रायपुर: हिंदू धर्म में की जाने वाली पूजा पद्धति की शुरुआत गणेश जी की पूजा से ही होती है. गणेश की पूजा के बगैर कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती. गणेश जी बुद्धि, विद्या, रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं. इनकी पूजा से सारे कष्ट मिट जाते हैं. गणपति को प्रसन्न करने के लिए विनायक चतुर्थी का व्रत करना चाहिए. विनायक चतुर्थी हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. शनिवार के दिन वैशाख माह की विनायक चतुर्थी मनाई जा रही है.
विनायक चतुर्थी के व्रत का महत्व : महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया, "विनायक चतुर्थी का व्रत वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखी जाती है. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी के लिए समर्पित मानी गई है. गणेश जी का व्रत करने वाले लोग स्नान ध्यान से निवृत होकर भगवान गणेश की पूजन का व्रत का संकल्प लेते हैं. गणेश जी की पूजा-आराधना के बाद अपने दैनिक काम में लग जाएं. फिर रात में गणेश जी का दर्शन और पूजन कर रात में चंद्रोदय के दौरान चंद्रमा को अर्ध्य दें और भगवान गणेश की पूजा करें."
"परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के साथ ही संतान की दीर्घायु जीवन की कामना के लिए विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूरे विधि विधान से पूजा आराधना की जाती है." - पंडित मनोज शुक्ला, महामाया मंदिर, रायपुर
विनायक पूजा का शुभ मुहूर्त : हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 11 मई 2024 की सुबह 2:50 से शुरू होगी, जो 12 मई 2024 को सुबह 2:03 पर समाप्त होगी. विनायक चतुर्थी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह के समय 10:57 से लेकर दोपहर 1:39 तक रहेगा.
ऐसे करें विनायक चतुर्थी के दिन पूजा :
- विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान कर शुभ मुहूर्त में तांबे या मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें.
- एक खाली कलश में जल भरकर उसके मुंह पर लाल वस्त्र बांधकर उस पर गणेश जी को विराजमान करें.
- गणेश जी को सिंदूर और दूर्वा अर्पित करें और 21 लड्डुओं का भोग लगाएं.
- इनमें से पांच लड्डू गणेश जी को अर्पित करके बचे हुए लड्डू जरूरतमंदों को बांट दें.
- भगवान गणेश की कथा गणेश चालीसा का पाठ करें और सुख समृद्धि की कामना करें.
- शाम आरती और पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें.
नोट: यहां बताई सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.