जींद : भीम आर्मी के संस्थापक, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण को गुरुवार को गांव सिंघाना में वाल्मीकि, धानक समाज सहित अन्य ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. गांव के दर्जनों लोगों ने आरक्षण में उपवर्गीकरण का विरोध करने पर काले झंडे दिखाकर और नारेबाजी करके विरोध जताया.
बता दें कि जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण का हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन है. इसी को लेकर दोनों नेता सफीदों हलके के विभिन्न गांवों में जेजेपी के प्रत्याशी के लिए संयुक्त रूप से प्रचार पर निकले हुए थे. जैसे ही उनका काफिला गांव सिंघाना में पहुंचा तो ग्रामीणों ने चंद्रशेखर रावण को काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला सुनाया था और इस फैसले का सबसे पहले सांसद चंद्रशेखर रावण ने विरोध किया और पूरे भारत में बंद का आह्वान कर दिया. चंद्रशेखर रावण केवल एक समाज के लोगों तक सीमित रह गए है और उन्हें वंचित समाज के हितों से कोई लेनादेना नहीं है.
हम सिर्फ रावण का ही विरोध कर रहे, पार्टी का नहीं : ग्रामीणों ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद का सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध और भारत बंद का आह्वान उनके हकों के खिलाफ था, जिसका वे पुरजोर विरोध करते हैं. ग्रामीणों ने साफ किया कि उनका विरोध किसी पार्टी विशेष के लिए नहीं सिर्फ और सिर्फ चंद्रशेखर रावण के लिए था.
ग्रामीणों ने बताया कि आगामी 22 सितंबर को जींद की नई अनाज मंडी में डीएससी समाज का महासम्मेलन होगा. ग्रामीणों ने ये भी बताया कि उन्होंने इशारे के माध्यम से चंद्रशेखर रावण को बातचीत के लिए बुलाया था लेकिन वे प्रचार रथ से नीचे नहीं उतरे और ना ही उनसे कोई बातचीत की.