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दिल्ली में बसपा के अकेले चुनाव लड़ने से क‍िसको नफा, किसको नुकसान, जान‍िए आंकड़ों का पूरा गण‍ित - lok sabha elections 2024

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण में राजधानी दिल्ली में चुनाव होना है. इसे लेकर विभिन्न दलों के प्रत्याशियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. वहीं बहुजन समाज पार्टी द्वारा सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाने से चुनावी घमासान और रोचक हो गया है. बसपा की इस 'एंट्री' के क्या मायने हैं और इससे किसको फायदा या नुकसान होगा, पढ़िए ईटीवी भारत की रिपोर्ट में..

दिल्ली में बसपा के अकेले चुनाव लड़ने के मायने
दिल्ली में बसपा के अकेले चुनाव लड़ने के मायने (ETV BHARAT GFX)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 4, 2024, 3:52 PM IST

Updated : May 4, 2024, 5:35 PM IST

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली की सातों लोकसभा सीट पर अब सभी दलों की ओर से प्रत्‍याशियों के नाम का ऐलान हो चुका है. इनमें बीजेपी और इंडिया गठबंधन के कई प्रत्याशियों ने नामांकन पर्चा भी भर द‍िया है. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारे हैं, ज‍िनकी तरफ से नामांकन क‍िया जा रहा है. कांग्रेस-आम आदमी पार्टी इस बार सभी सीटों पर म‍िलकर चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन बसपा और बीजेपी चुनावी दंगल में अकेले उतरी हैं.

बसपा के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबले के और बेहद द‍िलचस्‍प होने की उम्‍मीद जताई जा रही है. द‍िल्‍ली में बसपा की दल‍ित और मुस्‍ल‍िम वोट बैंक में अच्‍छी पकड़ मानी जाती है. बहुजन समाज पार्टी ने प‍िछले लोकसभा चुनाव में भी सातों सीटों पर प्रत्‍याशियों को उतारा था, लेक‍िन दो सीटों पर उनके प्रत्‍याश‍ियों का नॉम‍िनेशन कैंस‍िल हो गया था. इसकी वजह से पार्टी दो सीटों पर चुनाव नहीं लड़ पाई थी. इसमें नई द‍िल्‍ली और नॉर्थ वेस्‍ट द‍िल्‍ली लोकसभा सीट शाम‍िल थी. वहीं नॉम‍िनेशन कैंस‍िल होने पर मायावती ने द‍िल्‍ली में आयोज‍ित एक रैली में संगठन के नेताओं को फटकार भी लगाई थी.

दिल्ली में बसपा की एंट्री से बदलेंगे समीकरण
दिल्ली में बसपा की एंट्री से बदलेंगे समीकरण (ETV BHARAT GFX)

वहीं इस बार बसपा के सातों सीटों पर प्रत्‍याशी उतरने के बाद से बीजेपी और कांग्रेस-आप के बीच बैचनी बढ़ गई है. खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, जो इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने जा रही हैं, वे बसपा के अकेले चुनाव लड़ने से ज्‍यादा परेशान है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है क‍ि द‍िल्‍ली में बसपा का अपना एक वोटर कैडर है. चुनावी दंगल में अकेले उतरने से इसका सबसे ज्‍यादा नुकसान कांग्रेस-आपन प्रत्याशियों को होने की उम्‍मीद है. दरअसल, द‍िल्‍ली में अल्‍पसंख्‍यक और दल‍ित वोटरों में बसपा की अच्‍छी पकड़ है.

'इंड‍िया गठबंधन' के दल भी इस वोट बैंक पर अपनी न‍िगाह बनाए हुए हैं. बसपा के अकेले चुनावी मैदान में उतरने से ये दल इस वोट बैंक में सेंध लगने से ज्‍यादा परेशान हो गए हैं. दरअसल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों इस बार द‍िल्‍ली में हुए 'इंड‍िया गठबंधन' के तहत सीट शेयर‍िंग फॉर्मूल के तहत चुनावी मैदान में उतरी हैं. आम आदमी पार्टी जहां 4 सीटों पर लड़ रही है तो कांग्रेस तीन सीट पर ताकत झोंके हुए है.

प‍िछले चुनाव में नहीं मिल पाया था 3 फीसदी वोट: प‍िछले चुनाव की बात की जाए तो यमुना पार की दोनों सीटों, ईस्‍ट और नॉर्थ ईस्‍ट द‍िल्‍ली लोकसभा सीट पर बसपा को अच्‍छी संख्या में वोट म‍िले थे. साउथ द‍िल्‍ली और वेस्‍ट द‍िल्‍ली लोकसभा सीट पर बसपा कैंड‍िडेट को भी ठीक-ठाक वोट पड़े थे. हालांकि चांदनी चौक में पार्टी को कुछ कम वोट मिले थे. साथ ही अन्य दो सीटों पर नामांकन रद्द हो गया था. बसपा को कुल 1.08 फीसदी वोट मिले थे. दो सीटों पर नामांकन रद्द होना और कुछ सीट पर वोट कम मिलने के चलते पार्टी को राज्य में 3 फीसदी वोट भी नहीं मिले, जिसकी वजह से उसके सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.

इस सीट पर बसपा कैंड‍िडेट को म‍िले थे सबसे ज्‍यादा वोट: बात अगर पिछले चुनाव में बसपा कैंड‍िडेट्स को हर सीट पर म‍िले वोट की करें तो, नॉर्थ ईस्‍ट दिल्ली लोकसभा सीट पर प्रत्‍याशी राजवीर स‍िंह को कुल 37,831 मत प्राप्‍त हुए थे, जो बसपा प्रत्याशी को मिले वोटों में सबसे अधिक थे. वहीं ईस्‍ट द‍िल्‍ली सीट पर संजय गहलोत को 19,090, साउथ द‍िल्‍ली लोकसभा सीट पर स‍िद्धांत गौतम को 14,572, वेस्‍ट द‍िल्‍ली सीट पर सीता सरन सैन को 13,269 और चांदनी चौक सीट पर शाह‍िद अली को 8,711 वोट मिले थे.

दो मुस्‍ल‍िम चेहरे उतारकर बसपा ने खेला बड़ा दांव: बसपा ने अल्पसंख्यक वोटों को साधने के लिए दिल्ली की दो लोकसभा सीटों पर मुस्‍ल‍िम कैंड‍िडेट उतारे हैं. पार्टी ने चांदनी चौक सीट पर अबुल कलाम आजाद और साउथ दिल्ली सीट से अब्दुल बासित पर बड़ा दांव खेला है. वहीं ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए ईस्‍ट दिल्ली लोकसभा सीट से राजेंद्र कुमार पाल को टिकट दिया गया है. इसके अलावा बीजेपी के मनोज तिवारी और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के 'इंडिया गठबंधन' के संयुक्त प्रत्याशी कन्हैया कुमार के खिलाफ नॉर्थ ईस्‍ट द‍िल्‍ली लोकसभा सीट से बसपा ने डॉ. अशोक कुमार को चुनावी दंगल में उतारा है. उधर नई दिल्ली से सत्य प्रकाश गौतम, नॉर्थ वेस्ट सीट से विजय बौद्ध और वेस्ट दिल्ली सीट से बसपा ने विशाखा आनंद को प्रत्याशी बनाया है. गौर करने वाली बात यह है क‍ि लोकसभा चुनाव में तीनों बड़ी पार्टियों बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की तरफ से किसी भी मुस्लिम चेहरे को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है.

नॉर्थ ईस्‍ट लोकसभा सीट पर सबसे ज्‍यादा मुस्‍ल‍िम आबादी: राजधानी की नॉर्थ ईस्‍ट लोकसभा सीट ऐसी है, जहां पर बड़ी संख्‍या में मुस्‍ल‍िम वोटर हैं. यह लोकसभा सीट अकेली ऐसी है, जो क‍ि बाकी छह सीटों के मुकाबले मुस्‍ल‍िम बहुल मानी जाती है. इस सीट पर वोटर्स के आंकड़ों की बात करें तो यहां पर करीब 23 फीसदी से ज्‍यादा मुस्‍ल‍िम वोटर हैं. इसपर कांग्रेस-आम आदमी पार्टी की न‍िगाह है, लेक‍िन बसपा के मैदान में आने से इनकी धड़कनें बढ़ गई हैं. नॉर्थ ईस्‍ट सीट के अंतर्गत 10 व‍िधानसभा सीटों में बुराड़ी, त‍िमारपुर, सीमापुरी, रोहताश नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर, मुस्‍तफाबाद और करावल नगर व‍िधानसभा प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं. इसमें सबसे ज्‍यादा मुस्‍ल‍िम आबादी सीलमपुर, मुस्‍तफाबाद और सीमापुरी में हैं, जहां मुस्‍ल‍िम वोटर एक न‍िर्णायक भूम‍िका में माने जाते हैं. सीलमपुर में तो करीब 35 से 40 फीसदी वोटर मुस्‍ल‍िम है.

20 फीसदी से ज्यादा दल‍ित वोटर: इस बीच देखा जाए तो द‍िल्‍ली में करीब 20 फीसदी से ज्यादा दल‍ित वोटर हैं और करीब 14 फीसदी मुस्‍ल‍िम वोटर्स हैं. बसपा के खुलकर आने से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को अपना खेल ब‍िगड़ने का डर सता रहा है. नॉर्थ ईस्‍ट पर 23 फीसदी मुस्‍ल‍िम वोटर हैं तो पूर्वी दिल्ली सीट पर 16 फीसदी अल्‍पसंख्‍यक वोटर है. वहीं, चांदनी चौक सीट पर 14 फीसदी, नॉर्थ वेस्ट सीट पर 10 फीसदी, दक्षिणी दिल्ली पर 7 फीसदी, वेस्ट दिल्ली में 6 फीसदी और नई दिल्ली में 5 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. बसपा के मैदान में उतरने से इस वोट बैंक के बंटने के पूरे आसार हैं, जि‍सका फायदा बीजेपी को म‍िलने की उम्‍मीद है.

यह भी पढ़ें-साउथ द‍िल्‍ली से भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी के पास कोई गाड़ी नहीं, पत्नी हैं करोड़पति

25 मई को होगा चुनाव: द‍िल्‍ली की सातों सीटों पर चुनाव छंठे चरण के अंतर्गत 25 मई को होंगे. वहीं नामांकन दाख‍िल करने की आखि‍री तारीख 6 मई है. बसपा के चांदनी चौक, नई द‍िल्‍ली और पूर्वी द‍िल्‍ली से कैंड‍िडेट नामांकन पर्चा भर चुके हैं. वहीं चार सीटों पर नॉम‍िनेशन क‍िया जाना बाकी है. द‍िल्‍ली में कुल वोटरों की संख्‍या की बात करें तो इस बार 1,47,18,119 मतदाता हैं, जो कि चुनाव में प्रत्‍याश‍ियों के भाग्‍य का फैसला करेंगे.

इसमें पुरुष मतदाता 79,86,572, मह‍िला वोटर 67,30,371 और ट्रांसजेंडर वोटर्स की कुल संख्‍या 1,176 है. सबसे ज्‍यादा वोटरों वाली लोकसभा सीटों में वेस्‍ट संसदीय क्षेत्र है, जहां इस बार कुल मतदाता 24,88,831 हैं. आंकड़ों के लि‍हाज दूसरे नंबर पर नॉर्थ वेस्‍ट लोकसभा सीट है, जहां 24,72,910 वोटर्स हैं. वहीं तीसरे नंबर पर नॉर्थ ईस्‍ट लोकसभा सीट है, जहां इस बार 23,81,442 मतदाता अपने मत का इस्‍तेमाल करेंगे.

यह भी पढ़ें-दक्षिणी दिल्ली से एक ट्रांसजेंडर प्रत्याशी भी मैदान में, नंगे पांव कराने गए नामांकन; जानिए- किन मुद्दों पर लड़ रहे चुनाव

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली की सातों लोकसभा सीट पर अब सभी दलों की ओर से प्रत्‍याशियों के नाम का ऐलान हो चुका है. इनमें बीजेपी और इंडिया गठबंधन के कई प्रत्याशियों ने नामांकन पर्चा भी भर द‍िया है. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारे हैं, ज‍िनकी तरफ से नामांकन क‍िया जा रहा है. कांग्रेस-आम आदमी पार्टी इस बार सभी सीटों पर म‍िलकर चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन बसपा और बीजेपी चुनावी दंगल में अकेले उतरी हैं.

बसपा के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबले के और बेहद द‍िलचस्‍प होने की उम्‍मीद जताई जा रही है. द‍िल्‍ली में बसपा की दल‍ित और मुस्‍ल‍िम वोट बैंक में अच्‍छी पकड़ मानी जाती है. बहुजन समाज पार्टी ने प‍िछले लोकसभा चुनाव में भी सातों सीटों पर प्रत्‍याशियों को उतारा था, लेक‍िन दो सीटों पर उनके प्रत्‍याश‍ियों का नॉम‍िनेशन कैंस‍िल हो गया था. इसकी वजह से पार्टी दो सीटों पर चुनाव नहीं लड़ पाई थी. इसमें नई द‍िल्‍ली और नॉर्थ वेस्‍ट द‍िल्‍ली लोकसभा सीट शाम‍िल थी. वहीं नॉम‍िनेशन कैंस‍िल होने पर मायावती ने द‍िल्‍ली में आयोज‍ित एक रैली में संगठन के नेताओं को फटकार भी लगाई थी.

दिल्ली में बसपा की एंट्री से बदलेंगे समीकरण
दिल्ली में बसपा की एंट्री से बदलेंगे समीकरण (ETV BHARAT GFX)

वहीं इस बार बसपा के सातों सीटों पर प्रत्‍याशी उतरने के बाद से बीजेपी और कांग्रेस-आप के बीच बैचनी बढ़ गई है. खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, जो इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने जा रही हैं, वे बसपा के अकेले चुनाव लड़ने से ज्‍यादा परेशान है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है क‍ि द‍िल्‍ली में बसपा का अपना एक वोटर कैडर है. चुनावी दंगल में अकेले उतरने से इसका सबसे ज्‍यादा नुकसान कांग्रेस-आपन प्रत्याशियों को होने की उम्‍मीद है. दरअसल, द‍िल्‍ली में अल्‍पसंख्‍यक और दल‍ित वोटरों में बसपा की अच्‍छी पकड़ है.

'इंड‍िया गठबंधन' के दल भी इस वोट बैंक पर अपनी न‍िगाह बनाए हुए हैं. बसपा के अकेले चुनावी मैदान में उतरने से ये दल इस वोट बैंक में सेंध लगने से ज्‍यादा परेशान हो गए हैं. दरअसल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों इस बार द‍िल्‍ली में हुए 'इंड‍िया गठबंधन' के तहत सीट शेयर‍िंग फॉर्मूल के तहत चुनावी मैदान में उतरी हैं. आम आदमी पार्टी जहां 4 सीटों पर लड़ रही है तो कांग्रेस तीन सीट पर ताकत झोंके हुए है.

प‍िछले चुनाव में नहीं मिल पाया था 3 फीसदी वोट: प‍िछले चुनाव की बात की जाए तो यमुना पार की दोनों सीटों, ईस्‍ट और नॉर्थ ईस्‍ट द‍िल्‍ली लोकसभा सीट पर बसपा को अच्‍छी संख्या में वोट म‍िले थे. साउथ द‍िल्‍ली और वेस्‍ट द‍िल्‍ली लोकसभा सीट पर बसपा कैंड‍िडेट को भी ठीक-ठाक वोट पड़े थे. हालांकि चांदनी चौक में पार्टी को कुछ कम वोट मिले थे. साथ ही अन्य दो सीटों पर नामांकन रद्द हो गया था. बसपा को कुल 1.08 फीसदी वोट मिले थे. दो सीटों पर नामांकन रद्द होना और कुछ सीट पर वोट कम मिलने के चलते पार्टी को राज्य में 3 फीसदी वोट भी नहीं मिले, जिसकी वजह से उसके सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.

इस सीट पर बसपा कैंड‍िडेट को म‍िले थे सबसे ज्‍यादा वोट: बात अगर पिछले चुनाव में बसपा कैंड‍िडेट्स को हर सीट पर म‍िले वोट की करें तो, नॉर्थ ईस्‍ट दिल्ली लोकसभा सीट पर प्रत्‍याशी राजवीर स‍िंह को कुल 37,831 मत प्राप्‍त हुए थे, जो बसपा प्रत्याशी को मिले वोटों में सबसे अधिक थे. वहीं ईस्‍ट द‍िल्‍ली सीट पर संजय गहलोत को 19,090, साउथ द‍िल्‍ली लोकसभा सीट पर स‍िद्धांत गौतम को 14,572, वेस्‍ट द‍िल्‍ली सीट पर सीता सरन सैन को 13,269 और चांदनी चौक सीट पर शाह‍िद अली को 8,711 वोट मिले थे.

दो मुस्‍ल‍िम चेहरे उतारकर बसपा ने खेला बड़ा दांव: बसपा ने अल्पसंख्यक वोटों को साधने के लिए दिल्ली की दो लोकसभा सीटों पर मुस्‍ल‍िम कैंड‍िडेट उतारे हैं. पार्टी ने चांदनी चौक सीट पर अबुल कलाम आजाद और साउथ दिल्ली सीट से अब्दुल बासित पर बड़ा दांव खेला है. वहीं ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए ईस्‍ट दिल्ली लोकसभा सीट से राजेंद्र कुमार पाल को टिकट दिया गया है. इसके अलावा बीजेपी के मनोज तिवारी और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के 'इंडिया गठबंधन' के संयुक्त प्रत्याशी कन्हैया कुमार के खिलाफ नॉर्थ ईस्‍ट द‍िल्‍ली लोकसभा सीट से बसपा ने डॉ. अशोक कुमार को चुनावी दंगल में उतारा है. उधर नई दिल्ली से सत्य प्रकाश गौतम, नॉर्थ वेस्ट सीट से विजय बौद्ध और वेस्ट दिल्ली सीट से बसपा ने विशाखा आनंद को प्रत्याशी बनाया है. गौर करने वाली बात यह है क‍ि लोकसभा चुनाव में तीनों बड़ी पार्टियों बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की तरफ से किसी भी मुस्लिम चेहरे को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है.

नॉर्थ ईस्‍ट लोकसभा सीट पर सबसे ज्‍यादा मुस्‍ल‍िम आबादी: राजधानी की नॉर्थ ईस्‍ट लोकसभा सीट ऐसी है, जहां पर बड़ी संख्‍या में मुस्‍ल‍िम वोटर हैं. यह लोकसभा सीट अकेली ऐसी है, जो क‍ि बाकी छह सीटों के मुकाबले मुस्‍ल‍िम बहुल मानी जाती है. इस सीट पर वोटर्स के आंकड़ों की बात करें तो यहां पर करीब 23 फीसदी से ज्‍यादा मुस्‍ल‍िम वोटर हैं. इसपर कांग्रेस-आम आदमी पार्टी की न‍िगाह है, लेक‍िन बसपा के मैदान में आने से इनकी धड़कनें बढ़ गई हैं. नॉर्थ ईस्‍ट सीट के अंतर्गत 10 व‍िधानसभा सीटों में बुराड़ी, त‍िमारपुर, सीमापुरी, रोहताश नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर, मुस्‍तफाबाद और करावल नगर व‍िधानसभा प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं. इसमें सबसे ज्‍यादा मुस्‍ल‍िम आबादी सीलमपुर, मुस्‍तफाबाद और सीमापुरी में हैं, जहां मुस्‍ल‍िम वोटर एक न‍िर्णायक भूम‍िका में माने जाते हैं. सीलमपुर में तो करीब 35 से 40 फीसदी वोटर मुस्‍ल‍िम है.

20 फीसदी से ज्यादा दल‍ित वोटर: इस बीच देखा जाए तो द‍िल्‍ली में करीब 20 फीसदी से ज्यादा दल‍ित वोटर हैं और करीब 14 फीसदी मुस्‍ल‍िम वोटर्स हैं. बसपा के खुलकर आने से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को अपना खेल ब‍िगड़ने का डर सता रहा है. नॉर्थ ईस्‍ट पर 23 फीसदी मुस्‍ल‍िम वोटर हैं तो पूर्वी दिल्ली सीट पर 16 फीसदी अल्‍पसंख्‍यक वोटर है. वहीं, चांदनी चौक सीट पर 14 फीसदी, नॉर्थ वेस्ट सीट पर 10 फीसदी, दक्षिणी दिल्ली पर 7 फीसदी, वेस्ट दिल्ली में 6 फीसदी और नई दिल्ली में 5 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. बसपा के मैदान में उतरने से इस वोट बैंक के बंटने के पूरे आसार हैं, जि‍सका फायदा बीजेपी को म‍िलने की उम्‍मीद है.

यह भी पढ़ें-साउथ द‍िल्‍ली से भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी के पास कोई गाड़ी नहीं, पत्नी हैं करोड़पति

25 मई को होगा चुनाव: द‍िल्‍ली की सातों सीटों पर चुनाव छंठे चरण के अंतर्गत 25 मई को होंगे. वहीं नामांकन दाख‍िल करने की आखि‍री तारीख 6 मई है. बसपा के चांदनी चौक, नई द‍िल्‍ली और पूर्वी द‍िल्‍ली से कैंड‍िडेट नामांकन पर्चा भर चुके हैं. वहीं चार सीटों पर नॉम‍िनेशन क‍िया जाना बाकी है. द‍िल्‍ली में कुल वोटरों की संख्‍या की बात करें तो इस बार 1,47,18,119 मतदाता हैं, जो कि चुनाव में प्रत्‍याश‍ियों के भाग्‍य का फैसला करेंगे.

इसमें पुरुष मतदाता 79,86,572, मह‍िला वोटर 67,30,371 और ट्रांसजेंडर वोटर्स की कुल संख्‍या 1,176 है. सबसे ज्‍यादा वोटरों वाली लोकसभा सीटों में वेस्‍ट संसदीय क्षेत्र है, जहां इस बार कुल मतदाता 24,88,831 हैं. आंकड़ों के लि‍हाज दूसरे नंबर पर नॉर्थ वेस्‍ट लोकसभा सीट है, जहां 24,72,910 वोटर्स हैं. वहीं तीसरे नंबर पर नॉर्थ ईस्‍ट लोकसभा सीट है, जहां इस बार 23,81,442 मतदाता अपने मत का इस्‍तेमाल करेंगे.

यह भी पढ़ें-दक्षिणी दिल्ली से एक ट्रांसजेंडर प्रत्याशी भी मैदान में, नंगे पांव कराने गए नामांकन; जानिए- किन मुद्दों पर लड़ रहे चुनाव

Last Updated : May 4, 2024, 5:35 PM IST
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