दुमकाः जिले के जरमुंडी प्रखंड की भोड़ाबाद पंचायत अंतर्गत आदिवासी बहुल गांव घोबरना में पेयजल की घोर समस्या है. गांव में लगभग 120 परिवार रहते हैं, लेकिन गांव में मात्र एक चापानल है. इस कारण ग्रामीणों को घंटों लाइन में खड़ा होकर पानी भरना पड़ता है. वहीं ग्रामीणों के अनुसार चापानल से भी कम पानी निकलता है. साथ ही कई बार चापानल से पानी निकलता बंद हो जाता है. इस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है.
गांव के तीन चापानल खराब, एक चापानल पर ही पूरा गांव पानी के लिए निर्भर
धोबरना गांव में ग्रामीणों को भीषण गर्मी में पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो तीन चापानल हैं, लेकिन लगभग सभी चापानल खराब पड़े हुए हैं. एक चापानल के भरोसे पूरा गांव निर्भर है. पानी के लिए सुबह से ही चापानल के पास भीड़ लगी रहती है. वहीं कई बार चापानल भी जवाब दे देता है. इसके बाद ग्रामीणों को प्राकृतिक स्रोतों से पेयजल के लिए निर्भर रहना पड़ता है.
नल जल योजना के तहत लगाए गए सोलर जलमीनार का भी लाभ नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नल जल योजना के तहत गांव में सोलर जलमीनार स्थापित किया गया है, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उसे चालू नहीं किया गया है. जलमीनार चालू कराने को लेकर ग्रामीणों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई, लेकिन अब तक पेयजल की सुविधा बहाल नहीं हो पाई है. ग्रामीणों ने स्वच्छ पेयजल सुविधा बहाल करने की मांग की है.
विभाग को कई बार दी गई चापानल में खराबी की सूचना, पर नतीजा सिफर
वहीं धोबरना गांव की महिलाओं ने बताया कि गांव में पेयजल के लिए हाहाकार मचा है. इस प्रचंड गर्मी में गांव के सारे चापानल खराब हो गए हैं. गांव में एक जलमीनार का निर्माण कराया गया था, लेकिन आज तक जलमीनार चालू नहीं हो सका है. हम लोगों को पानी के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. पेयजल विभाग और पदाधिकारी को कई बार सूचना दी गई है, लेकिन अब तक चापानल की मरम्मत नहीं करायी गई है.
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