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हरियाणा 8 जिले के किसानों की बल्ले-बल्ले, गेहूं बुवाई पर सरकार दे रही अनुदान राशि, जानें आवेदन की अंतिम तारीख - WHEAT SOWING IN HARYANA

हरियाणा में 8 जिलों के किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए सरकार अनुदान राशि दे रही है.

Wheat sowing in Haryana
Wheat sowing in Haryana (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 16, 2024, 5:43 PM IST

करनाल: हरियाणा में किसान गेहूं की बुवाई कर रहे हैं और हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. सरकार की इस घोषणा के चलते किसानों में खुशी की लहर है. आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. सरकार द्वारा 8 जिले हिसार, झज्जर, मेवात, चरखी दादरी, पलवल, रोहतक, भिवानी और अंबाला के किसानों के लिए यह घोषणा विशेष तौर पर की गई है. जिसमें किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए प्रति एकड़ ₹3600 का अनुदान सहायता राशि दी जाएगी.

सरकार का इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसान गेहूं की ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म की बुवाई करें. इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि से किसान अपनी खेती से जुड़ी कुछ भी सामग्री ले सकते हैं. जिसमें वह बीज खाद या अन्य किसी भी प्रकार की सामग्री शामिल हो सकती है. सामग्री की उसको रसीद लेकर जिला कृषि विभाग के कार्यालय में अभी जमा करवानी होगी.

किसको मिलेगा योजना का लाभ: सरकार द्वारा इस योजना का लाभ केवल आठ जिलों के किसानों को ही मिलेगा. लेकिन इन आठ जिलों के किसानों के लिए भी सरकार ने कहा जो एक किसान 2.5 एकड़ तक की भूमि पर ही इस योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं. लेकिन इस योजना में जो किसान लघु एवं सीमित, महिला किसान और अनुसूचित जाति के किसान खेती करते हैं. उनको इस योजना के तहत 20% अतिरिक्त अनुदान लाभ राशि दी जाएगी. इस योजना के तहत इस योजना में आठ जिलों 1041 एकड़ भूमि पर गेहूं की बुवाई होगी. जिसमें सरकार के द्वारा अनुमानित 37.48 लाख रुपए की सहायता राशि सब्सिडी के तौर पर दी जाएगी.

कैसे और कब तक करें आवेदन: इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाइयों को 25 दिसंबर तक राज्य कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आधिकारिक वेबसाइट www.agriharana.org पर जाकर आवेदन करना होगा. किसान अपनी खेती के लिए किसी भी जो हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की सिफारिश के अनुसार अधिकृत विक्रेता से या फिर सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालय से किसान जो भी सामग्री लेगा. उसका पक्का बिल लेकर उसकी वेबसाइट पर जाकर अपलोड करना होगा या फिर विभाग में जाकर उसको जमा करवानी होगी. इसके बाद किसानों के खाते में उनकी राशि डाल दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: डीएपी खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे किसान, चूल्हा-चौका छोड़ महिलाएं भी लग रही लाइन में

ये भी पढ़ें: पंजाब के CM पर भड़के हरियाणा के "गब्बर", बोले - "चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक, पहले पढ़ लें एग्रीमेंट"

करनाल: हरियाणा में किसान गेहूं की बुवाई कर रहे हैं और हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. सरकार की इस घोषणा के चलते किसानों में खुशी की लहर है. आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. सरकार द्वारा 8 जिले हिसार, झज्जर, मेवात, चरखी दादरी, पलवल, रोहतक, भिवानी और अंबाला के किसानों के लिए यह घोषणा विशेष तौर पर की गई है. जिसमें किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए प्रति एकड़ ₹3600 का अनुदान सहायता राशि दी जाएगी.

सरकार का इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसान गेहूं की ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म की बुवाई करें. इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि से किसान अपनी खेती से जुड़ी कुछ भी सामग्री ले सकते हैं. जिसमें वह बीज खाद या अन्य किसी भी प्रकार की सामग्री शामिल हो सकती है. सामग्री की उसको रसीद लेकर जिला कृषि विभाग के कार्यालय में अभी जमा करवानी होगी.

किसको मिलेगा योजना का लाभ: सरकार द्वारा इस योजना का लाभ केवल आठ जिलों के किसानों को ही मिलेगा. लेकिन इन आठ जिलों के किसानों के लिए भी सरकार ने कहा जो एक किसान 2.5 एकड़ तक की भूमि पर ही इस योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं. लेकिन इस योजना में जो किसान लघु एवं सीमित, महिला किसान और अनुसूचित जाति के किसान खेती करते हैं. उनको इस योजना के तहत 20% अतिरिक्त अनुदान लाभ राशि दी जाएगी. इस योजना के तहत इस योजना में आठ जिलों 1041 एकड़ भूमि पर गेहूं की बुवाई होगी. जिसमें सरकार के द्वारा अनुमानित 37.48 लाख रुपए की सहायता राशि सब्सिडी के तौर पर दी जाएगी.

कैसे और कब तक करें आवेदन: इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाइयों को 25 दिसंबर तक राज्य कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आधिकारिक वेबसाइट www.agriharana.org पर जाकर आवेदन करना होगा. किसान अपनी खेती के लिए किसी भी जो हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की सिफारिश के अनुसार अधिकृत विक्रेता से या फिर सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालय से किसान जो भी सामग्री लेगा. उसका पक्का बिल लेकर उसकी वेबसाइट पर जाकर अपलोड करना होगा या फिर विभाग में जाकर उसको जमा करवानी होगी. इसके बाद किसानों के खाते में उनकी राशि डाल दी जाएगी.

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