देहरादून: उम्र दराज हो चुके हरीश रावत इन दिनों ज्यादातर समय अपने देहरादून स्थित आवास पर ही बिता रहे हैं. 20 नवंबर को होने जा रहे केदारनाथ उपचुनाव को लेकर भी हरीश रावत कह चुके हैं कि वह ज्यादा भाग दौड़ नहीं कर सकते हैं. अब वो शारीरिक रूप से उतने सक्षम नहीं हैं, फिर भी प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्र में जाएंगे.
सैर पर निकले हरीश रावत से मिले राहगीर: हरीश रावत को अपने घर से बाहर निकाल कर या देहरादून के आसपास के इलाकों में जैसे ही समय मिलता है, वह निकल पड़ते हैं. इस दौरान जनता से उनकी रोचक बातचीत भी होती है. ऐसा ही एक वाकया उनके साथ तब घटित हुआ जब वो सोमवार देर शाम देहरादून में सड़क पर निकले थे. इस दौरान वो सड़क की हालत देखकर लोगों से बातचीत करने लगे. हरीश रावत और जनता के बीच जो बात होती है, उसके बाद हरीश रावत जो जवाब देते हैं, वह काफी मजेदार है.
हरीश रावत ने याद दिलाई अपनी बनाई सड़कें: हरीश रावत देहरादून में अपने आवास से निकलकर जिस वक्त कहीं जा रहे थे, ठीक उसी वक्त कुछ लोग उन्हें सड़क पर मिल जाते हैं. तब सड़कों की खस्ता हालत को देखकर नेता और जनता एक दूसरे से बातचीत करने लगते हैं. तभी हरीश रावत उनसे कहते हैं कि 2015-16 यानी उनकी सरकार के दौरान जो सड़क बनी है, उसे दोबारा ना तो ठीक किया गया और ना ही इस पर दोबारा सड़क बन पाई है. इस पर जनता भी उनकी हां में हां मिलाती है. इसी बीच एक व्यक्ति उनसे हाथ मिलाने और बातचीत करने के लिए आगे बढ़ता है.
हार पर हरीश रावत बोले- जय श्रीराम हो गया: इस छोटी सी मुलाकात में वो व्यक्ति हरीश रावत से हाथ मिलाता हुआ कहता है, हमें बहुत उम्मीद थी कि आप जीत जाएंगे. हरीश रावत उसकी बात थोड़ी देर के लिए सुनते हैं और फिर हंस कर जवाब देते हैं कि कोई बात नहीं. वह सब 'जय श्रीराम' हो गया. इस पर आसपास खड़े लोग और वह व्यक्ति भी हंसने लगता है. हरीश रावत अमूमन इन दिनों अपने घर पर ही बैठकर मौन व्रत करके सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं. हरीश रावत भले ही केदारनाथ के चुनाव में अब तक न पहुंचे हों, लेकिन देहरादून में बैठकर वह नेताओं के साथ इन चुनावों को लेकर खूब चर्चा कर रहे हैं.
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