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डीडवाना के कीचक गांव में निजी कंपनी के बायोगैस पावर प्लांट का विरोध, ग्रामीणों ने शुरू किया जन आंदोलन - protest against biogas power plant

डीडवाना कुचामन जिले के कीचक और छापरी में प्रस्तावित निजी कंपनी के बायोगैस पावर प्लांट का ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में सरकार से इस प्लांट को नहीं लगाने की चेतावनी दी गई.

protest against biogas power plant
बायोगैस पावर प्लांट का विरोध (ETV Bharat Kuchman City)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 21, 2024, 4:27 PM IST

बायोगैस पावर प्लांट के विरोध में क्या बोले पूर्व विधायक (ETV Bharat Kuchman City)

कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले के कीचक और छापरी गांवों के बीच प्रस्तावित निजी कंपनी के बायोगैस पावर प्लांट का विरोध लगातार जारी है. इसे लेकर ग्रामीणों ने जन आंदोलन शुरू कर दिया. इसके तहत रविवार को प्रदर्शन कर विरोध जताया गया.

आज ग्रामीणों ने प्रस्तावित पावर प्लांट के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में आसपास के अनेक गांव के हजारों ग्रामीण शामिल हुए. वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक चेतन डूडी, भाजपा नेता जितेंद्र सिंह जोधा और माकपा नेता भागीरथ यादव सहित सभी पार्टियों के नेता भी शामिल हुए. सभी ने सामूहिक रूप से इस पावर प्लांट का विरोध जताते हुए चेतावनी दी की किसी की सूरत में यह पावर प्लांट नहीं लगने दिया जाएगा.

पढ़ें: भीलवाड़ा में प्रस्तावित मेडिसिटी पर पूर्व न्यास अध्यक्ष ने उठाए सवाल, बोले- मास्टर प्लान की हो रही अवहेलना - Medicity in Bhilwara

इस दौरान संघर्ष समिति अध्यक्ष राजेंद्र रेवाड़ ने बताया कि एक निजी कंपनी द्वारा बायो वेस्ट और कचरे से बायोमास तकनीक से बिजली का उत्पादन करने के लिए गांव में प्लांट लगाने की कवायद की जा रही है. इसके लिए कंपनी द्वारा कीचक गांव में जमीन खरीद कर हरे भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है. जबकि इस बायोमास प्लांट से किचक व छापरी गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में जहरीली गैसों का उत्सर्जन होगा और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा.

पढ़ें: Jaipur Right to Health Bill: निजी अस्पतालों में सरकारी योजनाओं का बहिष्कार, सम्पूर्ण स्वास्थ सेवाएं बंद का आह्वान

गांव में प्रदूषण की वजह से कई तरह की बीमारियां फैलने की भी आशंका है. वहीं पेड़ों की कटाई से भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. ग्रामीणों के अनुसार यह प्लांट पहले सीकर जिले के धोद में लगाया जाना था, लेकिन वहां के लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बाद अब इस प्लांट को कीचक-छापरी लाया गया है. जिससे इन गांवो में प्रदूषण फैलने के आशंका है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए तुरंत इस पावर प्लांट को रोका जाए, अन्यथा मौलासर और डीडवाना क्षेत्र के लोग मिलकर बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

बायोगैस पावर प्लांट के विरोध में क्या बोले पूर्व विधायक (ETV Bharat Kuchman City)

कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले के कीचक और छापरी गांवों के बीच प्रस्तावित निजी कंपनी के बायोगैस पावर प्लांट का विरोध लगातार जारी है. इसे लेकर ग्रामीणों ने जन आंदोलन शुरू कर दिया. इसके तहत रविवार को प्रदर्शन कर विरोध जताया गया.

आज ग्रामीणों ने प्रस्तावित पावर प्लांट के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में आसपास के अनेक गांव के हजारों ग्रामीण शामिल हुए. वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक चेतन डूडी, भाजपा नेता जितेंद्र सिंह जोधा और माकपा नेता भागीरथ यादव सहित सभी पार्टियों के नेता भी शामिल हुए. सभी ने सामूहिक रूप से इस पावर प्लांट का विरोध जताते हुए चेतावनी दी की किसी की सूरत में यह पावर प्लांट नहीं लगने दिया जाएगा.

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इस दौरान संघर्ष समिति अध्यक्ष राजेंद्र रेवाड़ ने बताया कि एक निजी कंपनी द्वारा बायो वेस्ट और कचरे से बायोमास तकनीक से बिजली का उत्पादन करने के लिए गांव में प्लांट लगाने की कवायद की जा रही है. इसके लिए कंपनी द्वारा कीचक गांव में जमीन खरीद कर हरे भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है. जबकि इस बायोमास प्लांट से किचक व छापरी गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में जहरीली गैसों का उत्सर्जन होगा और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा.

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गांव में प्रदूषण की वजह से कई तरह की बीमारियां फैलने की भी आशंका है. वहीं पेड़ों की कटाई से भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. ग्रामीणों के अनुसार यह प्लांट पहले सीकर जिले के धोद में लगाया जाना था, लेकिन वहां के लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बाद अब इस प्लांट को कीचक-छापरी लाया गया है. जिससे इन गांवो में प्रदूषण फैलने के आशंका है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए तुरंत इस पावर प्लांट को रोका जाए, अन्यथा मौलासर और डीडवाना क्षेत्र के लोग मिलकर बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

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