शिमला: हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारों को निर्माण कार्य में लापरवाही बरतना अब महंगा पड़ सकता है. प्रदेश सरकार ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता न बरतने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश जारी किए हैं. शिमला में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं.
बैठक में विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "खराब प्रदर्शन करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. निर्धारित समय और गुणवत्तापूर्ण काम न करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा. वहीं, उच्च गुणवत्ता मानकों को पूरा करने वाले ठेकेदारों को और काम देकर पुरस्कृत किया जाएगा. वर्तमान वित्त वर्ष में अब तक रख रखाव कार्य में 526.42 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है. इस दौरान अब तक 18 पुलों, 33 भवनों, 190.44 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कों और 309.22 किलोमीटर क्रॉस ड्रेनेज का निर्माण किया गया है".
1060 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण: लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में 674.30 किलोमीटर सड़कों पर तारकोल बिछाया गया है. इसी तरह से 1060 किलोमीटर सड़कों का समय-समय पर नवीनीकरण हुआ है. प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 के तहत शत-प्रतिशत और पीएमजीएसवाई-1 के अंतर्गत 99 फीसदी कार्य पूरा कर लिया गया है. इसके अतिरिक्त वर्तमान में प्रदेश में नाबार्ड के तहत 337 परियोजनाएं चल रही हैं. वहीं, शेष 15 परियोजनाओं को जल्द आवंटित कर दिया जाएगा.
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विभाग का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिसके लिए विभाग के डब्ल्यूएएमआईएस सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने पर सक्रिय रूप से कार्य किया जा रहा है. यह कदम पीडब्ल्यूडी की कार्य प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा और परियोजना निष्पादन में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा. यह सॉफ्टवेयर निविदा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा और कार्यों को समय पर पूरा करने और सुशासन में दक्षता और जवाबदेही पर सरकार की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करेगा.
विक्रमादित्य सिंह ने भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों और पुलों की तुरंत प्रभाव से मरम्मत और रखरखाव को प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए. ताकि जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े.