बिलासपुर: शहर के साथ लगती नौणी, कोठीपुरा, राजपुरा और रघुनाथपुरा पंचायत के ग्रामीणों ने उपायुक्त से मिलकर पड़गल में कूड़ा संयंत्र लगाने का विरोध किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस संयंत्र को लगाने के लिए चार पंचायतों से झूठी एनओसी ली गई है, जबकि किसी भी पंचायत ने यहां कूड़ा संयंत्र लगाने की एनओसी नहीं दी है.
ग्रामीणों के मुताबिक यहां पर एनओसी की न तो पंचायत प्रधान और न ही अन्य प्रतिनिधियों को जानकारी थी. ग्रामीण भी इस संयंत्र के लिए दी गई एनओसी से अनजान हैं. उपायुक्त कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के किसी प्रतिनिधि ने लोगों से झूठे साइन करवाकर यह एनओसी दे दी है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि यहां पर एक वन अधिकार समिति का भी गठन किया गया है और इस समिति में बनाई गई कार्यकारिणी भी पूरी तरह से एक फ्रॉड है. इस समिति के सचिव और सदस्यों को ही इसके बारे में पता नहीं है.
ग्रामीणों ने नगर के सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि इस एनओसी में इतना बड़ा फ्रॉड किया है कि जिनमें एक महिला ऐसे भी है, जिनकी हाथ की उंगलियां तक नहीं हैं, लेकिन एनओसी में उनके अंगूठे के निशान दर्ज करवाए गए हैं. ग्रामीणों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि इस संदर्भ में जल्द से जल्द जांच की जानी चाहिए. उन्होंने उपायुक्त से मांग की है कि इस संदर्भ में जल्द में जल्द से एनओसी रद्द की जाए और यहां पर इस तरह से कोई भी कूड़ा संयंत्र नहीं लगना चाहिए. ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर कूड़ा संयंत्र यंत्र लगने से प्राकृतिक जल स्त्रोत प्रभावित हो सकते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर एम्स, फोरलेन सहित सब्जी मंडी, गोबिंदसागर झील भी है, इस संयंत्र के लगने से यहां पर यह स्थान प्रभावित हो सकते हैं. उन्होंने प्रशासन को यह भी आश्वस्त किया है कि अगर प्रशासन कोई उपयुक्त स्थान चिन्हित करता है तो ग्रामीण प्रशासन को पूरा सहयोग करेंगे.
ये भी पढ़ें: तीन में से दो सीटों पर सीएम सुक्खू का इम्तिहान, जानिए वोटर्स की संख्या से लेकर पिछले चुनावी नतीजे