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लोकसभा चुनाव 2024: गाजियाबाद लोकसभा सीट पर डेढ़ दशक में बढ़ गए 10.69 लाख मतदाता, जानें कारण - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Ghaziabad Lok Sabha seat: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों से लेकर प्रशासन तक तैयारियों में लगे हुए हैं. वहीं पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है. आइए जानते हैं गाजियाबाद के वोटरों की संख्या व अन्य पहलुओं के बारे में. पढ़ें पूरी खबर...

ghaziabad lok sabha seat
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 30, 2024, 10:46 PM IST

रवि अरोड़ा, वरिष्ठ पत्रकार

नई दिल्ली: भारत के आजाद होने के बाद सन् 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. तब हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के कृष्णचंद शर्मा सांसद चुने गए थे. वहीं 2009 में परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. गाजियाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत गाजियाबाद, साहिबाबाद, मुरादनगर, लोनी और धौलाना का आंशिक क्षेत्र आता है.

आंकड़ों पर नजर डालें तो 1957 में गाजियाबाद में जहां मतदाताओं की संख्या 4 लाख 20 हजार 441 थी, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 29 लाख एक हजार 235 पहुंच गई है. परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट पर 2009 में मतदाताओं की संख्या 18 लाख 31 हजार 688 थी. यानि बीते 15 सालों में गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 65 प्रतिशत का इजाफा हुआ. दिल्ली से सटे होने के चलते गाजियाबाद में देश के लगभग सभी राज्यों से लोग का आकर बसे हुए हैं. यही वजह है कि गाजियाबाद के मतदाताओं की संख्या में इतनी तेजी से इजाफा हुआ.

वरिष्ठ पत्रकार रवि अरोड़ा बताते हैं कि जब देश में पहला चुनाव हुआ था, तब देश की आबादी लगभग 40 करोड़ थी, जबकि मौजूदा समय में देश की आबादी 140 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है. बढ़ती आबादी के साथ मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ. इसके बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन हुआ. दिल्ली एनसीआर में रोजगार के अवसर के कारण देशभर के लोग एनसीआर का रुख करते हैं. दिल्ली से लगे होने के कारण गाजियाबाद में तेजी से विकास हुआ है और रोजगार के अवसरों के चलते लोगों का यहां आकर बसना अब भी जारी है. आइए जानते हैं यहां साल दर साल बढ़े मतदाताओं की संख्या.

साल मतदाताओं की संख्या

1957- 4 लाख 20 हजार 441

1962- 4 लाख 35 हजार 947

1967- 5 लाख 14 हजार 929

1971- 5 लाख 78 हजार 138

1977- 6 लाख 31 हजार 729

1980- 7 लाख 23 हजार 435

1984- 7 लाख 68 हजार 575

1989- 10 लाख 77 हजार 433

1991- 10 लाख 84 हजार 021

1996- 14 लाख 93 हजार 707

1998- 15 लाख 29 हजार 259

1999- 15 लाख 68 हजार 097

2004- 18 लाख 06 हजार 830

2009- 18 लाख 31 हजार 688

2014- 23 लाख 57 हजार 553

2019- 27 लाख 26 हजार 132

2024- 29 लाख 01 हजार 235

यह भी पढ़ें-चांदनी चौक लोकसभा सीट पर कांग्रेस और BJP का रहा दबदबा, इस बार किसके सिर होगा ताज? समझिए पूरा चुनावी समीकरण

यह भी पढ़ें-गाजियाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने डॉली शर्मा पर फिर जताया भरोसा, टिकट देकर चला 'ब्राह्मण कार्ड'

रवि अरोड़ा, वरिष्ठ पत्रकार

नई दिल्ली: भारत के आजाद होने के बाद सन् 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. तब हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के कृष्णचंद शर्मा सांसद चुने गए थे. वहीं 2009 में परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. गाजियाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत गाजियाबाद, साहिबाबाद, मुरादनगर, लोनी और धौलाना का आंशिक क्षेत्र आता है.

आंकड़ों पर नजर डालें तो 1957 में गाजियाबाद में जहां मतदाताओं की संख्या 4 लाख 20 हजार 441 थी, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 29 लाख एक हजार 235 पहुंच गई है. परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट पर 2009 में मतदाताओं की संख्या 18 लाख 31 हजार 688 थी. यानि बीते 15 सालों में गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 65 प्रतिशत का इजाफा हुआ. दिल्ली से सटे होने के चलते गाजियाबाद में देश के लगभग सभी राज्यों से लोग का आकर बसे हुए हैं. यही वजह है कि गाजियाबाद के मतदाताओं की संख्या में इतनी तेजी से इजाफा हुआ.

वरिष्ठ पत्रकार रवि अरोड़ा बताते हैं कि जब देश में पहला चुनाव हुआ था, तब देश की आबादी लगभग 40 करोड़ थी, जबकि मौजूदा समय में देश की आबादी 140 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है. बढ़ती आबादी के साथ मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ. इसके बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन हुआ. दिल्ली एनसीआर में रोजगार के अवसर के कारण देशभर के लोग एनसीआर का रुख करते हैं. दिल्ली से लगे होने के कारण गाजियाबाद में तेजी से विकास हुआ है और रोजगार के अवसरों के चलते लोगों का यहां आकर बसना अब भी जारी है. आइए जानते हैं यहां साल दर साल बढ़े मतदाताओं की संख्या.

साल मतदाताओं की संख्या

1957- 4 लाख 20 हजार 441

1962- 4 लाख 35 हजार 947

1967- 5 लाख 14 हजार 929

1971- 5 लाख 78 हजार 138

1977- 6 लाख 31 हजार 729

1980- 7 लाख 23 हजार 435

1984- 7 लाख 68 हजार 575

1989- 10 लाख 77 हजार 433

1991- 10 लाख 84 हजार 021

1996- 14 लाख 93 हजार 707

1998- 15 लाख 29 हजार 259

1999- 15 लाख 68 हजार 097

2004- 18 लाख 06 हजार 830

2009- 18 लाख 31 हजार 688

2014- 23 लाख 57 हजार 553

2019- 27 लाख 26 हजार 132

2024- 29 लाख 01 हजार 235

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