नई दिल्ली: भारत के आजाद होने के बाद सन् 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. तब हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के कृष्णचंद शर्मा सांसद चुने गए थे. वहीं 2009 में परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. गाजियाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत गाजियाबाद, साहिबाबाद, मुरादनगर, लोनी और धौलाना का आंशिक क्षेत्र आता है.
आंकड़ों पर नजर डालें तो 1957 में गाजियाबाद में जहां मतदाताओं की संख्या 4 लाख 20 हजार 441 थी, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 29 लाख एक हजार 235 पहुंच गई है. परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा सीट पर 2009 में मतदाताओं की संख्या 18 लाख 31 हजार 688 थी. यानि बीते 15 सालों में गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 65 प्रतिशत का इजाफा हुआ. दिल्ली से सटे होने के चलते गाजियाबाद में देश के लगभग सभी राज्यों से लोग का आकर बसे हुए हैं. यही वजह है कि गाजियाबाद के मतदाताओं की संख्या में इतनी तेजी से इजाफा हुआ.
वरिष्ठ पत्रकार रवि अरोड़ा बताते हैं कि जब देश में पहला चुनाव हुआ था, तब देश की आबादी लगभग 40 करोड़ थी, जबकि मौजूदा समय में देश की आबादी 140 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है. बढ़ती आबादी के साथ मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ. इसके बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन हुआ. दिल्ली एनसीआर में रोजगार के अवसर के कारण देशभर के लोग एनसीआर का रुख करते हैं. दिल्ली से लगे होने के कारण गाजियाबाद में तेजी से विकास हुआ है और रोजगार के अवसरों के चलते लोगों का यहां आकर बसना अब भी जारी है. आइए जानते हैं यहां साल दर साल बढ़े मतदाताओं की संख्या.
साल मतदाताओं की संख्या
1957- 4 लाख 20 हजार 441
1962- 4 लाख 35 हजार 947
1967- 5 लाख 14 हजार 929
1971- 5 लाख 78 हजार 138
1977- 6 लाख 31 हजार 729
1980- 7 लाख 23 हजार 435
1984- 7 लाख 68 हजार 575
1989- 10 लाख 77 हजार 433
1991- 10 लाख 84 हजार 021
1996- 14 लाख 93 हजार 707
1998- 15 लाख 29 हजार 259
1999- 15 लाख 68 हजार 097
2004- 18 लाख 06 हजार 830
2009- 18 लाख 31 हजार 688
2014- 23 लाख 57 हजार 553
2019- 27 लाख 26 हजार 132
2024- 29 लाख 01 हजार 235
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