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फसल बीमा को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, 31 जुलाई तक किसान करा सकेंगे इंश्योरेंस - big decision for crop insurance

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 14, 2024, 10:58 PM IST

मॉनसून के मौसम में छत्तीसगढ़ के किसानों को सरकार ने बड़ी राहत देने का ऐलान किया है. अब किसान 31 जुलाई तक फसल बीमा करा सकते हैं. सरकार ने खरीफ की फसलों पर बीमा कराने की तारीख 31 जुलाई की है. बीमा कराने वाले किसानों की फसल खराब होने पर उनको मुआवजा दिया जाएगा.

PM CROP INSURANCE SCHEME
फसल बीमा योजना की तारीख 31 जुलाई तक (ETV Bharat)

रायपुर: विष्णु देव साय सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने की तारीख 31 जुलाई रखी है. सरकार के इस फैसले का लाभ छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों को होगा. सरकार के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ वर्ष 2024 के क्रियान्वयन हेतु फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित की है. योजना में धान सिंचित, धान असिंचित फसलों, उड़द, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, मक्का, अरहर रागी और सोयाबीन को शामिल किया गया है.

फसल बीमा योजना की तारीख 31 जुलाई तक: इस योजना से किसानों को प्रतिकूल मौसम जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई में मदद दी जाएगी. पीएम फसल बीमा योजना 2024 के अंतर्गत जिले में ज्यादा से ज्यादा किसानों को बीमा के दायरे में लाने की कोशिश करना है. पीएम मोदी की ये महत्वाकांक्षी योजना थी जिसपर सभी राज्य बड़ी गंभीरता से काम कर रहे हैं. नुकसान के वक्त किसानों को इससे आर्थिक मदद दी जाती है जो कारगर साबित हो रही है.

कृषि विभाग की किसानों से अपील: कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि अपना आधार कार्ड खरीफ वर्ष के लिए 31 जुलाई 2024 से पूर्व बैंक में अपडेट करवा लें. फसल बीमा पोर्टल पर बिना आधार रजिस्ट्रेशन के बीमा मान्य नहीं किया जाएगा. फसल लगाने वाले सभी अऋणी किसानों को प्रस्ताव पत्र के साथ नवीनतम आधार कार्ड की फोटो कॉपी, नवीनतम भूमि प्रमाण-पत्र (बी-1, खसरा) की कॉपी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की कॉपी जिस पर एकाउंट नंबर साफ साफ दर्ज हो उसे जमा करना है.

कितना मिलता है मुआवजा: धान सिंचित के लिए बीमा राशि 60 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 1200 निर्धारित है. असिंचित फसल के लिए बीमा राशि 43 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 860, उड़द और मूंग के लिए बीमा राशि 22 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 460 रुपए निर्धारित है. मूंगफली की बीमा राशि 42 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 840 रुपए, कोदो की बीमा राशि 16 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 320 रुपए, कुटकी की बीमा राशि 17 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 340 रुपए रखी गई है.

किसानों को मिलेगी आर्थिक मदद: मक्का की बीमा राशि 36 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 720 रुपए रखी गई है. जबकी अरहर की बीमा राशि 35 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 700 रुपए है. मोटे अनाजों में रागी की बीमा राशि 15 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 300 रुपए तथा सोयाबीन की बीमा राशि 41 हजार और प्रीमियम 820 रुपए निर्धारित की गई है. बाढ़ और भारी बारिश में जब किसानों की फसल तबाह हो जाती है तब सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है.

विकसित भारत संकल्प यात्रा में पीएम मोदी का संवाद , कृषि विज्ञान केंद्र बीजापुर किसानों को योजनाओं के गिनाए गए फायदे
छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक धमतरी के किसानों को मिला फसल क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
बारिश से खराब हुई फसल का मुआवजा लेने पहुंचे किसान

रायपुर: विष्णु देव साय सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने की तारीख 31 जुलाई रखी है. सरकार के इस फैसले का लाभ छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों को होगा. सरकार के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ वर्ष 2024 के क्रियान्वयन हेतु फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित की है. योजना में धान सिंचित, धान असिंचित फसलों, उड़द, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, मक्का, अरहर रागी और सोयाबीन को शामिल किया गया है.

फसल बीमा योजना की तारीख 31 जुलाई तक: इस योजना से किसानों को प्रतिकूल मौसम जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई में मदद दी जाएगी. पीएम फसल बीमा योजना 2024 के अंतर्गत जिले में ज्यादा से ज्यादा किसानों को बीमा के दायरे में लाने की कोशिश करना है. पीएम मोदी की ये महत्वाकांक्षी योजना थी जिसपर सभी राज्य बड़ी गंभीरता से काम कर रहे हैं. नुकसान के वक्त किसानों को इससे आर्थिक मदद दी जाती है जो कारगर साबित हो रही है.

कृषि विभाग की किसानों से अपील: कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि अपना आधार कार्ड खरीफ वर्ष के लिए 31 जुलाई 2024 से पूर्व बैंक में अपडेट करवा लें. फसल बीमा पोर्टल पर बिना आधार रजिस्ट्रेशन के बीमा मान्य नहीं किया जाएगा. फसल लगाने वाले सभी अऋणी किसानों को प्रस्ताव पत्र के साथ नवीनतम आधार कार्ड की फोटो कॉपी, नवीनतम भूमि प्रमाण-पत्र (बी-1, खसरा) की कॉपी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की कॉपी जिस पर एकाउंट नंबर साफ साफ दर्ज हो उसे जमा करना है.

कितना मिलता है मुआवजा: धान सिंचित के लिए बीमा राशि 60 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 1200 निर्धारित है. असिंचित फसल के लिए बीमा राशि 43 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 860, उड़द और मूंग के लिए बीमा राशि 22 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 460 रुपए निर्धारित है. मूंगफली की बीमा राशि 42 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 840 रुपए, कोदो की बीमा राशि 16 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 320 रुपए, कुटकी की बीमा राशि 17 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 340 रुपए रखी गई है.

किसानों को मिलेगी आर्थिक मदद: मक्का की बीमा राशि 36 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 720 रुपए रखी गई है. जबकी अरहर की बीमा राशि 35 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 700 रुपए है. मोटे अनाजों में रागी की बीमा राशि 15 हजार प्रति हेक्टेयर और प्रीमियम 300 रुपए तथा सोयाबीन की बीमा राशि 41 हजार और प्रीमियम 820 रुपए निर्धारित की गई है. बाढ़ और भारी बारिश में जब किसानों की फसल तबाह हो जाती है तब सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है.

विकसित भारत संकल्प यात्रा में पीएम मोदी का संवाद , कृषि विज्ञान केंद्र बीजापुर किसानों को योजनाओं के गिनाए गए फायदे
छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक धमतरी के किसानों को मिला फसल क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
बारिश से खराब हुई फसल का मुआवजा लेने पहुंचे किसान
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