शिमला: बाजार में फलों-सब्जियों पर आपने कई तरह के स्टिकर्स लगे हुए देखे होंगे. इन स्टिकर्स का मतलब अधिकतर लोगों को पता नहीं होता. स्टिकर्स को मतलब लोग अपने-अपने हिसाब से लगा लेते हैं, लेकिन अधिकतर लोग इनके बारे में गलत ही अनुमान लगाते हैं. साथ ही इन स्टिकर्स पर कुछ नंबर भी लिखे होते हैं. इन स्टिकर्स और इनके ऊपर लिखे नंबर का क्या मतलब होता है. इसकी जानकारी रखना आपके लिए बहुत जरूरी है. उपभोक्ताओं को ये मालूम होना चाहिए फलां फ्रूट पर लिखे नंबर का क्या मतलब है. कौन से नंबर वाला फ्रूट आपके लिए सही है और कौन सा नहीं इसका पता फ्रूट पर लगे स्टिकर्स से लगाया जा सकता है. ये स्टिकर्स सजावट के लिए नहीं होते. आइए जानते हैं कैसे फलों पर लगे स्टिकर्स आपकी सेहत का ख्याल रख सकते हैं.
बाजार में आपने दुकानों में रखे सेब पर भी स्टिकर्स लगे हुए देखे होंगे. इसके बार में हमने सेब उत्पादन के लिए पूरी दुनिया में विख्यात हिमाचल के चौपाल में स्थित मढ़ावग गांव के प्रगतिशील युवा बागवान और कारोबारी पंकज डोगरा से बातचीत की. उन्होंने कहा कि, 'सेब के ऊपर लगे स्टिकर्स क्षेत्र विशेष की पहचान होते हैं. इसमें बागवान का ट्रेडमार्क दर्ज होता है. स्टिकर के साथ सेब उत्पादक की साख जुड़ी होती है. ये ब्रांडिंग का सबसे सस्ता और सरल उपाय है. फ्रूट मार्केट में बड़े आढ़ती से लेकर आम उपभोक्ता भी इन्हीं स्टिकर्स से पहचान जाता है कि सेब किस बागीचे से आया है. बागवान का ट्रेडमार्क सभी संबंधित एजेंसियों के पास दर्ज होता है. इससे फ्रॉड की आशंका भी न के बराबर होती है. उदाहरण के लिए टॉप क्वालिटी के स्वाद और सुगंध वाले सेब यदि किसी बागवान का ट्रेडमार्क हैं और मार्केट में कोई ठग उसी ट्रेडमार्क का स्टिकर लगाकर घटिया क्वालिटी के सेब पर चिपकाता है तो वो आसानी से पकड़ा जाएगा. सरल शब्दों में कहा जाए तो ये ब्रांडिंग का तरीका है. स्टीकर में कई बार बागवान का मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी भी दर्ज होता है. स्टिकर को लेकर बागवान काफी सजग होते हैं. विदेशों में सेब पर पैकिंग वेयर हाउस का स्टीकर लगा होता है, लेकिन भारत में बागवान के ट्रेडमार्क का स्टीकर लगा होता है.'
नंबर वाले स्टिकर का क्या होता है मतलब
वहीं, कुछ फलों और सब्जियों पर भी स्टीकर्स लगे होते हैं. इन फलों पर कुछ खास तरह के नंबर लिखे होते हैं. मान लीजिए अगर आप संतरे पर 4 अंकों वाला स्टिकर देखें जैसे 4123 तो उसे खरीदने से पहले थोड़ा सचेत हो जाएं. 4 अंको वाले स्टीकर पर नंबर की शुरूआत भी 4 से होती है. इसका मतलब इन फलों को उगाते समय कीटनाशक-केमिकल का उपयोग हुआ है. ये फल आपको कम दाम पर मिल सकते हैं, लेकिन ये आपकी हेल्थ के लिए अच्छे नहीं हैं.
5 अंकों वाले नंबर
कुछ फलों पर 5 अंकों वाले स्टिकर्स लगे होते हैं. इन स्टिकर्स पर लिखे अंक 8 से शुरू होते हैं, जैसे 81114-86644 आदि. इसका मतलब है कि ये फल जेनेटिकली मोडिफाइड हैं. ये फल नेचुरल नही हैं. ये लैब में ग्रो हुए हैं. इनकी कीमत ज्यादा होती है. ये फल कुछ फायदा भी पहुंचाते हैं और कुछ नुकसान भी.
कौन से वाला है सबसे बढ़िया?
कुछ फलों पर लगे स्टिकर्स में अंकों की शुरूआत 9 से होती है. इन पर भी 5 डिजिट ही होते हैं, जैसे 99534 इसका मतलब होता है कि ये ऑर्गेनिक हैं और इन्हें बिना केमिकल और कीटनाशक के उगाया गया है.
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