठाकुर को अयोग्य घोषित कर दिया. आदेश के माध्यम से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है. अब वे एंटी डिफेक्शन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन और विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के अनुसार सदन के सदस्य नहीं रहे हैं.
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