रायपुर: पीएससी घोटाले को लेकर विधानसभा के पटल पर बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल पूछा. धरमलाल कौशिक के सवाल के जवाब में सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे सीएम विष्णु देव साय ने जवाब दिया. सीएम साय ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि सीजीपीएससी के खिलाफ साल 2019 से साल 2023 के बीच कुल 48 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. ज्यादातर शिकायतों में कहा गया था कि मेरिट को दरकिनार कर नेता और अफसरों के बेटे बेटियों को नौकरी बांट दी गई.
चुनाव के दौरान चर्चा में रहा था पीएससी घोटाला: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग परीक्षा से लेकर नौकरी देने तक के मामले में सवालों में घिरा रहा. भूपेश बघेल की सरकार में भी सीजीपीएससी को लेकर शिकायतें की गईं. बजट सत्र के दौरान सीएम ने लिखित में उत्तर देते हुए कहा गया कि ज्यादातर शिकायतें राज्यपाल को मिली और मुख्य सचिव को मिली. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने आरोप लगाया था कि नेताओं और अफसरों के बेटे बेटियों को नौकरी बांटी गई. खुद पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार बनते ही इसकी जांच कराई जाएगी. सीएम साय ने भी कहा था कि छात्रों को न्याया दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि सरकार की मिलीभगत से मेरिट वालों को हटाकर पैरवी वालों को नौकरी दी गई है.
बीजेपी ने लगाया था कांग्रेस सरकार पर आरोप: परीक्षा देने वाले आवेदकों ने भी भर्ती प्रक्रिया और चयन पर सवाल खड़े किए थे. जिन लोगों पर आरोप लगे थे उनमें कांग्रेस सरकार में पीएससी के चेयरमैन और सचिव शामिल थे. छात्रों का भी कहना था कि राजनेताओं के दबाव में उनके बेटे बेटियों को अफसर बना दिया गया. तब विपक्ष में रही बीजेपी और परीक्षा देने वाले छात्रों ने भी मामले की सीबीआई से जांच करने की बात कही थी.