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लोकसभा में पेश हुआ वक्फ बोर्ड बिल, जयपुर में यह राय आई सामने - Wakf Board Bill

आज संसद में वक्फ बोर्ड बिल 44 संशोधनों के प्रस्ताव के साथ पेश हो गया. इसके बाद किसी भी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड दावा नहीं ठोक सकेगा. इस बिल को लेकर सरकार का तर्क है कि वह वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाना चाहती है. हालांकि मुस्लिम संगठनों ने वक्फ बिल का विरोध किया है. ग़ौरतलब है कि रेल और सेना के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन होने का दावा किया जाता है. ऐसे में इस बिल को लेकर जयपुर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है.

WAKF BOARD BILL
लोकसभा में पेश होगा वक्फ बोर्ड बिल (PHOTO : ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 8, 2024, 11:40 AM IST

लोकसभा में पेश होगा वक्फ बोर्ड बिल (VIDEO : ETV BHARAT)

जयपुर. वक्फ बोर्ड को लेकर संशोधित बिल पर जयपुर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. एक ओर मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को अपने कंट्रोल में लेने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार के प्रस्तावित संशोधन बिल में महिलाओं को भी शामिल करने की सिफारिश की गई है. विधेयक के मुताबिक, सभी राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय परिषद में भी दो महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी.

इन खबरों के बीच जयपुर से मुस्लिम महिलाओं की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है. सामाजिक कार्यकर्ता मेमुना नरगिस का कहना है कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि वक्फ बोर्ड को केंद्र अपने अधीन लेना चाहती है, नरगिस ने सवाल करते हुए पूछा है कि केन्द्र के वक्फ बोर्ड को बिना अपने अधीन लिए क्या बोर्ड में सुधार नहीं हो सकता है.

इसे भी पढ़ें : मानसून सत्र 2024: वक्फ कानून में संशोधन को लेकर बिल पेश कर सकती है सरकार - parliament monsoon session

केंद्र को दिया सुझाव : मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह वक्फ बोर्ड को लेकर बजट जारी करें और अलग-अलग राज्यों को यह बजट भेजें, ताकि वहां बोर्ड में सुधार हो सके. उनका महिलाओं की भागीदारी को लेकर कहना है कि जिस तरह से पहले भी महिलाओं को लेकर बिल आए गए, उससे महिलाओं को फायदा नहीं हुआ. भागीदारी बढ़नी चाहिए, लेकिन जिस भागीदारी से कोई फायदा ही नहीं हो, ऐसी भागीदारी किस काम की.

इसे भी पढ़ें : क्या होता है वक्फ बोर्ड? क्या हैं इसके काम और किसने दी थी इसको पावर? जानें सबकुछ - Waqf Board

मुस्लिम परिषद ने किया विरोध : वक्फ बोर्ड बिल को लेकर विरोध राजस्थान मुस्लिम परिषद ने भी विरोध किया है और इस बिल को मुसलमान विरोधी बताया है. मुस्लिम परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिल में संशोधन नहीं करने की मांग की है. राजस्थान मुस्लिम परिषद के प्रदेश अध्यक्ष यूनुस चोपदार का कहना है कि जिस तरह से बिल के अंदर संशोधन लाया जा रहा है, यह गलत है. यह संशोधन मुस्लिम विरोधी है. जहां एक तरफ सबका साथ सबका विकास की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह का संशोधन करना दर्शाता है कि किस तरह से एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा है.

लोकसभा में पेश होगा वक्फ बोर्ड बिल (VIDEO : ETV BHARAT)

जयपुर. वक्फ बोर्ड को लेकर संशोधित बिल पर जयपुर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. एक ओर मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को अपने कंट्रोल में लेने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार के प्रस्तावित संशोधन बिल में महिलाओं को भी शामिल करने की सिफारिश की गई है. विधेयक के मुताबिक, सभी राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय परिषद में भी दो महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी.

इन खबरों के बीच जयपुर से मुस्लिम महिलाओं की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है. सामाजिक कार्यकर्ता मेमुना नरगिस का कहना है कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि वक्फ बोर्ड को केंद्र अपने अधीन लेना चाहती है, नरगिस ने सवाल करते हुए पूछा है कि केन्द्र के वक्फ बोर्ड को बिना अपने अधीन लिए क्या बोर्ड में सुधार नहीं हो सकता है.

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केंद्र को दिया सुझाव : मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह वक्फ बोर्ड को लेकर बजट जारी करें और अलग-अलग राज्यों को यह बजट भेजें, ताकि वहां बोर्ड में सुधार हो सके. उनका महिलाओं की भागीदारी को लेकर कहना है कि जिस तरह से पहले भी महिलाओं को लेकर बिल आए गए, उससे महिलाओं को फायदा नहीं हुआ. भागीदारी बढ़नी चाहिए, लेकिन जिस भागीदारी से कोई फायदा ही नहीं हो, ऐसी भागीदारी किस काम की.

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मुस्लिम परिषद ने किया विरोध : वक्फ बोर्ड बिल को लेकर विरोध राजस्थान मुस्लिम परिषद ने भी विरोध किया है और इस बिल को मुसलमान विरोधी बताया है. मुस्लिम परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिल में संशोधन नहीं करने की मांग की है. राजस्थान मुस्लिम परिषद के प्रदेश अध्यक्ष यूनुस चोपदार का कहना है कि जिस तरह से बिल के अंदर संशोधन लाया जा रहा है, यह गलत है. यह संशोधन मुस्लिम विरोधी है. जहां एक तरफ सबका साथ सबका विकास की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह का संशोधन करना दर्शाता है कि किस तरह से एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा है.

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