कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले के कीचक और छापरी गांवों के बीच प्रस्तावित निजी कंपनी के बायोगैस पावर प्लांट का विरोध लगातार जारी है. इसे लेकर ग्रामीणों ने जन आंदोलन शुरू कर दिया. इसके तहत रविवार को प्रदर्शन कर विरोध जताया गया.
आज ग्रामीणों ने प्रस्तावित पावर प्लांट के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में आसपास के अनेक गांव के हजारों ग्रामीण शामिल हुए. वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक चेतन डूडी, भाजपा नेता जितेंद्र सिंह जोधा और माकपा नेता भागीरथ यादव सहित सभी पार्टियों के नेता भी शामिल हुए. सभी ने सामूहिक रूप से इस पावर प्लांट का विरोध जताते हुए चेतावनी दी की किसी की सूरत में यह पावर प्लांट नहीं लगने दिया जाएगा.
इस दौरान संघर्ष समिति अध्यक्ष राजेंद्र रेवाड़ ने बताया कि एक निजी कंपनी द्वारा बायो वेस्ट और कचरे से बायोमास तकनीक से बिजली का उत्पादन करने के लिए गांव में प्लांट लगाने की कवायद की जा रही है. इसके लिए कंपनी द्वारा कीचक गांव में जमीन खरीद कर हरे भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है. जबकि इस बायोमास प्लांट से किचक व छापरी गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में जहरीली गैसों का उत्सर्जन होगा और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा.
गांव में प्रदूषण की वजह से कई तरह की बीमारियां फैलने की भी आशंका है. वहीं पेड़ों की कटाई से भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. ग्रामीणों के अनुसार यह प्लांट पहले सीकर जिले के धोद में लगाया जाना था, लेकिन वहां के लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बाद अब इस प्लांट को कीचक-छापरी लाया गया है. जिससे इन गांवो में प्रदूषण फैलने के आशंका है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए तुरंत इस पावर प्लांट को रोका जाए, अन्यथा मौलासर और डीडवाना क्षेत्र के लोग मिलकर बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.