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जखोल में सोमेश्वर देवता के दर्शन के लिए उमड़े ग्रामीण, खास होता है देवगोत मेला

Devgot Mela in Jakhol जखोल में सोमेश्वर देवता के दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी है. सोमेश्वर देवता को 22 गांवों के लोग ईष्ट देवता के रूप में पूजते हैं. सावण के महीने में सोमेश्वर देवता के मेले 22 गांव के मंदिर और थानों में लगते हैं, लेकिन सूर्य उत्तरायण पर्व पर देवगोत मेला जखोल गांव यानी देवता के मूल थान में लगता है.

Villagers Gathered in Devgot Mela
देवगोत मेले में लोक नृत्य
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 28, 2024, 7:37 PM IST

उत्तरकाशी: मोरी ब्लॉक की पंचगाई पट्टी के जखोल गांव में स्थित सोमेश्वर देवता मंदिर में देवगोत मेला धूमधाम से मनाया गया. इस असवर पर पट्टी के 22 गांवों के ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर पहुंचकर इष्ट देवता के दर्शन किए और क्षेत्र की समृद्धि की कामना की.

बता दें कि भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के अवसर पर हर साल जखोल स्थित सोमेश्वर देवता के मूल थान में माघ देवगोत मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में पंचगांई पट्टी के लिवाड़ी, फिताड़ी, सावणी, सटूड़ी, रेक्चा, धारा, पांव, सुनकुंडी समेत 22 गांव के महिलाएं और पुरूष ढोल नगाड़ों के साथ ईष्ट देवता सोमेश्वर के पास पहुंचते हैं. मेले की शुरुआत देवता के मूल स्थान जखोल गांव से होती है. इस दौरान ईष्ट देवता सोमेश्वर की विशेष पूजा अर्चना कर मंडाण लगाया जाता है.

Villagers Gathered in Devgot Mela
सोमेश्वर देवता

इस बार भी सुदूरवर्ती गांवों से ढोल नगाड़ों के साथ ग्रामीण महिलाएं, पुरुष, युवा देवगोत मेले में पहुंचे. जिन्होंने बड़े हर्षोल्लास के साथ देव पूजा में शामिल होकर देव पश्वा से आर्शीवाद लिया. देवता के बजीर किशन रावत ने बताया कि यूं तो सावण महीने में सोमेश्वर महाराज के मेले 22 गांव के मंदिर और थानों में लगते हैं, लेकिन सूर्य उत्तरायण पर्व पर विशेष देवगोत मेला क्षेत्र के जखोल गांव में देवता के मूल थान में लगता है. जिसमें क्षेत्र की सुख समृद्धि एवं खुशहाली के लिए पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी जाती है.

वहीं, सूर्य उत्तरायण पर्व से 15 दिनों तक सोमेश्वर महाराज जखोल में ही विराजमान रहेंगे. उसके बाद देवडोली, सावणी, सुनकुंडी सटूड़ी, पांव, सिरगा सौड़, सांकरी, सिदरी, कोटगांव समेत गांव-गांव में मेला मनाया जाता है. इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश्वर लाल ने भी सोमेश्वर महाराज के दर्शन कर आर्शीवाद लिया और क्षेत्र की खुशहाली की मन्नत मांगी.

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बता दें कि भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के अवसर पर हर साल जखोल स्थित सोमेश्वर देवता के मूल थान में माघ देवगोत मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में पंचगांई पट्टी के लिवाड़ी, फिताड़ी, सावणी, सटूड़ी, रेक्चा, धारा, पांव, सुनकुंडी समेत 22 गांव के महिलाएं और पुरूष ढोल नगाड़ों के साथ ईष्ट देवता सोमेश्वर के पास पहुंचते हैं. मेले की शुरुआत देवता के मूल स्थान जखोल गांव से होती है. इस दौरान ईष्ट देवता सोमेश्वर की विशेष पूजा अर्चना कर मंडाण लगाया जाता है.

Villagers Gathered in Devgot Mela
सोमेश्वर देवता

इस बार भी सुदूरवर्ती गांवों से ढोल नगाड़ों के साथ ग्रामीण महिलाएं, पुरुष, युवा देवगोत मेले में पहुंचे. जिन्होंने बड़े हर्षोल्लास के साथ देव पूजा में शामिल होकर देव पश्वा से आर्शीवाद लिया. देवता के बजीर किशन रावत ने बताया कि यूं तो सावण महीने में सोमेश्वर महाराज के मेले 22 गांव के मंदिर और थानों में लगते हैं, लेकिन सूर्य उत्तरायण पर्व पर विशेष देवगोत मेला क्षेत्र के जखोल गांव में देवता के मूल थान में लगता है. जिसमें क्षेत्र की सुख समृद्धि एवं खुशहाली के लिए पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी जाती है.

वहीं, सूर्य उत्तरायण पर्व से 15 दिनों तक सोमेश्वर महाराज जखोल में ही विराजमान रहेंगे. उसके बाद देवडोली, सावणी, सुनकुंडी सटूड़ी, पांव, सिरगा सौड़, सांकरी, सिदरी, कोटगांव समेत गांव-गांव में मेला मनाया जाता है. इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश्वर लाल ने भी सोमेश्वर महाराज के दर्शन कर आर्शीवाद लिया और क्षेत्र की खुशहाली की मन्नत मांगी.

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