जबलपुर: पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर-गाडरवारा-बुधनी से इंदौर तक नई रेल लाइन बिछाने जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए किसानों की अधिग्रहित जमीन के बदले अब उन्हें जमीन का मुआवजा दिया जाएगा. अभी तक की रेलवे की पॉलिसी में जमीन के बदले नौकरी दी जाती रही है. इस नई रेल लाइन के लिए सरकार ने 1100 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया है. यह प्रोजेक्ट कब पूरा होगा इसको लेकर रेलवे अधिकारी अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं.
नई लाइन बिछा रहा है रेलवे
जबलपुर से गाडरवारा तक डबल रेल लाइन है, लेकिन पश्चिम मध्य रेलवे एक नई लाइन जबलपुर से इंदौर तक बिछा रहा है. यह लाइन जबलपुर से गाडरवारा और बुधनी होते हुए इंदौर तक जाएगी. इसकी दूरी 342 किलोमीटर है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है. रेलवे किसानों को जमीन के बदले मुआवजा देगा. हालांकि अभी तक की रेलवे की पॉलिसी में जमीन के बदले नौकरी दी जाती रही है. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 9000 करोड़ है, जिसमें से 1100 करोड़ का बजट सरकार द्वारा जारी किया जा चुका है.
जमीन के बदले नहीं मिलेगी नौकरी
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव का कहना है कि, 'इस रेल लाइन पर भूमि अधिग्रहण का काम अभी चल रहा है, लेकिन रेलवे अब भूमि के बदले नौकरी की पॉलिसी पर काम नहीं कर रहा है. रेलवे की नई पॉलिसी के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.' हालांकि रेलवे की इस नई नीति से किसान कितना सहमत होंगे यह आने वाले समय में पता चलेगा.
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डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी हो जाएगी कम
इस नई रेल लाइन के शुरु हो जाने के बाद जबलपुर से इंदौर के सफर में लगभग 150 किलोमीटर की कमी आ जाएगी. अभी यात्रियों के जबलपुर से इंदौर जाने के लिए जबलपुर से इटारसी, इटारसी से भोपाल, भोपाल से मक्सी या उज्जैन होते हुए जाना पड़ता है. इस लाइन के बन जाने के बाद गाडरवारा से बुधनी और बुधनी से सीधे इंदौर का सफर किया जा सकेगा, जिससे इंदौर की दूरी लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर कम हो जाएगी. वहीं, इसके लिए सिर्फ 5 से 6 घंटे का समय लगेगा.