मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मनेंद्रगढ़ नगरपालिका में होने वाले विकास कार्य सवालों के घेरे में हैं.क्योंकि यहां के विकास कार्यों में शहर का विकास हो रहा हो या नहीं.लेकिन बिना मतलब के काम को करवाकर किसी ना किसी का भला तो हो ही रहा है.ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शहर में जो काम हो चुके हैं,उसी काम के बाजू में दोबारा पहले वाला काम किया जा रहा है.इसका जीता जागता उदाहरण नेशनल हाईवे के बाजू में हो रहे नाली के निर्माण कार्य को देखकर लगाया जा सकता है.
निर्माण कार्य पूरा,फिर से दोबारा शुरु हुआ काम : नेशनल हाईवे 43 सड़क के किनारे नाली का निर्माण काम पूरा हो चुका है.बावजूद इसके इसी नाली के बगल में एक और नाली बनाई जा रही है.अब जब एक ही नाली से सारा पानी अपनी जगह पहुंच जाएगा,तो दूसरी नाली किसे खुश करने के लिए बनाई जा रही है.यदि शहर घूमा जाए तो ऐसी कई जगहें हैं जहां के बाशिंदे नाली की मांग कर रहे हैं.लेकिन निगम प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी.लेकिन जहां पहले से ही नाली बनी हुई है,उसी जगह पर झटपट टेंडर निकालकर दोबारा नाली बनाई जा रही है.अब इसे जनता के पैसों की बर्बादी नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे.
''जिस नाली की आप बात कर रहे हैं,उसे नाला के बाजू में बनाया गया है.क्योंकि नाले के कारण स्कूल के प्लाट में पानी भरता है.इस बारे में जब एनएच अथॉरिटी से बात की गई तो उनका कहना था कि जल निकासी की व्यवस्था आप खुद किजिए.इसलिए इंजीनियर से सर्वे करवाकर नाली को बनवाया जा रहा है.ताकि जल भराव ना हो.इसमें किसी तरह का कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है.'' - प्रभा पटेल,नपा अध्यक्ष
कितने की लागत से बन रही है नाली : इस पूरे मामले में नगरपालिका अध्यक्ष ने सफाई भी दी है कि उन्होंने पुरानी नाली में ही नई नाली जोड़ने का प्रस्ताव दिया था.ताकि जल भराव ना हो लेकिन एनएच ने नहीं माना. लेकिन सवाल ये है कि जब नाले का निर्माण कार्य हो रहा था,तो जलभराव वाली जगह को लेकर तब सवाल क्यों नहीं उठाए गए.अब जब पुराना काम पूरा हो चुका है तो निगम नई नाली बनवा रहा है.अब ये नाली बारिश में कितना पानी बाहर निकालेगी ये तो बारिश में ही पता चलेगा.लेकिन इस तरह के निर्माण कार्य में जो पैसे लग रहे हैं वो जनता के हैं.जिससे शहर की दूसरी समस्याओं का समाधान हो सकता है.