दुर्ग: छत्तीसगढ़ में भले ही मानसून की एंट्री हो चुकी हो लेकिन गर्मी से लोगों को खास राहत नहीं मिली है. इस बीच कई क्षेत्रों के लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. ताजा मामला दुर्ज जिले के जामुल क्षेत्र का है. यहां पानी की किल्लत झेल रहे लोगों ने जामुल पालिका मुख्य गेट के सामने मटका फोड़ कर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद अपनी समस्या को लेकर लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस पार्षद भी शामिल हुए. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रही.
सैंकड़ों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन: दरअसल, हर साल की तरह इस बार भी शासन और स्थानीय प्रशासन लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. पीने का पानी नहीं मिलने के कारण भीषण गर्मी में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच शुक्रवार को जामुल क्षेत्र के सैकड़ों महिलाओं, बच्चों और पुरुषों ने मिलकर जामुल पालिका के मुख्य गेट पर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्य गेट पर मटका फोड़ा और एसडीएम को अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा.
उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी: विरोध के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "दो बूंद पानी के लिए हमें दर-दर भटकना पड़ रहा है. तालाब और बोरिंग पूरी तरह से सूख चुका है. अब केवल हम लोग टैंकर के सहारे जी रहे हैं. टैंकर दिन में एक बार ही आता है. दो बाल्टी से अधिक पानी नहीं मिल पाता है. इन सभी समस्या को लेकर आज हम लोगों ने निगम के अध्यक्ष और सीएमओ से पानी की मांग की है. पानी की समस्या का जल्द निवारण नहीं होगा तो हम उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे."
भीषण गर्मी के कारण कुछ स्थानों पर पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है. इसका भी निगम की ओर से टैंकर के माध्यम से सप्लाई किया जा रहा है. जितने भी आरोप लगाए जा रहे हैं. यह सब बेबुनियाद हैं. -ईश्वर ठाकुर,अध्यक्ष, जामुल पालिका
बता दें कि दुर्ग जिले के जामुल क्षेत्र के लोग पिछले कई दिनों से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. भीषण गर्मी में लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है. यही कारण है कि प्रदर्शनकारियों ने निगम के अध्यक्ष और सीएमओ से पानी की मांग की. साथ ही समस्या का निपटारा न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इसे लेकर सात दिन पहले भी स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था.