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रुद्रप्रयाग में भारी बारिश का कहर, मंदाकिनी नदी का बढ़ा जलस्तर, रामनगर में भी अलर्ट - rain in rudraprayag

RAIN IN RUDRAPRAYAG रुद्रप्रयाग में भारी बारिश का कहर जारी है. आलम ये है कि मंदाकिनी नदी सहित सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. साथ ही रामनगर में मैदानी इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है.

RAIN IN RUDRAPRAYAG
रुद्रप्रयाग में भारी बारिश का कहर (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 20, 2024, 7:57 PM IST

रुद्रप्रयाग / रामनगर : तुंगनाथ घाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है. मंदाकिनी नदी सहित सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे ग्रामीणों की नींद खो चुकी है. साथ ही लिंक मोटर मार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन होने से सफर करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. वहीं, नैनीताल और अल्मोड़ा में भी बारिश का दौर शुरू है और कोसी नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे मुरादाबाद, रामपुर, बाजपुर और दड़ियाल समेत आदि क्षेत्रों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है.

ताला तोक में निरंतर हो रहा भूस्खलन: ग्राम पंचायत उषाड़ा के ताला तोक में भूस्खलन जारी है, जबकि ताला-दुर्गाधार मोटरमार्ग पर आकाशकामिनी नदी पर बने लोहे का गार्डर पुल का पुस्ता ढहने से पुल खतरे की जद्द में आ गया है. आकाशकामिनी नदी के उफान में आने से काश्तकारों की कई हेक्टेयर सिंचित व असिंचित भूमि भूस्खलन की भेंट चढ़ गई है. आकाशकामिनी नदी सहित गाड़-गदेरों के उफान में आने के कारण ग्रामीण खौफजदा हैं.

पापड़ी ग्रामीण विस्थापन की कर रहे मांग: पापड़ी तोक के निचले हिस्से में भूस्खलन होने से दर्जनों परिवार खतरे की जद्द में आ गए हैं.पापड़ी के ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से विस्थापन की मांग की जा रही है, लेकिन आज तक पापड़ी तोक के आपदा प्रभावितों का विस्थापन न होने से कई दर्जनों परिवार जीवन और मौत के साये में दिन गुजारने के लिए विवश बने हुए हैं.

लोगों को लाखों का हुआ नुकसान: कुंड-चोपता नेशनल हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन होने और मलबा आने से नेशनल हाईवे पर सफर करना, जोखिम भरा हो गया है. ग्राम पंचायत मक्कू के राजस्व ग्राम ग्वाड़ ढिलणा में कई स्थानों पर लंबे समय से भूस्खलन होने से 30 परिवार खतरे की जद्द में हैं. केदारनाथ यात्रा पड़ाव के रामपुर में मूसलाधार बारिश के कारण राहुल नेगी और पंकज नेगी के ढाबे की पिछली सुरक्षा दीवाल ढहने और ढाबे में मलबा भरने से लाखों का नुकसान हो गया है.

डीएम बोले प्रभावितों की जाएगी हर संभव मदद: अगस्त्यमुनि विकासखंड अंतर्गत दशज्यूला क्षेत्र की ग्राम पंचायत क्यूड़ी मलास निवासी वेद प्रकाश रावत, संजय सिंह रावत और जगजीवन सिंह रावत के पांच कमरों वाले मकान के निचले हिस्से में भूस्खलन होने से मकान व गौशालाएं खतरे की जद्द में आ गई हैं, जबकि खेती व फसलों को भारी नुकसान हुआ है. क्यूंजा घाटी के किणझाणी गांव के निचले हिस्से में भी लगातार भूस्खलन होने से पांच दर्जन से अधिक परिवार खतरे की जद्द में है. वहीं, डीएम सौरभ गहरवार ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों का मुहायना करने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. प्रभावित ग्रामीणों की हर संभव मदद की जा रही है.

रामनगर के मैदानी क्षेत्रों में अलर्ट: सिंचाई विभाग के ऑपरेटर रतनलाल ने बताया कि अल्मोड़ा कोसी बैराज से हमें अलर्ट मिला कि कोसी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और उनके द्वारा पानी छोड़ा गया है, जिसको लेकर हमारे द्वारा सायरन बजाकर मैदानी क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा फोन से भी मैदानी क्षेत्रों में अलर्ट का संदेश भिजवा दिया गया है.

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रुद्रप्रयाग / रामनगर : तुंगनाथ घाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है. मंदाकिनी नदी सहित सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे ग्रामीणों की नींद खो चुकी है. साथ ही लिंक मोटर मार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन होने से सफर करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. वहीं, नैनीताल और अल्मोड़ा में भी बारिश का दौर शुरू है और कोसी नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे मुरादाबाद, रामपुर, बाजपुर और दड़ियाल समेत आदि क्षेत्रों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है.

ताला तोक में निरंतर हो रहा भूस्खलन: ग्राम पंचायत उषाड़ा के ताला तोक में भूस्खलन जारी है, जबकि ताला-दुर्गाधार मोटरमार्ग पर आकाशकामिनी नदी पर बने लोहे का गार्डर पुल का पुस्ता ढहने से पुल खतरे की जद्द में आ गया है. आकाशकामिनी नदी के उफान में आने से काश्तकारों की कई हेक्टेयर सिंचित व असिंचित भूमि भूस्खलन की भेंट चढ़ गई है. आकाशकामिनी नदी सहित गाड़-गदेरों के उफान में आने के कारण ग्रामीण खौफजदा हैं.

पापड़ी ग्रामीण विस्थापन की कर रहे मांग: पापड़ी तोक के निचले हिस्से में भूस्खलन होने से दर्जनों परिवार खतरे की जद्द में आ गए हैं.पापड़ी के ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से विस्थापन की मांग की जा रही है, लेकिन आज तक पापड़ी तोक के आपदा प्रभावितों का विस्थापन न होने से कई दर्जनों परिवार जीवन और मौत के साये में दिन गुजारने के लिए विवश बने हुए हैं.

लोगों को लाखों का हुआ नुकसान: कुंड-चोपता नेशनल हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन होने और मलबा आने से नेशनल हाईवे पर सफर करना, जोखिम भरा हो गया है. ग्राम पंचायत मक्कू के राजस्व ग्राम ग्वाड़ ढिलणा में कई स्थानों पर लंबे समय से भूस्खलन होने से 30 परिवार खतरे की जद्द में हैं. केदारनाथ यात्रा पड़ाव के रामपुर में मूसलाधार बारिश के कारण राहुल नेगी और पंकज नेगी के ढाबे की पिछली सुरक्षा दीवाल ढहने और ढाबे में मलबा भरने से लाखों का नुकसान हो गया है.

डीएम बोले प्रभावितों की जाएगी हर संभव मदद: अगस्त्यमुनि विकासखंड अंतर्गत दशज्यूला क्षेत्र की ग्राम पंचायत क्यूड़ी मलास निवासी वेद प्रकाश रावत, संजय सिंह रावत और जगजीवन सिंह रावत के पांच कमरों वाले मकान के निचले हिस्से में भूस्खलन होने से मकान व गौशालाएं खतरे की जद्द में आ गई हैं, जबकि खेती व फसलों को भारी नुकसान हुआ है. क्यूंजा घाटी के किणझाणी गांव के निचले हिस्से में भी लगातार भूस्खलन होने से पांच दर्जन से अधिक परिवार खतरे की जद्द में है. वहीं, डीएम सौरभ गहरवार ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों का मुहायना करने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. प्रभावित ग्रामीणों की हर संभव मदद की जा रही है.

रामनगर के मैदानी क्षेत्रों में अलर्ट: सिंचाई विभाग के ऑपरेटर रतनलाल ने बताया कि अल्मोड़ा कोसी बैराज से हमें अलर्ट मिला कि कोसी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और उनके द्वारा पानी छोड़ा गया है, जिसको लेकर हमारे द्वारा सायरन बजाकर मैदानी क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा फोन से भी मैदानी क्षेत्रों में अलर्ट का संदेश भिजवा दिया गया है.

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