पटनाः बिहार के मसौढ़ी के कृमदीचक गांव में पिछले 40 वर्षों से मनोहर नदी पर पुलिया नहीं बन सका. इस पुलिया के बनने से तकरीबन 10 गांव के ग्रामीणों को फायदा होता, लेकिन बार-बार मांग किए जाने के बाद जब सरकार ने इस पुलिया का निर्माण नहीं कराया तो गांव वालों ने खुद ही पुलिया बनाना शुरू कर दिया.
श्रमदान से ग्रामीण बना रहे पुलियाः दरअसल मसौढ़ी प्रखंड के कृमदीचक गांव और निर्वांणचक गांव के बीच में एक मोरहर नदी है. जहां तकरीबन 25 फिट की दूरी पर नदी का मुहाना है. जहां पर बरसात में आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तब उसे अस्पताल ले जाने में होती है. ऐसे में ग्रामीण लगातार सरकार से पुलिया बनाने की मांग कर रहे थे.
आवेदन देकर की गई थी पुलिया की मांगः ग्रामीणों ने कहा कि जब बाढ़ संसदीय क्षेत्र के सांसद और रेल मंत्री नीतीश कुमार हुआ करते थे, उसी वक्त हम सभी ग्रामीणों ने आवेदन देकर गुहार लगाई थी, लेकिन आज तक किसी ने भी इस गांव की तरफ नजर नहीं डाली और आज इतने साल गुजर जाने के बाद भी ये पुलिया नहीं बना.
"हम सभी गांव के लोगों ने मिल बैठकर फैसला किया और अब श्रमदान से ये पुलिया बना रहे हैं. जब-जब चुनाव आता है तो हाथ जोड़कर नेता लोग वोट मांगने जरूर आते हैं, लेकिन गांव की समस्याओं पर किसी की नजर नहीं है. सिर्फ आश्वासन देते हैं. अब हम सभी जागरूक हो गए हैं, वैसे नेताओं को सबक सिखाएंगे"- नागेंद्र सिंह, स्थानीय
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