न सड़क, न पानी और न ही बिजली, एक चुआं के सहारे कोडरमा के सखुआटांड़ के आदिवासी गुजार रहे अपना जीवन - Water crisis in Koderma - WATER CRISIS IN KODERMA
Water crisis in Koderma. कोडरमा के डोमचांच प्रखंड स्थित सखुआटांड़ के ग्रामीणों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. ग्रामीण चुआं के सहारे अपनी प्यास बुझाते हैं. गांव में पानी, बिजली, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है.
Published : May 6, 2024, 9:39 AM IST
कोडरमा: न सड़क, न पानी और न ही बिजली. एक ओर भीषण गर्मी का प्रकोप, दूसरी ओर इन समस्याओं की मार. कोडरमा के डोमचांच प्रखंड के मसनोडीह पंचायत स्थित सखुवाटांड़ में रहने वाले आदिवासी टोले की यही कहानी है. उनका जीवन परेशानियों में गुजर रहा है.
सखुवाटांड़ के आदिवासी टोले में सड़क, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. इस गर्मी के मौसम में इस इलाके में रहने वाले आदिवासियों के सामने सबसे बड़ी समस्या पानी की है. अब इसे गांव का दुर्भाग्य कहें या शासन-प्रशासन की लापरवाही, लोगों को अपनी प्यास बुझाने के साथ-साथ गांव में बने एकमात्र चुआं से हर काम निपटाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है.
इस गांव में करीब 250 लोगों की आबादी निवास करती है. सखुवाटांड़ गांव के लोग सुबह उठने से लेकर सोने तक पानी की व्यवस्था को लेकर परेशान रहते हैं. स्थानीय लोगों को इस कुएं तक पहुंचने के लिए हर दिन एक से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. लोग इस पानी का इस्तेमाल पीने के साथ-साथ घरेलू उपयोग में भी करते हैं.
हर मौसम में बना रहता है जलसंकट
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यहां सिर्फ गर्मी में ही नहीं बल्कि हर मौसम में पेयजल संकट रहता है. गर्मी में तो स्थिति और भी विकट हो जाती है. यहां रहने वाले लोगों के अनुसार चुनाव के समय वादे तो किए जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद समस्या जस की तस बनी रहती है. गांव के लोग कुएं और नालियों का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं दूषित पानी पीने से ग्रामीण गंभीर बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं.
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