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पिता के नक्शेकदम पर बेटा! IAS बने ACS आनंद कुमार के बेटे विनायक, ऑल इंडिया 180वी रैंक - UPSC Result 2024

UPSC CSE 2024, सिविल सर्विसेज परीक्षा 2023 में IAS आनंद कुमार के बेटे विनायक कुमार का भी चयन हुआ है. विनायक ने पहले ही अटेम्प में 180वी रैंक प्राप्त की है. Etv भारत से खास बातचीत में विनायक ने कहा कि अगर मन में किसी भी लक्ष्य को पूरा करने की इच्छा शक्ति हो तो, कोई राह मुश्किल नहीं होती.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 16, 2024, 8:33 PM IST

पिता के नक्शेकदम पर बेटा! IAS बने ACS आनंद कुमार के बेटे विनायक.

जयपुर. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली देश की सबसे बड़ी सिविल सर्विसेज परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आ गया है. सिविल सर्विस परीक्षा में राजस्थान के आईएएस और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार के बेटे विनायक कुमार का चयन हुआ है. विनायक कुमार की ऑल इंडिया 180वी रैंक आई है. पहले ही अटेम्प में सफलता प्राप्त कर चुके विनायक कुमार ने इसी साल जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से MBBS किया है. परीक्षा में सिलेक्शन होने के बाद Etv भारत से खास बातचीत में विनायक ने कहा कि अगर मन में किसी भी लक्ष्य को पूरा करने की इच्छा शक्ति हो तो, कोई राह मुश्किल नहीं होती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पापा आईएएस थे तो इस सिलेक्शन में उनका मार्गदर्शन काफी कारगर रहा.

पापा को देख IAS की तरफ झुकाव था : विनायक कुमार ने बताया कि अपने सिलेक्शन को लेकर वो संतुष्ट हैं. हालांकि अपेक्षा तो हमेशा जायदा की रहती है, लेकिन जिस तरह की तैयारी और समय दिया उसके लिहाज में 180 वीं रैंक से खुश हूं. विनायक ने कहा कि आईएएस बनने की प्रेरणा पापा (आनंद कुमार) को देखकर मिली. कॉलेज करते वक्त ही आईएएस की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन इस बीच में नीट का एग्जाम दिया, उसमें सिलेक्शन हो गया. एमबीबीएस करते वक्त ही IAS की तैयारी की. हालांकि, कॉलेज के समय थोड़ा सा कंफ्यूज था कि डॉक्टरी को आगे रखें या आईएएस की तरफ ज्यादा ध्यान दें, लेकिन फाइनली आईएएस की तरफ जाने का तय किया. इसके बाद परीक्षा के लिए तैयारी शुरू की. परिणाम आप सभी के सामने हैं.

पढ़ें. जोधपुर की बेटी कृष्णा ने पहली बार में हासिल की यूपीएससी में 73वीं रैंक

नींद सेक्रिफाइज किया तो मिली सफलता : विनायक ने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डेडिकेशन होना जरूरी है. डॉक्टरी के साथ जब आईएएस की तैयारी की तो आसान नहीं था. समय की कमी से कई बार दिक्क्त होती, लेकिन नींद में थोड़ी कमी की तो सब मैनेज हुआ और अच्छे परिणाम सामने हैं. विनायक ने आईएएस की तैयारी करने वाले स्टूडेंस को संदेश दिया कि जब भी आप किसी लक्ष्य की तैयारी कर रहे हों तो पूरी तरह फॉक्स होकर करना चाहिए. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए थोड़ी नींद के साथ समझौता किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है. परीक्षा कभी कोई आसान नहीं होती. फिर वो स्कूल की हो या कॉम्पिटिशन की. चुनौती हर जगह होती है बस हमे उस चुनौती का सामना करना आना चाहिए.

चार सब्जेक्ट पर काम करने का मन : विनायक ने कहा कि यूपीएससी में सफलता हासिल करने में पापा का बड़ा सहयोग रहा. वो समय समय पर सही सलाह देते, अच्छे लोगों से बात करवाते, तैयारी किस तरह से करनी है उसको लेकर प्रॉपर गाइडेंस देते थे. आईएएस में सिलेक्शन होने के बाद किस तरह से काम करना है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हेल्थ, सेनिटेशन, न्यूट्रिशन और लॉ एंड ऑर्डर ये चार प्राइमरी चीज हैं, जिन पर वो काम करना चाहते हैं. उनकी प्राथमिकता राजस्थान में काम करने की है, लेकिन जो भी जिम्मेदारी तय होगी, उसके हिसाब से ड्यूटी करनी होगी.

पिता के नक्शेकदम पर बेटा! IAS बने ACS आनंद कुमार के बेटे विनायक.

जयपुर. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली देश की सबसे बड़ी सिविल सर्विसेज परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आ गया है. सिविल सर्विस परीक्षा में राजस्थान के आईएएस और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार के बेटे विनायक कुमार का चयन हुआ है. विनायक कुमार की ऑल इंडिया 180वी रैंक आई है. पहले ही अटेम्प में सफलता प्राप्त कर चुके विनायक कुमार ने इसी साल जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से MBBS किया है. परीक्षा में सिलेक्शन होने के बाद Etv भारत से खास बातचीत में विनायक ने कहा कि अगर मन में किसी भी लक्ष्य को पूरा करने की इच्छा शक्ति हो तो, कोई राह मुश्किल नहीं होती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पापा आईएएस थे तो इस सिलेक्शन में उनका मार्गदर्शन काफी कारगर रहा.

पापा को देख IAS की तरफ झुकाव था : विनायक कुमार ने बताया कि अपने सिलेक्शन को लेकर वो संतुष्ट हैं. हालांकि अपेक्षा तो हमेशा जायदा की रहती है, लेकिन जिस तरह की तैयारी और समय दिया उसके लिहाज में 180 वीं रैंक से खुश हूं. विनायक ने कहा कि आईएएस बनने की प्रेरणा पापा (आनंद कुमार) को देखकर मिली. कॉलेज करते वक्त ही आईएएस की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन इस बीच में नीट का एग्जाम दिया, उसमें सिलेक्शन हो गया. एमबीबीएस करते वक्त ही IAS की तैयारी की. हालांकि, कॉलेज के समय थोड़ा सा कंफ्यूज था कि डॉक्टरी को आगे रखें या आईएएस की तरफ ज्यादा ध्यान दें, लेकिन फाइनली आईएएस की तरफ जाने का तय किया. इसके बाद परीक्षा के लिए तैयारी शुरू की. परिणाम आप सभी के सामने हैं.

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नींद सेक्रिफाइज किया तो मिली सफलता : विनायक ने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डेडिकेशन होना जरूरी है. डॉक्टरी के साथ जब आईएएस की तैयारी की तो आसान नहीं था. समय की कमी से कई बार दिक्क्त होती, लेकिन नींद में थोड़ी कमी की तो सब मैनेज हुआ और अच्छे परिणाम सामने हैं. विनायक ने आईएएस की तैयारी करने वाले स्टूडेंस को संदेश दिया कि जब भी आप किसी लक्ष्य की तैयारी कर रहे हों तो पूरी तरह फॉक्स होकर करना चाहिए. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए थोड़ी नींद के साथ समझौता किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है. परीक्षा कभी कोई आसान नहीं होती. फिर वो स्कूल की हो या कॉम्पिटिशन की. चुनौती हर जगह होती है बस हमे उस चुनौती का सामना करना आना चाहिए.

चार सब्जेक्ट पर काम करने का मन : विनायक ने कहा कि यूपीएससी में सफलता हासिल करने में पापा का बड़ा सहयोग रहा. वो समय समय पर सही सलाह देते, अच्छे लोगों से बात करवाते, तैयारी किस तरह से करनी है उसको लेकर प्रॉपर गाइडेंस देते थे. आईएएस में सिलेक्शन होने के बाद किस तरह से काम करना है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हेल्थ, सेनिटेशन, न्यूट्रिशन और लॉ एंड ऑर्डर ये चार प्राइमरी चीज हैं, जिन पर वो काम करना चाहते हैं. उनकी प्राथमिकता राजस्थान में काम करने की है, लेकिन जो भी जिम्मेदारी तय होगी, उसके हिसाब से ड्यूटी करनी होगी.

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