Do's and Don'ts during Lightning: देशभर में मानसून की फुहारें बरस रही हैं. बरसात के दिनों में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा बना रहता है. बिजली गिरने से जान-माल का होता है. बरसात के दौरान बिजली गिरने से मौत की ख़बरें सुर्खियां बटोरती हैं. ये ऐसा खतरा है जो हमारे सिर पर कई बार मंडराता है, लेकिन इसके बाद भी लोगों को इससे बचाव की बहुत कम जानकारी है. आप चाहे घर के अंदर हैं या बाहर, बरसात में आकाशीय बिजली गिरना हमेशा ही खतरनाक रहता है. बिजली गिरने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस दौरान कैसे खुद को सुरक्षित रखना है और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए. इन सवालों का जवाब हम आपको इस आर्टिकल में देंगे.
सबसे पहले हमारे मन में सवाल आता है कि घर के अंदर आकाशीय बिजली गिरने से क्या खतरा हो सकता है. आप ये जानकर हैरान होंगे कि घर के अंदर भी इससे नुकसान का खतरा उतना ही है, जितना घर के बाहर रहता है. घर के अंदर भी जानमाल के नुकसान का डर हमेशा बना रहता है. चलिए बताते हैं आकाशीय बिजली गिरने पर घर के अंदर क्या सावधानी बरतनी चाहिए. भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी National Disaster Management Authority की तरफ से भी ये सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है.
घर के भीतर क्या करें ?
- तूफान आने से पहले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के प्लग निकाल दें. तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें.
- खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहें और बरामदे में न ही खड़े हों और न ही चहलकदमी करें. अगर आपके पास खिड़की या दरवाजे खुले हैं, तो उन्हें बंद कर दें.
- प्लम्बिंग और लोहे की पाइपों को न छुएं. नल से बहते पानी का इस्तेमाल न करें, क्योंकि पानी बिजली का अच्छा कंडक्टर है.
- अगर आप किसी ऊंची इमारत में हैं, तो लिफ्ट का इस्तेमाल न करें. सीढ़ियों का यूज करें.
- बिजली चमकने पर घर के अंदर ही रहें. बहुत ही जरूरी काम होने पर घर से बाहर निकलें. बारिश थमने के बाद भी बिजली गिरने का खतरा बना रहता है. बिजली की गड़गड़ाहट की आवाज के कम से कम 30 मिनट बाद तक सुरक्षित स्थान पर रुकें.
घर के बाहर हैं तो क्या करें ?
- अगर आप घर के बाहर हों तो पहले किसी मजबूत घर में आश्रय लें. टीन, धातु से बनी छत वाले मकानों से दूर रहें.
- आपको अगर घर के बाहर सुरक्षित ठिकाना न मिले या सिर छुपाने के लिए कोई छत ना मिले और आप खुले आसमान के नीचे हैं. ऐसे में सबसे पहले नीचे झुककर पैरों और घुटनों को जोड़कर बैठ जाएं. जमीन पर न लेटें और न ही जमीन पर हाथ लगाएं.
- बिजली चमकने के दौरान पेड़ के नीचे खड़े न हों, क्योंकि सबसे ज्यादा बिजली गिरने का खतरा पेड़, मकान, खंभों पर ही होता है.
- आप किसी बस, कार या ढके हुए वाहन में बैठे हैं तो वहीं रहना सुरक्षित है.
- घर के बाहर धातु से बनी चीजों का इस्तेमाल न करें. बिजली, टेलिफोन के खंभों से दूर रहें.
- पानी से दूर रहे हैं. पानी में बिजली गिरने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. पूल, झील और छोटी नाव से तुरंत बाहर निकल जाएं.
अगर आप खुले मैदान में हैं तो क्या करें ?
कई बार मौसम खराब होते वक्त आप किसी खुले मैदान में होते हैं या फिर ऐसी जगह होते हैं जहां दूर-दूर तक सिर छिपाने के लिए कोई घर नहीं है. ऐसे में सबसे पहले तो पेड़, बिजली, टेलीफोन के खंभे या पानी से दूर हो जाएं. उसके बाद जमीन पर अपने पैरों को एक साथ जोड़कर नीचे बैठ जाएंं. अपने सिर को नीचे झुकाकर अपनी छाती से चिपका लें. दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखकर कान बंद कर लें. बैठते वक्त एड़ियां मिलनी चाहिए. ये मौसम खराब होने और बिजली गिरने का खतरा देखते हुए बैठने का सबसे बेहतर तरीका बताया गया है.
एक्सपर्ट की राय
विभिन्न आपदाओं में UNO के साथ काम कर चुकी मीनाक्षी रघुवंशी के अनुसार आसमानी बिजली गिरने पर सबसे अधिक खतरा पेड़ों के आस-पास रहने पर होता है. पहाड़ी इलाकों में देवदार के पेड़ों के करीब रहना घातक हो सकता है. मैदानी इलाकों में बिजली की तारों, खंभों, कांच वाली इमारतों, कच्चे मकानों आदि के आस-पास आसरा नहीं लेना चाहिए, बचाव का सबसे बेहतरीन तरीका सूखी जमीन पर उकड़ूं होकर बैठना है. ऐसे मौसम में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. शीशे की खिड़कियों के आस-पास नहीं रहना चाहिए. सावधानी के तौर पर बिजली को बंद किया जा सकता है. National Disaster Management Authority की वेबसाइट ndma.gov.in पर भी आकाशीय बिजली गिरने के दौरान सावधानियां बरतने की जानकारी विस्तार से दी गई है.
बिजली प्रभावित का इलाज कैसे करें
बिजली का झटका लगने वाले व्यक्ति को नीचे लेटा दें. जरूरत पड़ने पर सीपीआर दें. ऐसे व्यक्ति को तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाएं जो आकाशीय बिजली गिरने से घायल हुआ है. इसके साथ ही उसे मौके पर प्राथमिक उपचार भी दे सकते हैं.
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