जयपुर. वक्फ बोर्ड को लेकर संशोधित बिल पर जयपुर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. एक ओर मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को अपने कंट्रोल में लेने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार के प्रस्तावित संशोधन बिल में महिलाओं को भी शामिल करने की सिफारिश की गई है. विधेयक के मुताबिक, सभी राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय परिषद में भी दो महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी.
इन खबरों के बीच जयपुर से मुस्लिम महिलाओं की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है. सामाजिक कार्यकर्ता मेमुना नरगिस का कहना है कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि वक्फ बोर्ड को केंद्र अपने अधीन लेना चाहती है, नरगिस ने सवाल करते हुए पूछा है कि केन्द्र के वक्फ बोर्ड को बिना अपने अधीन लिए क्या बोर्ड में सुधार नहीं हो सकता है.
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केंद्र को दिया सुझाव : मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह वक्फ बोर्ड को लेकर बजट जारी करें और अलग-अलग राज्यों को यह बजट भेजें, ताकि वहां बोर्ड में सुधार हो सके. उनका महिलाओं की भागीदारी को लेकर कहना है कि जिस तरह से पहले भी महिलाओं को लेकर बिल आए गए, उससे महिलाओं को फायदा नहीं हुआ. भागीदारी बढ़नी चाहिए, लेकिन जिस भागीदारी से कोई फायदा ही नहीं हो, ऐसी भागीदारी किस काम की.
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मुस्लिम परिषद ने किया विरोध : वक्फ बोर्ड बिल को लेकर विरोध राजस्थान मुस्लिम परिषद ने भी विरोध किया है और इस बिल को मुसलमान विरोधी बताया है. मुस्लिम परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिल में संशोधन नहीं करने की मांग की है. राजस्थान मुस्लिम परिषद के प्रदेश अध्यक्ष यूनुस चोपदार का कहना है कि जिस तरह से बिल के अंदर संशोधन लाया जा रहा है, यह गलत है. यह संशोधन मुस्लिम विरोधी है. जहां एक तरफ सबका साथ सबका विकास की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह का संशोधन करना दर्शाता है कि किस तरह से एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा है.