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हाथियों के उत्पात से दहशत में ग्रामीण, फसलों और घरों को बचाने के लिए कर रहे रतजगा - WILD ELEPHANT IN KHUNTI

खूंटी में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है. ग्रामीण हाथियों को भगाने और घरों की सुरक्षा के लिए खुद ही पहरेदारी कर रहे हैं.

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गांव पहुंचा हाथियों का झुंड (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 11 hours ago

खूंटी: वन प्रमंडल के कर्रा प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीण एक सप्ताह से रतजगा कर रहे हैं. कड़कड़ाती ठंड के बावजूद गांव से बाहर हाथों में डंडे और खुद के खर्चे से पटाखा और मशाल लेकर रात गुजारने को मजबूर हैं, क्योंकि क्षेत्र में हाथियों का आतंक है. अपनी खेतों और खलिहानों में रखे अनाजों को बचाने के लिए ग्रामीण रात भर जाग रहे हैं.

ग्रामीणों को हो रहा आर्थिक नुकसान

पिछले एक महीने से हाथियों का झुंड वन प्रमंडल क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण कर रहा है. खासकर तमाड़, बुंडू, सोनाहातू इलाके और कर्रा के जरियागड़ क्षेत्रों में मौजूद है. झुंड से बिछड़कर दो से तीन हाथी लगातार उत्पात मचा रहे हैं. खेतों में लगी फसलों को खाने से ज्यादा बर्बाद करना और खलिहानों में रखे अनाजों को बर्बाद करने का काम कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.

जानकारी देते ग्रामीण (ETV BHARAT)

इतना ही नहीं हाथियों के झुंड ने घरों को भी क्षतिग्रस्त किया है, जिसके कारण ग्रामीणों का रात में सोना मुश्किल हो रहा है. शाम होते ही ग्रामीण अपने-अपने घरों में दुबक जा रहे हैं. हाथी शाम होते ही जंगलों से निकलकर गांवों की ओर कूच कर जाते हैं. साथ ही घूमते-घूमते शहरी इलाकों तक भी पहुंच जा रहे हैं.

ग्रामीण खुद कर रहे हैं पहरेदारी

बीते बुधवार को तीन हाथियों का समूह तोरपा के शहरी इलाके में पहुंच गया था. इस दौरान एक स्कूल सहित कई अन्य लोगों के घरों की दीवारों को तोड़ दिया. कर्रा प्रखंड क्षेत्र के जरियागढ़ इलाके के जरियागड़, गुस्सा टोली, रेहरगढ़ा, मुरुचकेल, नगड़ा, होचोर, गारी, लापा रेगरे, बकसपुर, चुरले, सिमटीमड़ा सहित अन्य गांवों में हाथियों के झुंड से बिछड़े तीन हाथी लगातार उत्पात मचा रहे हैं. जिसके कारण क्षेत्र के ग्रामीण फसलों एवं घरों को बचाने के लिए रात जागकर गांव की पहरेदारी करने को मजबूर हैं.

हाथी भगाने के उपाय में जुटे ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने खुद के खर्चे से हाथी भगाने के उपकरण खरीदे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि जितना उपकरण खरीदे हैं उससे हाथी भगाने में मुश्किल जरूर होती है लेकिन हाथी भाग जाता है. गांव वालों ने वन विभाग से अपील की है कि गांव में हाथी भगाने का उपकरण उपलब्ध कराए. टॉर्च, मोबिल, तेल, मशाल सहित पटाखा देने की गुहार लगाई है.

रेंजर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र में विचरण कर रहे हाथियों पर विभाग नजर बनाए हुए है. हाथियों को उसके कॉरिडोर की तरफ भेजने का प्रयास भी जारी है. उन्होंने ग्रामीणों से रात में घरों से बाहर न निकलने की अपील की है.

ये भी पढ़ें: इन दो रंगों से चिढ़ते हैं जंगली हाथी, अपने खलिहान को बचाने के लिए ये करें उपाय!

ये भी पढ़ें: वनों की अंधाधुंध कटाई ने हाथियों से छीना उनका प्राकृतिक आवास, ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा

खूंटी: वन प्रमंडल के कर्रा प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीण एक सप्ताह से रतजगा कर रहे हैं. कड़कड़ाती ठंड के बावजूद गांव से बाहर हाथों में डंडे और खुद के खर्चे से पटाखा और मशाल लेकर रात गुजारने को मजबूर हैं, क्योंकि क्षेत्र में हाथियों का आतंक है. अपनी खेतों और खलिहानों में रखे अनाजों को बचाने के लिए ग्रामीण रात भर जाग रहे हैं.

ग्रामीणों को हो रहा आर्थिक नुकसान

पिछले एक महीने से हाथियों का झुंड वन प्रमंडल क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण कर रहा है. खासकर तमाड़, बुंडू, सोनाहातू इलाके और कर्रा के जरियागड़ क्षेत्रों में मौजूद है. झुंड से बिछड़कर दो से तीन हाथी लगातार उत्पात मचा रहे हैं. खेतों में लगी फसलों को खाने से ज्यादा बर्बाद करना और खलिहानों में रखे अनाजों को बर्बाद करने का काम कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.

जानकारी देते ग्रामीण (ETV BHARAT)

इतना ही नहीं हाथियों के झुंड ने घरों को भी क्षतिग्रस्त किया है, जिसके कारण ग्रामीणों का रात में सोना मुश्किल हो रहा है. शाम होते ही ग्रामीण अपने-अपने घरों में दुबक जा रहे हैं. हाथी शाम होते ही जंगलों से निकलकर गांवों की ओर कूच कर जाते हैं. साथ ही घूमते-घूमते शहरी इलाकों तक भी पहुंच जा रहे हैं.

ग्रामीण खुद कर रहे हैं पहरेदारी

बीते बुधवार को तीन हाथियों का समूह तोरपा के शहरी इलाके में पहुंच गया था. इस दौरान एक स्कूल सहित कई अन्य लोगों के घरों की दीवारों को तोड़ दिया. कर्रा प्रखंड क्षेत्र के जरियागढ़ इलाके के जरियागड़, गुस्सा टोली, रेहरगढ़ा, मुरुचकेल, नगड़ा, होचोर, गारी, लापा रेगरे, बकसपुर, चुरले, सिमटीमड़ा सहित अन्य गांवों में हाथियों के झुंड से बिछड़े तीन हाथी लगातार उत्पात मचा रहे हैं. जिसके कारण क्षेत्र के ग्रामीण फसलों एवं घरों को बचाने के लिए रात जागकर गांव की पहरेदारी करने को मजबूर हैं.

हाथी भगाने के उपाय में जुटे ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने खुद के खर्चे से हाथी भगाने के उपकरण खरीदे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि जितना उपकरण खरीदे हैं उससे हाथी भगाने में मुश्किल जरूर होती है लेकिन हाथी भाग जाता है. गांव वालों ने वन विभाग से अपील की है कि गांव में हाथी भगाने का उपकरण उपलब्ध कराए. टॉर्च, मोबिल, तेल, मशाल सहित पटाखा देने की गुहार लगाई है.

रेंजर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र में विचरण कर रहे हाथियों पर विभाग नजर बनाए हुए है. हाथियों को उसके कॉरिडोर की तरफ भेजने का प्रयास भी जारी है. उन्होंने ग्रामीणों से रात में घरों से बाहर न निकलने की अपील की है.

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