बांका: 2024 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग खत्म हो गई है. बिहार की जिन 5 सीटों पर वोटिंग हुई, उनमें बांका लोकसभा सीट भी शामिल थी. आज सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया है और लोग घर से पोलिंग बूथ के लिए निकल गए. शाम 6 बजे तक 54 प्रतिशत मतदान हुआ. बांका में जेडीयू के गिरधारी यादव और महागठबंधन के जयप्रकाश नारायण के बीच सीधी टक्कर है. अब देखना है कि बांका की जनता का विजयी आशीर्वाद किसे मिलता है?
बांका में मतदान की पूरी जानकारी:
- शाम 6 बजे तक 54 प्रतिशत मतदान हुआ है.
- शाम 5 बजे तक 49.5 प्रतिशत मतदान
- बांका में दोपहर 3 बजे तक कुल 42.89% वोटिंग हुई.
- बांका में दोपहर 1 बजे तक कुल 32.32% वोटिंग हुई.
- बांका में सुबह 11 बजे तक कुल 18.75% वोटिंग हुई.
- बांका में सुबह 9 बजे तक 9.71 % मतदान हुआ
- बीजेपी विधायक रामनारायण मंडल ने अपने गांव जीतारपुर में मतदान किया.
- बांका लोकसभा के सुल्तानगंज विधानसभा के बूथ संख्या 192 पर मतदान का बहिष्कार.
- अमरपुर विधानसभा के ममदपुर बूथ पर वोट डालने के लिए लंबी-लंबी कतार.
- बांका में 103 नंबर बूथ पर EVM में गड़बड़ी के कारण मतदान देर से शुरू.
- मतदान केंद्रों पर लोगों का आना जारी
- सुबह 7 बजे से बांका में मतदान शुरू
बांका लोकसभा सीट का इतिहास: बांका लोकसभा सीट का गठन दूसरे लोकसभा चुनाव के समय यानी 1957 में हुआ था और तब कांग्रेस की शकुंतला देवी ने जीत दर्ज कर बांका की पहली सांसद होने का गौरव प्राप्त किया. 1962 में भी बाजी शकुंतला देवी ने ही मारी और लगातार दूसरी बार संसद पहुंची. वहीं 2009 से लेकर एक उपचुनाव सहित हुए चार चुनावों में बांका के लोगों ने दो बार निर्दलीय तो एक बार आरजेडी और एक बार जेडीयू को विजयमाल पहनाया है.
फिर एक बार आमने-सामने गिरधारी और जयप्रकाश: वैसे तो बांका लोकसभा सीट से कुल 10 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन 2019 की तरह ही इस बार भी NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. दोनों गठबंधनों के सियासी पहलवान भी पुराने ही हैं और 2019 में एक-दूसरे से भिड़ चुके हैं. NDA के बैनर तले जेडीयू के मौजूदा सांसद गिरधारी यादव लगातार दूसरी जीत के लिए ताल ठोक रहे हैं तो आरजेडी के जयप्रकाश यादव पिछली हार का हिसाब चुकता करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं.
![कैसा रहा अबतक का सफर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/26-04-2024/21317555_loksabha_info-1.jpg)
बांका लोकसभा सीट, 2009 से अब तक: 2009 से लेकर पिछले चुनावों के नतीजों पर नज़र डालें तो 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दिग्विजय सिंह ने आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव को मात दी थी. दिग्विजय सिंह के असामयिक निधन के बाद 2010 में हुए उपचुनाव में दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल देवी ने आरजेडी प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव को हराने में सफलता प्राप्त की. हालांकि 2014 में बाजी पलट गयी और आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव ने बीजेपी के टिकट पर खड़ी पुतुल देवी को हराकर पुराना हिसाब चुकता कर लिया.
2019 में गिरधारी ने बाजी मारी: 2014 में बांका के बैटल के विजेता आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव अपनी जीत की लय बरकरार नहीं रख पाए और बाजी हाथ लगी जेडीयू के गिरधारी यादव के हाथ. जेडीयू के गिरधारी यादव ने जयप्रकाश नारायण यादव को करीब दो लाख वोट के भारी अंतर से हरा दिया. उस चुनाव में जेडीयू ने कुल वोटिंग का 47.98 फीसदी वोट हासिल किया और कुल 4 लाख 77 हजार 799 मत प्राप्त किए जबकि आरजेडी को वोटिंग का 27.84 फीसदी वोट हासिल हुआ. आरजेडी को कुल 2 लाख 77 हजार 256 वोट मिले.
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत: भागलपुर से काटकर 1991 में जिला बने बांका की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत बेहद ही समृद्ध है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जिले में स्थित मंदार पर्वत को ही मथनी बनाकर देवताओं और दैत्यों ने समुद्र मंथन किया था. हिन्दुओं के लिए यह पर्वत भगवान विष्णु का पवित्र आश्रय स्थल है तो जैन धर्मावलंबी इसे प्रसिद्ध तीर्थंकर वासुपूज्य से जुड़ा मानते हैं. इसके अलावा मकर संक्रांति पर यहां आदिवासी समाज के सबसे बड़े संताली मेले का आयोजन होता है. बांका की पूर्वी और दक्षिणी सीमा जहां झारखंड राज्य से लगती है वहीं पश्चिमी सीमा से जमुई और उत्तर-पश्चिमी सीमा से मुंगेर और भागलपुर जुड़ते हैं.
![यहां जानें मतदाताओं की संख्या](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/26-04-2024/21317555_loksabha_info-2.jpg)
बांका लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीट: बांका लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीट हैं. जिसमें सुल्तानपुर विधानसभा सीट भागलपुर जिले में है बाकी 5 विधानसभा सीट बांका जिले में ही हैं. इन 6 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 1 सीट धोरैया पर आरजेडी का कब्जा है बाकी 5 विधानसभा सीटों पर NDA का कब्जा है.
बांका का जातीय समीकरण: बांका लोकसभा सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 18 लाख 58 हजार 566 है जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 79 हजार 126 है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 79 हजार 412 है. इसके अलावा थर्ड जेंडर के भी 28 वोटर्स हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो इस सीट पर यादव और राजपूत मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. आंकड़ों के मुताबिक दोनों जाति के मतदाताओं की संख्या 3-3 लाख से अधिक है. यही कारण है कि इस सीट से अधिकांश सांसद यादव और राजपूत जाति से ही हुए हैं. हालांकि मुस्लिम और कुर्मी-कोइरी के मतदाता भी चुनावी नतीजों में अहम फैक्टर माने जाते हैं.
सांसद गिरधारी यादव का सियासी सफर: जेडीयू के मौजूदा सांसद गिरधारी यादव बांका सीट से अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर तीन बार सांसद चुने गये हैं. गिरधारी यादव ने सबसे पहले 1996 में जनता दल के टिकट पर बांका लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. जबकि 2004 में गिरधारी यादव आरजेडी के टिकट पर बांका का सियासी बैटल जीतने में सफल रहे थे और फिर 2019 में जेडीयू के टिकट पर उन्होंने जीत का परचम लहराया.
जयप्रकाश नारायण यादव का सियासी सफर: आरजेडी के टिकट पर गिरधारी यादव को चुनौती दे रहे जयप्रकाश नारायण यादव को लगातार कई हार के बाद 2014 में बांका का सांसद बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इससे पहले वो 2009 में दिग्विजय सिंह से और फिर 2010 के उपचुनाव में पुतुल देवी से हार चुके थे. 2019 में तो मुकाबला एकतरफा रहा और जयप्रकाश यादव को एक बार फिर हार का मुंह देखना पड़ा.
2024 में कौन मारेगा बाजी ?: 2019 की तरह ही इस बार भी बांका में NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. आमने-सामने कैंडिडेट भी वही पुराने. दोनों एक ही जाति यानी यादव. अब देखना है कि दो यदुवंशियों की इस सियासी जंग में विजयमाला किसके गले की शोभा बनती है. गिरधारी जीत दोहरा पाएंगे या फिर जयप्रकाश नारायण यादव पिछली हार का बदला ले पाएंगे, जानने के लिए आपको करना होगा 4 जून तक इंतजार
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