लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीवीआईपी कल्चर को लेकर नाराजगी जताई है. अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने वाहन पर लाल, नीली बत्ती के प्रयोग के अलावा प्रेशर हॉर्न और हूटर के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं. विभाग की तरफ से प्रेशर हॉर्न और हूटर युक्त वाहनों के खिलाफ 2023 से लेकर 2024 में की गई कार्रवाई का आंकड़ा जारी किया गया है. सड़क किनारे खड़े वाहनों के खिलाफ भी विभाग ने जो कार्रवाई की है, उसके भी आंकड़े परिवहन विभाग ने जारी किए हैं. वीवीआईपी के खिलाफ कार्रवाई के मामले में कानपुर और गोरखपुर अव्वल रहे हैं, जबकि मिर्जापुर फिसड्डी साबित हुआ है.
कानपुर में वीवीआईपी पर खूब कसा गया शिकंजा : प्रेशर हॉर्न और हूटर के खिलाफ एक अप्रैल से लेकर 31 मई तक दो माह में लखनऊ में 250 चालान, अयोध्या में 64, गोंडा में 79, बस्ती में 80, कानपुर में 295, प्रयागराज में 120, बांदा में 10, बरेली में 101, मुरादाबाद में 60, वाराणसी में 37, गोरखपुर में 141, आजमगढ़ में 20, मिर्जापुर में चार, मेरठ में 53, गाजियाबाद में 118, सहारनपुर में 63, आगरा में 190, अलीगढ़ में 108 और झांसी में 209 वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई.
पिछले साल एक्शन लेने में गोरखपुर नंबर वन : पिछले साल फरवरी माह से लेकर दिसंबर माह तक कुल आठ महीनों में प्रेशर हॉर्न और हूटर के खिलाफ लखनऊ में 938, अयोध्या में 659, गोंडा में 200, बस्ती में 201, कानपुर में 944, प्रयागराज में 415, बांदा में 354, बरेली में 553, मुरादाबाद में 296, वाराणसी में 157, गोरखपुर में 1251, आजमगढ़ में 239, मिर्जापुर में आठ, मेरठ में 217, गाजियाबाद में 684, सहारनपुर में 75, आगरा में 1727, अलीगढ़ में 292 और झांसी में 274 चालान की कार्रवाई हुई.
ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले हजारों वाहनों पर एक्शन : परिवहन विभाग की तरफ से ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए 1 अप्रैल से लेकर 31 मई तक की कार्रवाई के आंकड़े जारी किए गए हैं. ध्वनि प्रदूषण के मामले में विभाग की तरफ से 19 संभागों में कुल 553 चालान इस अवधि में किए गए हैं. 63 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है. इसी अवधि में प्रेशर हॉर्न और हूटर के खिलाफ 2002 वाहनों पर चालान की कार्रवाई की गई है और 2 करोड़ 31 लाख 68 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया गया. वित्तीय वर्ष 2023 में 28 फरवरी से लेकर 26 दिसंबर तक ध्वनि प्रदूषण के मामले में 6707 वाहनों का चालान किया गया. इसी अवधि में प्रेशर हॉर्न और हूटर के खिलाफ 9303 वाहनों का चालान किया गया.
सड़क किनारे खड़े अवैध वाहनों पर खूब चला चाबुक : सड़क किनारे खड़े अवैध वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का जो ब्योरा परिवहन विभाग ने जारी किया है उसमें 2023 में कुल 12,303 वाहन चेक किए गए. इनमें से 2,129 वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई. 2024 के मई माह तक 5,520 वाहनों को चेक किया गया. 812 वाहनों पर कार्रवाई की गई. 2023 से 2024 के मई माह तक कुल 17,823 वाहन चेक किए गए. इनमें से 2,941 वाहनों पर कार्रवाई की गई है.
ये है नियम : केंद्रीय मोटर यान नियमावली 1989 के नियम 119 के अंतर्गत अनुमानित क्षमता से अधिक ध्वनि वाले हॉर्न लगाना प्रतिबंधित है. नियम 120 में वाहनों में लगाए गए हॉर्न की ध्वनि का दबाव 85 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए. मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 190 (2) में निर्धारित क्षमता से अधिक हॉर्न जिनमें प्रेशर हॉर्न और हूटर शामिल हैं, इनके खिलाफ ₹10,000 जुर्माने का प्रावधान है.
केंद्रीय मोटर यान नियमावली 1989 के नियम 108 में वाहनों में लाल, सफेद और नीली बत्ती का प्रयोग किए जाने के बारे में स्पष्ट किया गया है. इसके तहत किसी भी मोटर यान में वाहन के पीछे के अतिरिक्त किसी अन्य भाग पर लाल बत्ती का प्रयोग नहीं किया जाएगा. लाल नीली बत्ती के प्रयोग के लिए भारत सरकार की अधिसूचना संख्या 423 (अ) और संशोधित आदेश 1374 (अ) जारी किया गया.
ट्रांसपोर्ट कमिश्ननर चंद्र भूषण सिंह का कहना है कि प्रेशर हाॅर्न, हूटर, नीली-लाल बत्ती और मोडिफाइड साइलेंसर वाले वाहनों के खिलाफ लगातार परिवहन विभाग की तरफ से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है. आंकड़े इसके गवाह हैं. अब अभियान में और तेजी लाई जाएगी. यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा.
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