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40 साल से सरकार ने नहीं सुनी तो श्रमदान की ठानी, थक हार कर ग्रामीण खुद बना रहे पुलिया

Shramdaan In Masaurhi: मसौढ़ी में मोरहर नदी पर पुलिया बनने का इंताजर करते-करते जब ग्रामीण थक गए तो उन्होंने खुद ही श्रमदान की ठान ली. सरकारी मदद नहीं मिलने के कारण मजबूरी में इन्होंने ने खुद ही बेलचा और कुदाल उठा लिया. लोक कल्याणकारी राज्य में सरकार को आइना दिखाती ये तस्वीर आने वाले चुनावों में भी अपना रंग जरूर दिखाएगी.

Shramdaan In Masaurhi:
Shramdaan In Masaurhi
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 4, 2024, 9:51 AM IST

Updated : Feb 4, 2024, 10:50 AM IST

मसौढ़ी में श्रमदान से गांव वाले बना रहे पुलिया

पटनाः बिहार के मसौढ़ी के कृमदीचक गांव में पिछले 40 वर्षों से मनोहर नदी पर पुलिया नहीं बन सका. इस पुलिया के बनने से तकरीबन 10 गांव के ग्रामीणों को फायदा होता, लेकिन बार-बार मांग किए जाने के बाद जब सरकार ने इस पुलिया का निर्माण नहीं कराया तो गांव वालों ने खुद ही पुलिया बनाना शुरू कर दिया.

मसौढ़ी कृमदीचक गांव
मसौढ़ी कृमदीचक गांव

श्रमदान से ग्रामीण बना रहे पुलियाः दरअसल मसौढ़ी प्रखंड के कृमदीचक गांव और निर्वांणचक गांव के बीच में एक मोरहर नदी है. जहां तकरीबन 25 फिट की दूरी पर नदी का मुहाना है. जहां पर बरसात में आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तब उसे अस्पताल ले जाने में होती है. ऐसे में ग्रामीण लगातार सरकार से पुलिया बनाने की मांग कर रहे थे.

आवेदन देकर की गई थी पुलिया की मांगः ग्रामीणों ने कहा कि जब बाढ़ संसदीय क्षेत्र के सांसद और रेल मंत्री नीतीश कुमार हुआ करते थे, उसी वक्त हम सभी ग्रामीणों ने आवेदन देकर गुहार लगाई थी, लेकिन आज तक किसी ने भी इस गांव की तरफ नजर नहीं डाली और आज इतने साल गुजर जाने के बाद भी ये पुलिया नहीं बना.

मसौढ़ी कृमदीचक गांव
मसौढ़ी कृमदीचक गांव

"हम सभी गांव के लोगों ने मिल बैठकर फैसला किया और अब श्रमदान से ये पुलिया बना रहे हैं. जब-जब चुनाव आता है तो हाथ जोड़कर नेता लोग वोट मांगने जरूर आते हैं, लेकिन गांव की समस्याओं पर किसी की नजर नहीं है. सिर्फ आश्वासन देते हैं. अब हम सभी जागरूक हो गए हैं, वैसे नेताओं को सबक सिखाएंगे"- नागेंद्र सिंह, स्थानीय

Banka News: जिम्मेदारों से नहीं मिली मदद तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर बना दी 2 किलोमीटर कच्ची सड़क

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मसौढ़ी कृमदीचक गांव
मसौढ़ी कृमदीचक गांव

श्रमदान से ग्रामीण बना रहे पुलियाः दरअसल मसौढ़ी प्रखंड के कृमदीचक गांव और निर्वांणचक गांव के बीच में एक मोरहर नदी है. जहां तकरीबन 25 फिट की दूरी पर नदी का मुहाना है. जहां पर बरसात में आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तब उसे अस्पताल ले जाने में होती है. ऐसे में ग्रामीण लगातार सरकार से पुलिया बनाने की मांग कर रहे थे.

आवेदन देकर की गई थी पुलिया की मांगः ग्रामीणों ने कहा कि जब बाढ़ संसदीय क्षेत्र के सांसद और रेल मंत्री नीतीश कुमार हुआ करते थे, उसी वक्त हम सभी ग्रामीणों ने आवेदन देकर गुहार लगाई थी, लेकिन आज तक किसी ने भी इस गांव की तरफ नजर नहीं डाली और आज इतने साल गुजर जाने के बाद भी ये पुलिया नहीं बना.

मसौढ़ी कृमदीचक गांव
मसौढ़ी कृमदीचक गांव

"हम सभी गांव के लोगों ने मिल बैठकर फैसला किया और अब श्रमदान से ये पुलिया बना रहे हैं. जब-जब चुनाव आता है तो हाथ जोड़कर नेता लोग वोट मांगने जरूर आते हैं, लेकिन गांव की समस्याओं पर किसी की नजर नहीं है. सिर्फ आश्वासन देते हैं. अब हम सभी जागरूक हो गए हैं, वैसे नेताओं को सबक सिखाएंगे"- नागेंद्र सिंह, स्थानीय

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Last Updated : Feb 4, 2024, 10:50 AM IST
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