बारां. प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही योजनाओं का नाम भी बदलने लगा है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुए 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान का नाम बदलकर अब 'शुद्ध आहार मिलावट पर वार' अभियान कर दिया गया है. इसके तहत मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह अभियान चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गुरुवार से शुरू हुआ, जो आगामी 15 दिन तक चलाया जाएगा.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संपतराज नागर ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार की ओर से 15 फरवरी से 'शुद्ध आहार मिलावट पर वार' अभियान चलाया जा रहा है, जो आगामी 15 दिनों तक चलेगा. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खाद्य पदार्थों के उत्पादन, परिवहन व भंडारण तीनों स्तरों पर तापमान बराबर रहे.
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उन्होने बताया कि इस दौरान पीएम श्रीअन्न योजना के तहत मिशन मोटा अनाज का प्रचार-प्रसार कर लोगों को मोटा अनाज से होने वाले लाभ के बारे में बताया जाएगा. साथ ही 'राइट टू प्लेस' के तहत ऐसे सार्वजनिक स्थान या धार्मिक स्थान चिन्हित किए जाएंगे, जहां पूर्ण रूप से शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके. उन्होनें बताया कि हालांकि, विभाग की ओर से सतत रूप से मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ अभियान जारी है. अभियान के तहत गत वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक 384 सैंपल लिए गए थे, जिनमें 51 सब स्टैंडर्ड, 39 मिस ब्रांड, 30 अनसेफ पाए गए थे. उन पर एडीएम कोर्ट ने 21 लाख का जुर्माना लगाया था. वहीं, इस वर्ष डेढ़ माह में 29 सैंपल लिए गए हैं और 18 प्रकरणों में 11 लाख का जुर्माना लगाया गया है.