कासगंज: कासगंज जिले में पोलिंग बूथ बदले जाने से नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने का ऐलान किया है. साथ ही ग्रामीणों ने गांव के बाहर चुनाव बहिष्कार का बैनर भी टांग दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि हमारा बूथ जो 2 किलोमीटर दूर भेज दिया गया है. जिसे वापस गांव में नहीं लाया गया तो सभी ग्रामीण लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे.
ग्रामीणों ने पेड़ पर लगाया चुनाव बहिष्कार का बैनर: पूरा मामला कासगंज जिले की पटियाली तहसील क्षेत्र के ग्राम नगला पीतम का है. जहां के ग्रामीणों ने गांव के बाहर पेड़ पर लोकसभा चुनाव 2024 के बहिष्कार का बैनर टांगा दिया है. दरअसल विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मतदान के लिए नगला पीतम के प्राइमरी स्कूल में पहले पोलिंग बूथ बनती थी. लेकिन प्रशासन ने अब बूथ को गांव से हटा कर म्याऊं गांव में ट्रांसफर कर दिया है. जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया और आने वाले लोकसभा चुनाव में म्याऊं जाकर मतदान न करने का निर्णय लिया है.
पोलिंग बूथ दूर रहने से बुजुर्गों को परेशानी: नगला पीतम के रहने वाले ग्रामीण धाराजीत ने कहा कि, पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में नगला पीतम के अंदर ही बूथ बनता था, लेकिन इस बार ऐसा बूथ को गांव से लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर दूर भेज दिया गया. इतनी दूर बुजुर्गों को आने-जाने में परेशानी होगी. गांव के रहने वाले रामेश्वर सिंह और उदय सिंह का कहना था कि अभी जहां पोलिंग बूथ बनाया गया है वहां पिछले पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा हुई थी. साथ ही हाईवे किनारे बूथ रहने से दुर्घटना होने का भय भी है. घर के बड़े बुजुर्ग बड़ी मुश्किल से वहां वोट डालने जा पाएंगे. साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारा पोलिंग बूथ वापस नगला पीतम में नहीं लाया जाता है तो हम वोट बहिष्कार करेंगे
अपर जिला अधिकारी ने दिए जांज के आदेश: वहीं मामले पर कासगंज के अपर जिलाधिकारी राकेश पटेल ने बताया कि चुनाव बहिष्कार करने की जानकारी मिली है. तत्काल पटियाली जिला अधिकारी कुलदीप सिंह को निर्देशित किया गया है. माननीय चुनाव आयोग की गाइडलाइन है कि गांव के 2 किलोमीटर की परिधि के अंदर पोलिंग बूथ होना चाहिए. फिर भी अधिकारी को मौके पर जाकर मामले की जांच करने को कहा गया है.
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