लखनऊ: कारगिल के शूरवीरों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए मध्य कमान की तरफ से लखनऊ छावनी में युद्ध स्मारक का निर्माण कराया गया है. इस वॉर ऑफ मेमोरियल में सेना के शूरवीरों की शौर्य गाथा अंकित है. इनकी प्रतिमाओं के साथ उनका पूरा विवरण दर्ज है. कारगिल युद्ध के लिए "ऑपरेशन विजय" में शामिल होने वाले जवानों के नाम अंकित हैं. परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं के सूरमाओं की प्रतिमाएं लगाई गई हैं. स्मृतिका में हर रोज बड़ी संख्या में लोग अपने शूरवीरों को नमन करने आते हैं. उनकी शौर्य गाथा पढ़कर अपनी सेना पर गर्व करते हैं. परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडेय, परमावीर चक्र विजेता योगेन्द्र यादव समेत यूपी के तमाम शूरवीरों का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में यहां पर अंकित है.
यह स्मारक उन वीर सैनिकों की स्मृति में बनाया गया है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान किया. इसका शिलान्यास 5 जून 1993 को जनरल एसएफ रोडरिग्स पीएसएम, वीएसएम, एडीसी, थलसेना अध्यक्ष ने किया था. इसका उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल वाई एन शर्मा पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, जनरल अफसर कमांडिंग और चीफ मध्य कमान ने 31 मार्च 1994 को किया था. पहले चरण का निर्माण कार्य 7 दिसंबर 1993 को शुरू होकर 25 मार्च 1994 को समाप्त हुआ. उत्तर प्रदेश सरकार ने धनराशि उपलब्ध कराई थी. इसे युद्ध स्मारक का नाम दिया गया.
परमवीर और अशोक चक्र विजेताओं की लगी हैं प्रतिमाएं
देश को समर्पित इस युद्ध स्मारक में कारगिल युद्ध के जवानों समेत अब तक शहीद हुए शूरवीरों की प्रतिमाएं लगी है. परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडेय, परमवीर चक्र विजेता राइफलमैन सूबेदार मेजर संजय कुमार, मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव, नायक जदुनाथ सिंह, अशोक चक्र नायक नीरज कुमार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट रामा राघोवा राणे, मेजर पीरू सिंह, मेजर रामाश्वमी परमेश्वरन, लांस नायक करम सिंह, नायक सूबेदार बाना सिंह, अशोक चक्र विजेता मेजर भूकांत मिश्रा, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, मेजर होशियार, सिंह मेजर धन सिंह थापा, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, सूबेदार जोगिंदर सिंह, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह, मेजर शैतान सिंह, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, लेफ्टिनेंट कर्नल एबी तारापोर, मेजर अब्दुल हमीद.
रोल ऑफ ऑनर पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं ऑपरेशन विजय के वीर सपूतों के नाम
साल 1962 से अब तक के जवानों के नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखे हैं. इसमें शहीद बीएस नेगी, सुबाब सिंह, धर्म सिंह, विजेंद्र सिंह, दिलबर सिंह, नतरेश सिंह, बी. सिंह, एमबी गुरुंग, जोहार सिंह, भारत सिंह, राकेश चंद, सुरिंदर सिंह, हीरा सिंह, आरएस अधिकारी, गजपाल सिंह, डी. सिंह, उम्मेद सिंह, बलबीर सिंह, गंगा सिंह, बीएस रावत, एनएस राठी, एम कुमार, पी कुमार, अमरार सिंह, केवलानंद, मोहन सिंह, रमेश चंदर, मनोज तलवार, एसके तोमर, सतीश चंदर, एलएस भदौरिया, एमसी जोशी, सोरन सिंह, प्रवीण कुमार, डी. सिंह, अमरेश पाल, दिनेश चंद, राजेंद्र सिंह, पदम राम, जगत सिंह, मंगतराम, भारत सिंह, कश्मीर सिंह, किशन सिंह, सुरमन सिंह, दवल सिंह, अनुसूय प्रसाद, कुलदीप सिंह, विक्रम सिंह, मानसिंह, बीपी सिंह, शिव सिंह, मदन सिंह, डी. प्रसाद, दिनेश दत्त, वीरेंद्र लाल, अमित नेगी, विजय सिंह, जेएस भंडारी, रंजीत सिंह, एस सी साती, भगवान सिंह, ए सिंह, आबिद खान, सुरेंद्र पाल, एमके पांडेय, अमरुद्दीन, एमएस बिष्ट, गीतम सिंह, रिजवान, जुबैर अहमद, एच. मुहम्मद, एचए खान, एमआई खान, आरके सिंह, एचबी गाले, देवेंद्र सिंह, एससी प्रसाद, संजय गुरुंग, राजेश गुरुंग, कैलाश कुमार, रामवीर सिंह, राज सिंह, कांची सिंह, प्रेमपाल सिंह, आनंद सिंह, मोहन सिंह, हिम्मत सिंह, जय सिंह नेगी, कुमार सिंह, ऋषिपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, सत्यवीर सिंह, अनिल कुमार, जितेंद्र सिंह, वीरेंद्र कुमार, कंचन सिंह, विजय सिंह, एसएस नेगी, श्यामवीर सिंह, अशोक कुमार, एचडीएस नेगी, दिलावर सिंह, ज्ञान सिंह, जेटीआर पाठी, डीआर गौतम, नागेंद्र सिंह, नरपाल सिंह, गोविंद सिंह, सुंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह, राम प्रसाद, हरीश सिंह, कृपाल सिंह, दलबीर सिंह, कृपाल सिंह, मदन सिंह, एबी सिंह, राजवीर सिंह, वीके शुक्ला, सुभाष सिंह, पुष्कर सिंह, प्रताप सिंह, दिनेश कुमार, इंद्र कुमार, पी. कुमार, भरत सिंह, रघुवीर सिंह, हनहुदा सिंह, जेपीएस यादव, आरडी यादव, आरएस यादव, संजय कुमार, अविनेश कुमार, एस. कुमार, एलएम यादव, राजेंद्र कुमार, एके यादव, उदय सिंह, प्रदीप कुमार, केएस राणा, मनीष थापा, कमलेश सिंह, पीसी पांडेय, बचान सिंह, आर. चंद्र, एननल सिंह के नाम हैं.
कारगिल विजय दिवस; कारगिल के रणबांकुरों को याद करती है सेना की ये स्मृतिका, हर रोज नमन करते हैं सैकड़ों लोग - KARGIL VIJAY DIWAS
लखनऊ में बना वॉर ऑफ मेमोरियल कारगिल युद्ध के शहीदों की हमेशा याद दिलाती है. यहां शहीदों की प्रतिमा के साथ उनकी गाथा भी लिखी गई है. जिसे देखने सैकड़ों लोग पहुंचते हैं.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jul 25, 2024, 4:18 PM IST
लखनऊ: कारगिल के शूरवीरों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए मध्य कमान की तरफ से लखनऊ छावनी में युद्ध स्मारक का निर्माण कराया गया है. इस वॉर ऑफ मेमोरियल में सेना के शूरवीरों की शौर्य गाथा अंकित है. इनकी प्रतिमाओं के साथ उनका पूरा विवरण दर्ज है. कारगिल युद्ध के लिए "ऑपरेशन विजय" में शामिल होने वाले जवानों के नाम अंकित हैं. परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं के सूरमाओं की प्रतिमाएं लगाई गई हैं. स्मृतिका में हर रोज बड़ी संख्या में लोग अपने शूरवीरों को नमन करने आते हैं. उनकी शौर्य गाथा पढ़कर अपनी सेना पर गर्व करते हैं. परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडेय, परमावीर चक्र विजेता योगेन्द्र यादव समेत यूपी के तमाम शूरवीरों का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में यहां पर अंकित है.
यह स्मारक उन वीर सैनिकों की स्मृति में बनाया गया है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान किया. इसका शिलान्यास 5 जून 1993 को जनरल एसएफ रोडरिग्स पीएसएम, वीएसएम, एडीसी, थलसेना अध्यक्ष ने किया था. इसका उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल वाई एन शर्मा पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, जनरल अफसर कमांडिंग और चीफ मध्य कमान ने 31 मार्च 1994 को किया था. पहले चरण का निर्माण कार्य 7 दिसंबर 1993 को शुरू होकर 25 मार्च 1994 को समाप्त हुआ. उत्तर प्रदेश सरकार ने धनराशि उपलब्ध कराई थी. इसे युद्ध स्मारक का नाम दिया गया.
परमवीर और अशोक चक्र विजेताओं की लगी हैं प्रतिमाएं
देश को समर्पित इस युद्ध स्मारक में कारगिल युद्ध के जवानों समेत अब तक शहीद हुए शूरवीरों की प्रतिमाएं लगी है. परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडेय, परमवीर चक्र विजेता राइफलमैन सूबेदार मेजर संजय कुमार, मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव, नायक जदुनाथ सिंह, अशोक चक्र नायक नीरज कुमार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट रामा राघोवा राणे, मेजर पीरू सिंह, मेजर रामाश्वमी परमेश्वरन, लांस नायक करम सिंह, नायक सूबेदार बाना सिंह, अशोक चक्र विजेता मेजर भूकांत मिश्रा, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, मेजर होशियार, सिंह मेजर धन सिंह थापा, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, सूबेदार जोगिंदर सिंह, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह, मेजर शैतान सिंह, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, लेफ्टिनेंट कर्नल एबी तारापोर, मेजर अब्दुल हमीद.
रोल ऑफ ऑनर पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं ऑपरेशन विजय के वीर सपूतों के नाम
साल 1962 से अब तक के जवानों के नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखे हैं. इसमें शहीद बीएस नेगी, सुबाब सिंह, धर्म सिंह, विजेंद्र सिंह, दिलबर सिंह, नतरेश सिंह, बी. सिंह, एमबी गुरुंग, जोहार सिंह, भारत सिंह, राकेश चंद, सुरिंदर सिंह, हीरा सिंह, आरएस अधिकारी, गजपाल सिंह, डी. सिंह, उम्मेद सिंह, बलबीर सिंह, गंगा सिंह, बीएस रावत, एनएस राठी, एम कुमार, पी कुमार, अमरार सिंह, केवलानंद, मोहन सिंह, रमेश चंदर, मनोज तलवार, एसके तोमर, सतीश चंदर, एलएस भदौरिया, एमसी जोशी, सोरन सिंह, प्रवीण कुमार, डी. सिंह, अमरेश पाल, दिनेश चंद, राजेंद्र सिंह, पदम राम, जगत सिंह, मंगतराम, भारत सिंह, कश्मीर सिंह, किशन सिंह, सुरमन सिंह, दवल सिंह, अनुसूय प्रसाद, कुलदीप सिंह, विक्रम सिंह, मानसिंह, बीपी सिंह, शिव सिंह, मदन सिंह, डी. प्रसाद, दिनेश दत्त, वीरेंद्र लाल, अमित नेगी, विजय सिंह, जेएस भंडारी, रंजीत सिंह, एस सी साती, भगवान सिंह, ए सिंह, आबिद खान, सुरेंद्र पाल, एमके पांडेय, अमरुद्दीन, एमएस बिष्ट, गीतम सिंह, रिजवान, जुबैर अहमद, एच. मुहम्मद, एचए खान, एमआई खान, आरके सिंह, एचबी गाले, देवेंद्र सिंह, एससी प्रसाद, संजय गुरुंग, राजेश गुरुंग, कैलाश कुमार, रामवीर सिंह, राज सिंह, कांची सिंह, प्रेमपाल सिंह, आनंद सिंह, मोहन सिंह, हिम्मत सिंह, जय सिंह नेगी, कुमार सिंह, ऋषिपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, सत्यवीर सिंह, अनिल कुमार, जितेंद्र सिंह, वीरेंद्र कुमार, कंचन सिंह, विजय सिंह, एसएस नेगी, श्यामवीर सिंह, अशोक कुमार, एचडीएस नेगी, दिलावर सिंह, ज्ञान सिंह, जेटीआर पाठी, डीआर गौतम, नागेंद्र सिंह, नरपाल सिंह, गोविंद सिंह, सुंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह, राम प्रसाद, हरीश सिंह, कृपाल सिंह, दलबीर सिंह, कृपाल सिंह, मदन सिंह, एबी सिंह, राजवीर सिंह, वीके शुक्ला, सुभाष सिंह, पुष्कर सिंह, प्रताप सिंह, दिनेश कुमार, इंद्र कुमार, पी. कुमार, भरत सिंह, रघुवीर सिंह, हनहुदा सिंह, जेपीएस यादव, आरडी यादव, आरएस यादव, संजय कुमार, अविनेश कुमार, एस. कुमार, एलएम यादव, राजेंद्र कुमार, एके यादव, उदय सिंह, प्रदीप कुमार, केएस राणा, मनीष थापा, कमलेश सिंह, पीसी पांडेय, बचान सिंह, आर. चंद्र, एननल सिंह के नाम हैं.