ETV Bharat / state

उत्तरकाशी में होगी पानी की गुणवत्ता की जांच, 42 लाख रुपए की लागत से बनाई जा रही लैब

Water Testing in Uttarkashi अब उत्तरकाशी जिले के लोगों को अपने पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए सैंपल लेकर देहरादून नहीं जाना पड़ेगा. इसके लिए जिला मुख्यालय में करीब 42 लाख रुपए की लागत से जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है. इस प्रयोगशाला में पानी का रासायनिक एवं जैविक परीक्षण किया जाएगा.

Water Quality Testing Laboratory
उत्तरकाशी में होगी पानी की गुणवत्ता की जांच
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 12, 2024, 6:48 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड जल संस्थान की ओर से भटवाड़ी रोड के पास जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें सभी प्राकृतिक स्रोतों समेत हैंडपंप आदि के पानी का परीक्षण किया जाएगा. ताकि, जल संबधी बीमारियों से बचा जा सके. इसके साथ ही प्राकृतिक स्रोतों का पेयजल आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

दरअसल, उत्तरकाशी जिले करीब 42 लाख रुपए की लागत से जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है. अभी तक जिले में जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए कोई बड़ी प्रयोगशाला नहीं थी. जिस कारण जल गुणवत्ता के जैविक परीक्षण के लिए सैंपल देहरादून या अन्य जिलों में भेजने पड़ रहे थे. इस प्रयोगशाला का निर्माण भटवाड़ी रोड़ स्थित जल संस्थान के स्टोर की भूमि पर किया जाएगा.

जहां पर जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए उच्च तकनीक से सुसज्जित उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्रयोगशाला में पूरे जिले के प्राकृतिक स्रोतों, झरने, तालाब, गदेरों समेत धाराओं और हैंडपंप के पानी का रासायनिक एवं जैविक परीक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही जल संस्थान की ओर से गांव-गांव में महिला समितियों को पानी के परीक्षण के लिए दिए फील्ड टेस्ट किट का भी इस प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाएगा.

जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि इस प्रयोगशाला में होने वाले परीक्षण से जहां सभी जल स्रोतों की गुणवत्ता का समय पर पता लग पाएगा तो वहीं जल जनित बीमारियों से लोगों को बचाया जा सकेगा. इसके साथ ही पेयजल आपूर्ति के लिए प्राकृतिक स्रोतों के इस्तेमाल के लिए भी यह सहायक सिद्ध होगा. इस प्रयोगशाला में एक दिन में करीब 7 से 8 रासायनिक परीक्षण हो पाएंगे. वहीं, जैविक परीक्षण 1 से 2 हो पाएंगे. क्योंकि, जैविक परीक्षण की प्रक्रिया में करीब 48 घंटे का समय लगता है.

ये भी पढे़ं-

उत्तरकाशी: उत्तराखंड जल संस्थान की ओर से भटवाड़ी रोड के पास जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें सभी प्राकृतिक स्रोतों समेत हैंडपंप आदि के पानी का परीक्षण किया जाएगा. ताकि, जल संबधी बीमारियों से बचा जा सके. इसके साथ ही प्राकृतिक स्रोतों का पेयजल आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

दरअसल, उत्तरकाशी जिले करीब 42 लाख रुपए की लागत से जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है. अभी तक जिले में जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए कोई बड़ी प्रयोगशाला नहीं थी. जिस कारण जल गुणवत्ता के जैविक परीक्षण के लिए सैंपल देहरादून या अन्य जिलों में भेजने पड़ रहे थे. इस प्रयोगशाला का निर्माण भटवाड़ी रोड़ स्थित जल संस्थान के स्टोर की भूमि पर किया जाएगा.

जहां पर जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए उच्च तकनीक से सुसज्जित उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्रयोगशाला में पूरे जिले के प्राकृतिक स्रोतों, झरने, तालाब, गदेरों समेत धाराओं और हैंडपंप के पानी का रासायनिक एवं जैविक परीक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही जल संस्थान की ओर से गांव-गांव में महिला समितियों को पानी के परीक्षण के लिए दिए फील्ड टेस्ट किट का भी इस प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाएगा.

जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि इस प्रयोगशाला में होने वाले परीक्षण से जहां सभी जल स्रोतों की गुणवत्ता का समय पर पता लग पाएगा तो वहीं जल जनित बीमारियों से लोगों को बचाया जा सकेगा. इसके साथ ही पेयजल आपूर्ति के लिए प्राकृतिक स्रोतों के इस्तेमाल के लिए भी यह सहायक सिद्ध होगा. इस प्रयोगशाला में एक दिन में करीब 7 से 8 रासायनिक परीक्षण हो पाएंगे. वहीं, जैविक परीक्षण 1 से 2 हो पाएंगे. क्योंकि, जैविक परीक्षण की प्रक्रिया में करीब 48 घंटे का समय लगता है.

ये भी पढे़ं-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.