जगदलपुर : बस्तर जिले में धूम्रपान मुक्त पंचायत बनाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत पंचायत सचिवों को कोटपा अधिनियम की जानकारी दी गई और उन्हें धूम्रपान मुक्त पंचायत बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया. बस्तर जिले के 433 पंचायतों में से 7 पंचायतों को पहले चरण में शामिल किया गया है.
धूम्रपान मुक्त पंचायत का उद्देश्य : जानकारी के मुताबिक, इस विशेष अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और पंचायतों में धूम्रपान मुक्त वातावरण सुनिश्चित करना है. इस प्रयास में स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य विभागों की निगरानी समिति गठित की जाएगी, जो अभियान को सफल बनाने में सहयोग करेगी.
"जिले में 433 ग्राम पंचायत हैं. इन ग्राम पंचायतों में से 7 विकासखंडों में 1-1 ग्राम पंचायत को चिन्हाकित किया गया है, जो हाइवे के किनारे और स्कूल के किनारे स्थित है. इस ग्राम पंचायतों को तम्बाकू मुक्त किया जाएगा." - प्रकाश सर्वे, सीईओ, जिला पंचायत बस्तर
समझाइश के बाद भी तम्बाकू बेचने पर कार्रवाई : पंचायत स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे मुनादी, सूचना चस्पा करना और घर-घर जाकर प्रचार किया जाएगा. साथ ही युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि उन्हें तंबाकू के नुकसान से बचाया जा सके. बस्तर में 55 फीसदी पुरुष और 36 फीसदी महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती है.
"हेल्थ डिपार्टमेंट और शिक्षा डिपार्टमेंट के जरिये जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही तम्बाकू और इससे बनने वाले प्रोडक्ट को बेचने वाले दुकानदारों को समझाइश दिया जाएगा. यदि उसके बाद भी बेचने पर जब्ती करके आवश्यक कार्रवाई की जाएगी." - प्रकाश सर्वे, सीईओ, जिला पंचायत बस्तर
प्रशासन बस्तर जिले में तंबाकू सेवन के आंकड़ों को कम करना और इसे तंबाकू मुक्त बनाना चाहती है. विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां तंबाकू सेवन का प्रतिशत अधिक है. इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए धूम्रपान मुक्त पंचायत बनाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू कि जा रहा है.